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भारत एक शहरी पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा हैः हरदीप सिंह पुरी

देश-विदेश

आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत एक शहरी पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है और राष्ट्रपति भवन एवं अन्य स्मारकों का अतुलनीय स्थापत्य स्वतंत्रता पूर्व के भारत की स्थापत्य विशेषज्ञता को दर्शाता है। श्री पुरी आज यहां केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के 168वें वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के महानिदेशक श्री शैलेन्द्र शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

श्री पुरी ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्यों को अंजाम दिया है और वह निर्माण प्रबंधन के क्षेत्र में एक अग्रणी उद्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि सबसे पुराने सरकारी विभागों में से एक, सीपीडब्ल्यूडी ने राजधानी क्षेत्र और देश के अन्य हिस्सों के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव देखे हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दिनों से लेकर आजादी के बाद और अब 21वीं सदी तक, सीपीडब्ल्यूडी की उपस्थिति निरंतर और आश्वस्तकारी रही है। किसी संस्था का वास्तविक चरित्र इस बात से परिलक्षित होता है कि वह समय के साथ अपने आप को कितनी अच्छी तरह ढाल लेती है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के समय से ही सीपीडब्ल्यूडी राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार विकसित हुआ है।

श्री पुरी ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक व संसद भवन जैसी अन्य समान रूप से प्रतिष्ठित परियोजनाओं को पूरा करने के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का विकास किया। श्री पुरी ने कहा कि आज भी यह संस्था सेंट्रल विस्टा परियोजना के जरिए नए संसद भवन, वीपी एन्क्लेव और कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट का विकास कर शासन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने कहा, सीपीडब्ल्यूडी ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है कि वह राष्ट्रीय सीमाओं को भी पार कर गया है। सीपीडब्ल्यूडी ने अफगानिस्तान के संसद भवन का निर्माण किया है और यह अफगान लोगों के साथ भारत की अटूट मित्रता का प्रतीक है।

श्री पुरी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में सीपीडब्ल्यूडी की भूमिका में एक बार फिर सुधार दिखाई दे रहा है। जब भी कोई सुधार और संशोधन होता है, तो उसके साथ कुछ कठिनाइयां भी आती हैं और वे ऐसे लोगों से आती हैं जिनका गतिविधियों में निहित स्वार्थ होता है। आज हम जो निर्माण कर रहे हैं वह सिर्फ आज और कल के लिए नहीं बल्कि अगले 250 वर्षों के लिए कर रहे हैं। इसलिए गुणवत्ता को लेकर कोई भी कमी हमें बहुत महंगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में आपके पास समान स्तर की प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत महामारी के बाद की दुनिया में सफलतापूर्वक पांव रख रहा है, निर्माण भारत को एक लचीले, टिकाऊ और समावेशी भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्री पुरी ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि सीपीडब्ल्यूडी नई तकनीकों का इस्तेमाल कर पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ संरचनाओं को प्राथमिकता दे रहा है। ऐसी प्रौद्योगिकी जो निर्माण जीवनचक्र में कार्बन फुटप्रिंट को कम करती हैं और इस काम में स्वदेशी व स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री का उपयोग होता है।

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