31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत में दुनिया के लिए कंटेंट क्रिएटर बनने की क्षमता है: पीयूष गोयल

देश-विदेश

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने प्रसारण सामग्री के संबंध में मीडिया और मनोरंजन उद्योग के भीतर किसी प्रकार के स्व-नियमन की अपील की। उन्होंने आज नई दिल्ली में 11वें सीआईआई बिग पिक्चर समिट के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मंत्री ने कहा, “एक तरफ हम अपनी संस्कृति, अपनी विरासत, अपनी समृद्ध परंपरा, अपनी पारिवारिक मूल्य प्रणाली के बारे में बात करते हैं और दूसरी तरफ हम टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफार्मों पर जो कुछ देखते हैं वह निश्चित रूप से भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य के भीतर आम तौर पर स्वीकृत मानकों से परे है।”

उन्होंने कहा कि विषय सामग्री की प्रस्तुति का आधुनिक, आकर्षक और मनोरंजक तरीका बहुत स्वागत योग्य है लेकिन भारत, भारतीय परिवारों और भारतीय संस्कृति की प्रस्तुति में एक निश्चित स्तर की शालीनता एक ऐसी चीज है जिस पर उद्योग के प्रमुख लोगों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में संदेश को भारतीय वास्तविकता से अलग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उद्योग स्व-नियमन नहीं करता है, तो समाज से मांग उठेगी और सरकार को तब विनियमन करना होगा।

मंत्री ने उद्योग से यह भी कहा कि वह गेमिंग जैसे नए मनोरंजन के अवसरों पर ध्यान से आत्मनिरीक्षण करे ताकि यह तय किया जा सके कि हम अपने युवाओं को सट्टेबाजी के प्लेटफार्मों और ऐसे अन्य क्षेत्रों में किस स्तर पर जाने की अनुमति देने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन नए मनोरंजन मॉडलों को हमारी संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव न डालने देने के लिए यहां एक संतुलन बनाया जाना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र ने भारत के लिए एक उल्लेखनीय अवसर प्रस्तुत किया है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इस अवसर को तभी महसूस किया जा सकता है जब पूरा उद्योग और इसके सभी क्षेत्र और हितधारक एक साथ मिलकर विचार करें और तालमेल बिठाएं। उन्होंने विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण सामग्री के माध्यम से महामारी के कठिन समय के दौरान देश के नागरिकों को सूचित, जुड़े रहने, व्यस्त रखने और मनोरंजन करने के लिए उद्योग की सराहना की।

मंत्री ने कहा कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग एक उभरता हुआ क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि उद्योग वास्तव में तेज गति से बढ़ रहा है लेकिन बड़े परिणाम प्राप्त करने के प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने उत्कृष्ट डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए तकनीकी कौशल से लेकर हमारे युवा लड़कों और लड़कियों की प्रतिभा तक, इस क्षेत्र में भारत के अपार संसाधनों के बारे में बात की, जिसे 5जी की शुरुआत के साथ और बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए भारत अपने आप में एक बड़ा बाजार है, लेकिन ध्यान दिया कि प्रभावशाली स्थिति तक पहुंचने के लिए हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने पारितंत्र का विस्तार करने और वृहद अर्थव्यवस्थाओं को लाने के लिए उद्योग से लीक से हटकर विचारों पर काम करने का आह्वान किया।

श्री गोयल ने कहा कि हमारे कानूनी ढांचे को और अधिक समकालीन बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलें और पुराने कानूनों को खत्म करें जैसाकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार कानून बनाने के लिए उद्योग के साथ बातचीत करेगी जो वास्तव में इस क्षेत्र में विकास की सुविधा प्रदान करेगी और दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सरल बनाएगी।

मंत्री ने यह भी कहा कि एकल खिड़की ढांचे के माध्यम से अनुमति प्रदान करने के प्रावधान करके भारत में शूटिंग के लिए अनुमति तंत्र को सरल बनाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पहले ही मनोरंजन उद्योग में एफडीआई को उदार बना दिया है ताकि दुनिया भर की कंपनियां भारत में निवेश कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत में फिल्म निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों को आकर्षित करना चाहिए, इसके लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

मंत्री ने उद्योग से यह पहचानने के लिए कहा कि इसके सबसे शक्तिशाली मूल्य प्रस्ताव क्या हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत में अधिक किफायती लागत पर कंटेंट का निर्माण किया जा सकता है और इस बात को रेखांकित किया कि भारत में दुनिया के लिए कंटेंट निर्माता बनने की क्षमता है। उन्होंने मनोरंजन जगत से कहा, “दुनिया के लिए भारत में कंटेंट तैयार करें।”

श्री गोयल ने हमारे प्लेटफॉर्म को वैश्विक स्तर पर ले जाने और दृश्य प्रभाव, एनीमेशन आदि में सुधार के लिए नई तकनीक और उपकरण लाने की आवश्यकता के बारे में बात की। मंत्री ने कहानी कहने में नवाचार को अपनाने की आवश्यकता की बात की और कहा कि उन्हें वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए भारत के इतिहास, संस्कृति और परंपराओं के समृद्ध संग्रह से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मनोरंजन उद्योग में रोजगार सृजन की काफी संभावनाएं हैं और उन्होंने अधिक कौशल विकास और शैक्षिक पाठ्यक्रमों की अपील की। उन्होंने इस क्षेत्र में काम करने वालों को उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल आदि सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि उन्हें इस क्षेत्र की सफलता की कहानी का एक अभिन्न अंग बनाया जा सके।

उन्होंने क्षेत्र के हितधारकों को यथासंभव सरकार से स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए कहा, लेकिन आश्वासन दिया कि सरकार इस क्षेत्र को सर्वोत्तम संभव सीमा तक समर्थन, सुविधा और सक्षम बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “निजी क्षेत्र और सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए साझेदारी की भावना से काम करना चाहिए।” मंत्री ने उद्योग से वैश्विक बाजार पर कब्जा करने के लिए भारतीय प्रतिभा की ताकत, हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता और काम की गुणवत्ता का लाभ उठाने के लिए भी कहा।

मंत्री ने प्रसारण पर सीआईआई द्वारा तैयार दो रिपोर्ट जारी कीं। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More