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नव क्रियान्वित क्षेत्र के कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत बीमाधारी व्यक्तियों को आयुष्मान भारत के तहत उपचार मिलेगा

देश-विदेश

नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 178वीं बैठक हुई। बैठक में श्री गंगवार ने सेवा प्रदाता प्रणाली में सुधारों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए।

नव क्रियान्वित क्षेत्र के कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत बीमाधारी व्यक्तियों को आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत उपचार मिलेगाः

बैठक में आयुष्मान भारत पैकेज दरों के तहत नकदविहीन दूसरे और तीसरे स्तर की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी। यह सुविधा राज्य बीमा आयोग के तहत योग्य लाभार्थियों को 102 जिलों के नव क्रियान्वित क्षेत्रों में मिलेगी। यह सुविधा प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना को लागू करने वाले राज्यों के अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाएगी। इस पहल के सहज क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए ईएसआई लाभार्थियों को प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के जरिए पंजीकरण और भुगतान के संबंध में होगी। इसमें पांच लाख रुपये की अधिकतम सीमा का चिकित्सा खर्च शामिल है। इसके ऊपर के खर्च के लिए ईएसआईसी को मंजूरी के लिए मामला भेजा जाएगा।

इसी तरह पीएमजेएवाई लाभार्थियों को कम इस्तेमाल वाले ईएसआई अस्पतालों के संबंध में आयुष्मान भारत के तहत स्वीकृत पैकेज के अनुसार चिकित्सा उपचार सुविधाएं प्राप्त होंगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी सीधे ईएसआईसी को भुगतान करेगी।

ईएसआईसी श्रीनगर में सौ बिस्तरों का और लेह में 30 बिस्तरों का अस्पताल खोलेगाः

बैठक के दौरान सैद्धांतिक रूप से यह मंजूरी दी गई कि ईएसआईसी श्रीनगर में सौ बिस्तरों का और लेह में 30 बिस्तरों का अस्पताल खोलेगा।

गैर-बीमित व्यक्ति के लिए कम इस्तेमाल होने वाले औषधालय और शाखा कार्यालय (डीसीबीओ) में चिकित्सा सेवाएं खोलना :

ईएसआईसी ने कम इस्तेमाल होने वाले अस्पताल खोलने की तर्ज पर मामूली उपयोग शुल्क के आधार पर अखिल भारतीय स्तर पर गैर-बीमित व्यक्तियों के लिए कम इस्तेमाल होने वाले औषधालय और शाखा कार्यालय (डीसीबीओ) खोलने का फैसला किया है।

सरोजिनी नगर (लखनऊ) और जाजमाऊ (कानपुर) में गैर-बीमित व्यक्तियों के लिए अस्पताल खुले

इससे पहले, ईएसआई निगम ने उसके कम इस्तेमाल होने वाले ईएसआई अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने की गैर-बीमित व्यक्तियों को इजाजत देने का फैसला किया था, और इसके बाद अलवर (राजस्थान), बिहटा (बिहार), गुलबर्गा (कर्नाटक), बरेली और वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थित ईएसआई अस्पतालों को गैर-बीमित व्यक्तियों के लिए खोल दिया गया। अब गैर-बीमित व्यक्ति 10 रुपये के मामूली शुल्क और सरोजिनी नगर (लखनऊ) तथा जाजमाऊ (कानपुर) उत्तर प्रदेश स्थित ईएसआई अस्पतालों में आईपीडी के लिए सीएचजीएस पैकेज दरों की 25 प्रतिशत की दर पर चिकित्सा सेवा परामर्श ले सकते हैं।

अर्जुन पुरस्कार प्राप्त पैरा बैडमिंटन चैम्पियन और ईएसआईसी के कर्मचारी श्री प्रमोद भगत को श्रम और रोजगार मंत्री द्वारा 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार करने की घोषणा

बैठक के दौरान श्री गंगवार ने पैरा बैडमिंटन चैम्पियन श्री प्रमोद भगत को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। श्री भगत ओडिशा क्षेत्र में और ईएसआईसी के कर्मचारी हैं।

बैठक के दौरान उपरोक्त बातों के अलावा बीमित व्यक्तियों और उनके आश्रितों को सेवाओं/ लाभों में सुधार से जुड़े 40 अन्य विषयों तथा अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक में जिन अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया उनमें उत्तराखंड के श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, श्रम और रोजगार सचिव श्री हीरा लाल समारिया, सांसद श्री राम कृपाल यादव, सुश्री डोला सिंह, श्री जॉन बर्ला तथा ईएसआईसी के महानिदेशक श्री राजकुमार, श्रम और रोजगार मंत्रालय में अपर सचिव श्रीमती अनुराधा प्रसाद, ईएसआई निगम के सदस्य, राज्य सरकारों और ईएसआईसी के प्रतिनिधि शामिल थे।      

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