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भारत विश्व स्तरीय घटकों का उत्पादन करता है जिनका वाहन निर्माताओं को अधिक उपयोग करना चाहिए: श्री गोयल

देश-विदेश

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का व्यापारिक माल निर्यात 14 मार्च तक लगभग 390 अरब अमरीकी डालर तक पहुंच गया है और निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष में 400 अरब अमरीकी डालर का आंकड़ा पार कर जाएगा।

श्री पीयूष गोयल नई दिल्ली में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर दक्षता पुरस्कार और 7वें प्रौद्योगिकी सम्मेलन 2022 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग ने पहली बार 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार अधिशेष दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि भारत का मोटर वाहन उद्योग 100 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का है और देश के कुल निर्यात में 8 प्रतिशत का योगदान देता है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 2.3 प्रतिशत है और 2025 तक दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग बनने के लिए तैयार है।

मंत्री महोदय ने ऑटो उद्योग के प्रमुखों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने 5-सी अर्थात  कोविड-19 की चुनौतियों, कंटेनर की कमी, चिप की कमी, वस्तुओं के मूल्यों और उतार-चढाव के बावजूद इस उद्योग को जारी रखने के लिए शानदार कार्य किया और इसे विकास की ओर उन्मुख किया।

श्री गोयल ने कहा कि सरकार चिप की कमी से संबंधित ऑटो क्षेत्र की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि 76,000 करोड़ के बजट के साथ हाल ही में स्वीकृत सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगा और अंततः हमें चिप के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि सजग सरकार और जागरूक उद्योग मिलकर कार्य करते हुए दुनिया भर के बाजारों पर नियंत्रण कर सकते हैं।

ऑटो घटक विनिर्माण के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री पीयूष गोयल ने ऑटो निर्माताओं से भारत में बने कल-पुर्जों का अधिक से अधिक उपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविड-19 के कारण आयात प्रतिस्थापन और समान बाजार पहुंच हासिल करने के उद्योग के आश्वासन के संबंध में कड़े मानदंडों को वापस ले लिया है। उन्होंने वाहन निर्माताओं से स्थानीय और स्थानापन्न आयात खरीदने का आग्रह किया।

तकनीकी बदलाव को सुचारू रूप से प्रबंधित करने के लिए ऑटोमोटिव को बधाई देते हुए, उन्होंने कहा कि भारत अब अधिक सुरक्षात्मक होने का जोखिम नहीं उठा सकता है, वैश्विक बाजारों में अधिक से अधिक पैठ हासिल करने के प्रयास के साथ-साथ अपने बाजारों को खोलना होगा।

मोबिलिटी के भविष्य के लिए अवसरों का उल्लेख करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि कल की मोबिलिटी 7-सी अर्थात समान, एक दूसरे से जुड़े हुए, सुविधाजनक, भीड़-भाड़ से मुक्त, चार्ज, स्वच्छ और अंतिम छोर तक उपलब्धता पर निर्भर होगी।

श्री गोयल ने ऑटो कंपोनेंट उद्योग को भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए 4-सूत्रीय कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने उद्योग जगत से अनुसंधान एवं विकास, विशेष रूप से ई-मोबिलिटी और बैटरी तकनीक में अधिक निवेश करने को कहा। उन्होंने उद्योग जगत से मौजूदा लक्ष्यों को प्राप्त करने, प्रदर्शन के लिए उच्च मानक स्थापित करने और शीर्ष 50 वैश्विक ऑटोमोटिव आपूर्तिकर्ता क्लब में 5 भारतीय कंपनियों को शामिल करने दृढ़ इच्छा बनाए रखने का आग्रह किया। श्री गोयल ने उद्योग जगत से मुख्य दक्षताओं की पहचान करने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों को पृथक रूप से प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने ऑटोमोटिव क्षेत्र में विश्व स्तरीय गुणवत्ता मानकों को डिजाइन करने का भी आह्वान किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ हमारी लड़ाई में गतिशीलता अगला मोर्चा है। उन्होंने बल देकर कहा कि भारत एक ई-मोबिलिटी क्रांति के मुहाने पर खड़ा है कि अगले 15 वर्षों में और गतिशीलता परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक परिवर्तन से होकर गुजरने की उम्मीद है। उन्होंने ऑटो निर्माताओं से स्थिरता को एक चुनौती के रूप में न मानकर एक अवसर के रूप में देखने के लिए कहा।

उन्होंने ऑटोमोटिव उद्योग से ई-मोबिलिटी इकोसिस्टम में सुधार लाने की दिशा में कार्य करने को कहा, जिसमें हाइड्रोजन स्टोरेज वाले फ्यूल सेल वाहन, कम कीमत पर उच्च लिथियम-आयन बैटरी क्षमता और बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। उन्होंने वाहन निर्माताओं नवाचार में निवेश करने का आगाह किया ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित होने वाले घटकों की लागत में कमी लाई जा सके।

ईवी उद्योग को बजटीय प्रोत्साहन का उल्लेख करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि भारत में ईवीएस और एकीकृत सर्किट (आईसी) प्रौद्योगिकी का केंद्र बनने की क्षमता है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि उत्पादन की कम मात्रा उत्पादन की बड़ी मात्रा में व्यवधान उत्पन्न करेगी और इस प्रकार इससे व्यावसायिक व्यवहार्यता प्रभावित होगी, उन्होंने ई-मोबिलिटी में व्यापक स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए अमृतकाल का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसलिए हम पिछले 75 वर्षों के गौरव पर ही ठहर नहीं सकते क्योंकि हम इस हम वर्ष ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे सामने जितनी बड़ी चुनौती है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी हम सभी के कंधों पर है कि अगले 25 वर्षों में ‘अमृतकाल’ को पूर्ण रूप से साकार करना है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री का कथन है कि भारत को एक समृद्ध राष्ट्र बनाना है, एक विकसित राष्ट्र और एक ऐसा राष्ट्र बनाना है, जहां हर एक नागरिक देश की प्रगति और विकास में एक हितधारक हो।

श्री पीयूष गोयल ने डॉ. पवन के. गोयनका, अध्यक्ष, स्टेयरिंग कमेटी फॉर एडवांसिंग लोकल वैल्यू-एड एंड एक्सपोर्ट्स (एससीएएलई), अध्यक्ष, डेजिग्नेट-इन स्पेस, अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार और महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व एमडी और सीईओ को भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में उनके जबरदस्त योगदान के लिए एसीएमए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने एसीएमए की भी प्रशंसा की और आत्मनिर्भर पुरस्कार के सभी विजेताओं को बधाई दी।

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