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जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करने और परस्पर ज्ञान प्राप्त करने की सुविधा के बारे में भारतीय सीईओ फोरम का आयोजन किया गया

देश-विदेश

नई दिल्ली: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जलवायु परिवर्तन के बारे में एक भारतीय सीईओ फोरम का आयोजन किया गया। सरकार की इस अग्रणी पहल का उद्योग के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और भारत की राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के संबंध में सहयोग के अवसरों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए आयोजन किया गया।

व्यवसायों को वैश्विक जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। जलवायु परिवर्तन के बारे में इस फोरम में कम कार्बन अर्थव्यवस्था के मौजूदा  संक्रमण के बारे में ध्यान केंद्रित किया गया है। इसने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गजों के रूप में सशक्त संदेश दिया है।

इस फोरम में 23 सितंबर, 2019 को न्यूयार्क में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासचिव के जलवायु शिखर सम्मेलन के बारे में भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के विषयों को शामिल करते हुए अनेक सत्रों में उच्च स्तरीय चर्चाएं शामिल की गई हैं। इन सत्रों में जलवायु परिवर्तन से निपटने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के बारे में निजी क्षेत्र की कार्रवाई पर व्यवसायों से विचार-विमर्श के साथ-साथ कम कार्बन गति के लिए भविष्य के दृष्टिकोणों के बारे में विचार-विमर्श किया।

सरकार की ओर से नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव श्री सी.के. मिश्रा, ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री अजय कुमार भल्ला, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अपर सचिव श्री ए. के. जैन, और इसी मंत्रालय के अपर सचिव श्री रवि एस प्रसाद ने विचार-विमर्श में भाग लिया। भारत के निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के अनेक प्रमुख सदस्यों ने जलवायु परिवर्तन के उद्देश्यों को पूरा करने के भारत को समर्थन देने के तरीकों को साझा करने के बारे में जानकारी दी। उद्योग के दिग्गजों के लिए ही उच्च-स्तरीय सीईओ सत्र का भी आयोजन किया गया। इस फोरम में भारतीय व्यापार जगत के 50 से अधिक जाने-माने दिग्गज एक मंच पर आए।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव श्री सी.के. मिश्रा ने कहा कि इस फोरम को जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के बारे में औपचारिक रूप से सरकार और व्यवसाय जगत को एक कार्य प्रणाली का सृजन करने के लिए गठित किया गया है ताकि उद्योग और सरकार के रूख के बारे में कोई अलगाव न हो और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक साझा आवाज उठाई जा सके। इस फोरम से सरकार को जलवायु परिवर्तन के बारे में भाषा आधारित वर्णन करने के बारे में मदद मिलेगी।

नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने इस पहल के द्वारा सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र को एक मंच पर लाने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों को विभिन्न अनुभागों से समन्वय स्थापित करने की जरूरत है। इसमें सरकार, निजी क्षेत्र और अनुसंधानकर्ताओं सहित सभी पक्षों को शामिल करना चाहिए। निजी क्षेत्र को तकनीकी रूप से तेज गति अपनानी चाहिए जो पश्चिमी देशों के बजाय भारत में अर्जित करना बहुत आसान है क्योंकि यहां पुरानी तकनीक अधिक व्याप्त है।

 यह फोरम जलवायु परिवर्तन के बारे में उद्योग जगत के दिग्गजों के समक्ष सरकार का दृष्टिकोण अधिक स्पष्ट रूप से रखने में सफल रहा। पहली बार इसके बारे में उद्योग के विचारों को आमंत्रित किया गया तथा निजी और सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा चलाई जा रही जलवायु पहलों के बारे में भी उनकी राय मांगी गई। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में इस तरह की बैठकें आयोजित करने और जलवायु परिवर्तन के बारे में चर्चाओं को आगे बढ़ाने में उद्योग को  प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया।

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