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लॉकडाउन के दौरान खेती और संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कृषि, सहयोग और किसान कल्याण विभाग की पहल

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नई दिल्ली: कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान किसानों और खेती की गतिविधियों को जमीनी स्तर पर सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपायों को किया जा रहा है। अद्यतन स्थिति नीचे दी गई है:

1. भारत सरकार द्वारा कटाई और बुवाई के मौसम को ध्यान में रखते हुए कृषि कार्यों के लिए निम्न छूट प्रदान की गई है:

i. कृषि उत्पादों की खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) के संचालन में लगी एजेंसियां;

ii. खेत में किसानों और खेतिहर श्रमिकों द्वारा खेती से संबंधित कार्य;

iii.‘मंडियां’, कृषि उपज बाजार समिति द्वारा संचालित या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित;

iv. ‘मंडियां’, प्रत्यक्ष विपणन, राज्य सरकार/ केंद्र शासित प्रशासन द्वारा सुविधा प्राप्त, किसानों/ किसानों के समूहों द्वारा सीधे संचालित। एफपीओ, सहकारी समितियां आदि शामिल;

v. बीज, उर्वरक और कीटनाशक की दुकानें;

vi. बीज, उर्वरक और कीटनाशक की विनिर्माण और पैकेजिंग इकाइयां;

vii. फॉर्म मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी);

viii. कटाई और बुवाई संबंधित मशीनों की राज्यांतरिक और अंतरराज्यीय गतिविधियां जैसे संयुक्त हार्वेस्टर और अन्य कृषि/ बागवानी उपकरण;

ix. कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सेवाएं;

x. खाद्य पदार्थों के लिए पैकेजिंग सामग्रियों की विनिर्माण इकाइयां;

xi. आवश्यक वस्तुओं के लिए परिवहन;

xii. कृषि मशीनरी की दुकानें, इसके कल-पुर्जे (आपूर्ति श्रृंखला सहित) और मरम्मत की दुकानें।

xiii. चाय उद्योग, पौधरोपण सहित, अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिकों की उपलब्धता के साथ।

2. कृषि मंत्री ने राज्य मंत्री (कृषि) के साथ मिलकर आज अखिल भारतीय कृषि परिवहन कॉल सेंटर का औपचारिक शुरूआत किया। इस कॉल की स्थापना राज्यों के बीच विकारी खाद्यों जैसे सब्जियों और फलों, कृषि आदानों जैसे बीजों, कीटनाशकों और उर्वरक आदि के अंतरराज्यीय गतिविधियों के लिए समन्वय स्थापित करने के लिए की गई है। इस कॉल सेंटर का नंबर 18001804200 और 14488 हैं। इस नंबर पर किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन फोन से डायल किया जा सकता है।

ट्रक चालक, व्यापारी, खुदरा विक्रेता, ट्रांसपोर्टर या कोई भी अन्य हितधारक जो उपरोक्त वस्तुओं के अंतरराज्यीय गतिविधियों में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, कॉल सेंटर पर फोन करके मदद प्राप्त कर सकते हैं। कॉल सेंटर के कर्मचारी समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को वाहन, माल और आवश्यक मदद की पूरी जानकारी भेजेंगे।

3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 24.03.2020 से लॉकडाउन अवधि के दौरान, अब तक लगभग 8.46 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं और 16,927 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

4. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएम-जीकेवाई) के अंतर्गत, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को भुगतान करने के लिए लगभग 5,516 मीट्रिक टन दालें भेजी गई है।

5. रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को तेज गति के साथ करने के लिए 236 पार्सल स्पेशल ट्रेनें (जिनमें से 171 टाइम टेबल पार्सल ट्रेनें शामिल हैं) चलाने के लिए 67 मार्गों की शुरूआत की है, जिसमें विकारी बागवानी उपजें, कृषि आदानें अर्थात् बीज, उर्वरक और कीटनाशक, दूध और डेयरी उत्पादें शामिल हैं, जो कि पूरे देश में किसानों/ एफपीओ/ व्यापारियों और कंपनियों को आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता वाली सुविधा प्रदान करेगी। रेलवे द्वारा देश के प्रमुख शहरों के बीच और राज्य मुख्यालयों से राज्य के सभी हिस्सों के बीच नियमित संपर्क स्थापित किया गया है। 11.04.2020 को रेलवे बोर्ड, एमओएफपीआई और राज्यों के बीच एक वीडियो कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।

6. किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए, एनएचबी द्वारा मान्यता प्राप्त नर्सरी की स्टार रेटिंग प्रमाणीकरण की वैधता को 30 सितंबर, 2020 तक विस्तारित किया गया है।

7. राज्यों से राज्यांतरिक और अंतरराज्यीय आवागमन की अनुमति देने का अनुरोध करके प्रवासी मधुमक्खी पालन की सुविधा प्रदान की गई है।

8. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत, देश के 12 राज्यों में लाभार्थी किसानों के बीच 2,424 करोड़ रुपये की बीमा राशि वितरित की गई है।

9. एग्री-गोल्ड लोन और अन्य एग्री खातों को केसीसी खातों में परिवर्तित करने की देय तिथि 31.03.2020 थी। कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, देय तिथि को बढ़ाकर 31.05.2020 कर दिया गया है, उन खातों को 31.05.2020 तक ब्याज निवारण (आईएस) और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के विस्तार का लाभ भी मिलेगा।

10. 31.05.2020 तक ऋणों का पुनर्भुगतान या पुनर्भुगतान करने की वास्तविक तिथि के लिए, इनमें से जो भी पहले आता हो, बैंकों को 2% ब्याज निवारण (आईएस) प्रदान करने और किसानों को 3% शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) प्रदान करने का निर्णय (30.03.2020 को) लिया गया है, बैंकों द्वारा 7% प्रति वर्ष के ब्याज पर किसानों को दिए गए 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के फसल ऋण के लिए, जो 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 के बीच देय हैं या देय हो जाएंगे।

11. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) संतृप्ति अभियान को सभी पीएम- किसान लाभार्थियों को कवर करने के लिए डीएसी एंड एफडब्लू द्वारा वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से शुरू किया गया है। अब तक 83 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 18.26 लाख आवेदन को 17,800 करोड़ रूपये की ऋण राशि के लिए मंजूर प्रदान की गई है।

12. रबी मौसम 2020 के दौरान, नैफेड ने एमएसपी पर 1,24,125 मीट्रिक टन दालों और तिलहनों की खरीद की है जिसका कुल मुल्य 606.52 करोड़ रुपया है। इससे 91,710 किसानों को फायदा पहुंचा है।

13. हाल ही में ई-एनएएम प्लेटफॉर्म पर लॉजिस्टिक्स एग्रीगेटर के उबेराइजेशन मॉड्यूल की शुरूआत की गई है। 7.76 लाख से ज्यादा ट्रक और 1.92 लाख ट्रांसपोर्टर पहले से ही इस मॉड्यूल के साथ जुड़े हुए हैं।

14. एपीडा द्वारा परिवहन, कर्फ्यू पास, पैकेजिंग इकाइयों से संबंधित कई प्रयासों और मुद्दों को रखा है, जिसका समाधान किया जा रहा है। सभी प्रमुख उत्पादों यानी चावल, मूंगफली, संसाधित खाद्य, मीट, पोल्ट्री, डेयरी और ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स का निर्यात शुरू किया जा चुका है।

15. भारत में गेहूं की फसल बहुत अच्छी हुई है, जो कि अपनी मांग के बाद अधिशेष के रूप में है। देशों की विशेष मांग पर, नैफेड ने जी2जी व्यवस्था के अंतर्गत अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और लेबनान को 40,000 मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया है।

16. लचीला दृष्टिकोण अपनाया गया है: प्राप्ति होने पर मूल प्रमाणपत्रों की प्रस्तुति के लिए आयातकों से एक अंडरटेकिंग के साथ फाइटो सैनिटरी प्रमाणपत्रों की डिजिटल प्रतियां स्वीकार की जा रही हैं। निर्यात के लिए भी इसी प्रकार की प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इनके लिए एसओपी जारी किया गया है।

17. निर्यात के लिए कुल 9,759 फाइटो सैनिटरी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं और आयात के लिए 2,728 खेपें जारी की गई हैं।

18. कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की अवधि में, पैक हाउस, राइस मिल्स, प्रोसेसिंग इकाईयों, उपचार सुविधाओं, धूमन एजेंसियों, पीएफक्यू सुविधाओं आदि की समाप्त हो चुकी मान्यता बढ़ा दी गई है।

19. इसके अलावा 33 आयात परमिट कीटनाशकों के आयात के लिए, 309 प्रमाणपत्र कीटनाशकों के निर्यात के लिए और 1,324 प्रमाणपत्र कीटनाशकों के स्वदेशी विनिर्माताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए जारी किए गए हैं।

20. अखिल  भारतीय बीज आवश्यकता और उपलब्धता खरीफ -2020 को विभिन्न हितधारकों तक परिचालित किया जा रहा है, ब्रीडर बीज आवंटन खरीफ -2020 और ब्रीडर बीज सूचकांक खरीफ -2021 को इस अवधि में अंतिम रूप दिया गया है। इस लॉकडाउन की अवधि के दौरान, 2.70 लाख क्विंटल अनाज, बाजरा, दाल आदि के बीजों को स्थानांतरित किया गया है और 42.50 लाख कपास बीज के पैकेटों को भी उत्तर भारत में विशेष रूप से हरियाणा और पंजाब में स्थानांतरित किया गया है।

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