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भारत विश्व में तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ नवोन्मेषण का हब बनता जा रहा है: पीयूष गोयल

देश-विदेश

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पड़ोसी देशों के सहयोगी मंत्रियों से उपमहाद्वीप को रूपांतरित करने के लिए साथ मिल कर काम करने का आग्रह किया है। वह आज नई दिल्ली से वर्चुअल रूप से ‘‘सीआईआई: साझीदारी सम्मेलन-मंत्रीस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।

श्री गोयल ने साऊदर्न अफ्रीकन कस्टम्स यूनियन जिसमें बोस्तवाना, नामीबिया, दक्षिणी अफ्रीका, स्वजीलैंड तथा लेसोथो शामिल है, के साथ भारत के आर्थिक संबंध बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख स्तंभों के रूप में पारदर्शिता और परस्पर लाभ तथा विकास के साथ समान विचारधारा वाले देशों के साथ एफटीए करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आसियान, जापान, कोरिया के साथ विद्यमान एफटीए की भी समीक्षा करने पर विचार कर रहा है जिससे उन्हें सुदृढ़ बनाया जा सके तथा यूएई, ईयू, ब्रिटेन, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस, ओमान तथा जीसीसी जैसे देशों के साथ व्यापार गठबंधन में वृद्धि को प्रोत्साहित कर रहा है।

श्री गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत अनुकूलता के एक स्रोत तथा भरोसेमंद साझीदार के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने सभी अंतरराष्ट्रीय सेवा प्रतिबद्धताओं को पूरी करने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ प्रयास किया था।

उन्होंने कहा कि महामारी के प्रकोप के दौरान, भारत न केवल महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्तियों, पीपीई, टेस्टिंग किट्स, मास्क, आदि के उत्पादन में आत्म निर्भर बन गया था, बल्कि इसने जरुरतमंद देशों को इन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी की थी। उन्होंने भारत के अपनी तरह के पहले टीकाकरण अभियान को रेखांकित किया जिसके जरिये टीकों की 1.3 बिलियन खुराकें पहले ही लगाई जा चुकी हैं।

श्री गोयल ने यह भी भरोसा दिलाया कि भारत जरुरतमंद देशों की सहायता करना जारी रखेगा क्योंकि हम मूलभूत रूप से भाईचारा, साझीदारी में विश्वास रखते हैं और समस्याओं का सामूहिक रूप से समाधान करने के लिए हमें एक साथ मिल कर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान अपने पड़ोसी देशों पर ध्यान केंद्रित किया था और टीकों तथा चिकित्सा आपूर्तियों के साथ अपने सभी मित्रों की सहायता के लिए उनके साथ तैयार रहा।

यह इंगित करते हुए कि इस वर्ष जी20 घोषणापत्र में भारत की आवाज दृष्टिगोचर रही थी, जिसने विश्व के विकासशील देशों की आवाज सफलतापूर्वक बढ़ाई, श्री गोयल ने कहा कि विश्व भारत के नेतृत्व को स्वीकार कर रहा है।

श्री गोयल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज गति से सुधार हुआ है और बताया कि बढ़ते आर्थिक संकेतक ‘विकास दशक के लिए आकार लेता भारत’ की ओर इशारा कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि भारत ने दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि, उच्च निर्यात, उच्च एफडीआई तथा अन्य देशों में भारतीय कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश करते हुए देखा है। उन्होंने मंत्रियों से भारतीय कंपनियों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने तथा रोजगार सृजन में सहायता करने की अपील की।

श्री गोयल ने कहा कि हमें उन महत्वपूर्ण पहलुओं पर फोकस करने की आवश्यकता है जो हमारे भविष्य और विकास की दिशा को प्रभावित करेंगे क्योंकि हम अपने वैश्विक जुड़ाव को और गहरा कर रहे हैं। उन्होंने 6 क्षेत्रों को रेखांकित किया जिस पर भारत स्थायी, भविष्य की साझीदारियों के लिए समावेशी और अनुकूल परितंत्र, व्यापार समझौतों, निवेशों, एक आपूर्ति श्रंखला विकल्प के रूप में भारत की शक्ति, व्यवसाय करने की सुगमता, नवोन्मेषण तथा स्थायित्व के निर्माण के लिए फोकस कर रहा है।

निवेश संवर्धन में भारत की पहलों को रेखांकित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि सरकार अन्य देशों के व्यवसायों को निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित कर रही है क्योंकि अपनी सुगम्यता, पसंद, खुलेपन और अवसरों के साथ ‘भारत एक अनुकूल स्थान’ है।

स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचा, प्रतिरक्षा, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, बीमा और प्रौद्योगिकी सहित निवेशों के लिए संभावित क्षेत्रों को सूचीबद्ध करते हुए, मंत्री ने कहा कि पीएलआई स्कीम, उदारीकृत एफडीआई नीति, आदि सहित व्यापार एवं निवेश को सुगम बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित किया गया।

श्री गोयल ने कहा कि भारत का विविध व्यवसाय परिदृश्य, कुशल श्रमबल, अपेक्षाकृत निम्न श्रम लागत तथा राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन, गतिशक्ति, राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना जैसी निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलें निश्चित रूप से निवेश को प्रोत्साहन देंगी तथा इसके अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।

भारत की व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के भारत के प्रयास की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम और इंडस्ट्रियल लैंड बैंक जैसी पहलें व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने में उल्लेखनीय रूप से सहायता कर रही हैं।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, नया भारत 79 यूनिकॉर्न के साथ तीसरी सबसे बड़ी इकोसिस्टम के साथ नवोन्मेषण के लिए वैश्विक हब बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के समेकन को उत्प्रेरित करने तथा वैश्विक प्रभाव सृजित करने की क्षमता है।

स्थायी विकास की दिशा में भारत की पहलों पर जोर देते हुए श्री गोयल ने कहा कि भारत 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तथा पहुंचा देगा और आरई से अपनी आवश्यकताओं के 50 प्रतिशत की पूर्ति करेगा जो विश्व का सबसे महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों में से एक है। उल्लेखनीय है कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो (कार्बन फुटप्रिंट) हासिल कर लेने का संकल्प किया है।

श्री गोयल ने कहा कि आर्थिक विकास का मार्ग अनिवार्य रूप से स्थायित्व के साथ प्रतिबद्धता से जुड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता का 75 वर्ष मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ मना रहा है, यह निर्धारित करने के लिए भारत स्वतंत्रता प्राप्ति के 100 वर्षों के बाद कहां होगा, वह अगले 25 वर्षों के लिए एक रूपरेखा भी तैयार कर रहा है। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले मंत्रियों को अनुसंधान एवं विकास, नवोन्मेषण, बौद्धिक संपदा अधिकारों, आदि में हमारे सहयोग को मजबूत बनाने के लिए भारत के साथ हाथ मिलाने को आमंत्रित किया।

130 करोड़ नागरिकों के ‘सबका प्रयास’ के साथ तेज विकास के मार्ग पर भारत के आत्मविश्वासपूर्ण तरीके से आगे बढ़ने की चर्चा करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि यह समय भारत में होने तथा भारत में निवेश करने का है।

उन्होंने विभिन्न देशों के मंत्रियों से भारत और विश्व के बीच साझीदारियों को सुदृढ़ बनाने तथा कोविड-19 विश्व के बाद अर्थव्यवस्थाओं को फिर से स्थिर बनाने तथा मजबूत बनाने के एजेंडा को आगे बढ़ाने की अपील की।

श्री गोयल ने सीआईआई को भागीदारी सम्मेलन का आयोजन करने के लिए उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि सम्मेलन ने हमें नई साझीदारियों पर विचार करने तथा निर्माण करने का एक अवसर दिया है।

सम्मेलन में कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री शेख मोहम्मद बिन हमाद कासिम अल-अब्दुल्ला अल-थानी, भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री श्री लोकनाथ शर्मा, इथोपिया के व्यापार एवं क्षेत्रीय एकीकरण मंत्री श्री गेब्रे मस्केल चाला, फिजी के वाणिज्य, व्यापार, पर्यटन एवं परिवहन मंत्री श्री फैयाज कोया, मालदीव के आर्थिक विकास मंत्री श्री फयाज इस्माइल, मॉरीशस के वाणिज्य एवं उपभोक्ता सुरक्षा, श्रम, मानव संसाधन विकास तथा प्रशिक्षण मंत्री श्री सुदेश सत्काम कैल्लीचर्ण, म्यांमार के वाणिज्य मंत्री श्री प्विंट सैन, श्रीलंका के व्यापार मंत्री श्री बंदुला गुनवर्धन, कंबोडिया के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, वाणिज्य मंत्री श्री छुओन डारा और इटली के आर्थिक विकास मंत्री श्री गियानकार्लों जियोगगेट्टी ने भाग लिया।

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