26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत और इंडोनेशिया के बीच जन से जन संपर्क को मिलेगा बढ़ावा: उपराष्‍ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा‍कि भारत और इंडोनेशिया के बीच अधिक से अधिक लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्‍साहित किया जाएगा। वे आज यहां इंडोनेशिया में बाली के उदयन विश्‍वविद्यालय में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि हमारी साझी विरासत हमारी सजीव धर्मिक और सांस्‍क्‍ृतिक परम्‍पराओं में झलकती है, सुंदर मंदिर, बोरोबुदुर और प्राम्‍बंनन के ऐतिहासिक स्‍थल जलवायु और सभी समुदाय के लोगों, बुजुर्गों का आदर और देखभाल, अतिथि सत्‍कार, विश्‍व भाईचारा ओर शांति में गहरा विश्‍वास हमारा दर्शन है। फिर भी इंडोनेशिया की सांस्कृतिक धारा सही मायने में अलग और अनूठी है। उन्‍होंने कहा कि यहां की सांस्‍कृतिक चिंगारी हो सकता है भारतीय संस्‍कृति से ही आई हो लेकिन इसने यहां अपना आकार लिया है और ढली है। साथ ही यहां के विद्वानों ने इसे अभिव्‍यक्ति दी है।

उपराष्‍ट्रति ने कहा कि हम सजीव धार्मिक और सांस्‍क्‍ृतिक परम्‍पराओं सुंदर मंदिरों के ऐतिहासिक स्‍थलों जलवायु और सभी समुदाय के लोगों, बुजुर्गों का आदर और देखभाल, अतिथि सत्‍कार, विश्‍व भाईचारा और शांति में गहरे विश्‍वास की विरासत को साझा करते हैं। हमारी प्राचीन संबंध शुरू में जन से जन के संपर्क के जरिये बने ओर अब जब भारत और इंडोनेशिया ने मित्रता और सहयोग के क्षेत्र में नए अध्‍याय जोड़े हैं। हमारे पास वाणिज्‍य, शिक्षा,पर्यटन और संस्‍कृति के क्षेत्र में आदान-प्रदान करने के और नजदीकी संबंध बनाने के अवसर मिले हैं।

दोनों देशों के युवकों में विश्‍वास जताते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि न सिर्फ भारत और इंडोनेशिया या एशिया के भविष्‍य की समृद्धि बल्कि पूरे विश्‍व की समृद्धि को परिभाषित करने के लिए उन्‍हें एक दूसरे से संपर्क करना चाहिए। उन्‍होंने बाली, जावा और इंडोनेशिया के अन्‍य द्विपों से सैलनानियों का स्‍वागत करते हुए कहा कि भारत में अध्‍यात्मिक शांति या प्रकृति से संवाद की खोज करने वाले तीथर्यात्रियों, सैलानियों के लिए कई महत्‍वपूर्ण स्‍थल हैं।

उन्‍होंने कहा कि भारत ओर इंडोनेशिया और भारत शांति,विश्‍व भाईचारा दया, सहिष्‍णुता और अहिंसा के दर्शन को भी साझा करते हैं। उन्‍होंने आगे कहा‍कि ये नैतिक मूल्‍य हमारे महान नेता महात्‍मा गांधी द्वारा दिखाए गए हैं और बाली के आदर और अहिंसा के मुख्‍य सिद्धांतों मे परिलक्षित होते हैं।

गांधीवादी मूल्‍यों के बारे में पूछे गए प्रश्‍नों के उत्‍तर देते हुए उन्‍होंने कहा कि गांधीवादी शिक्षा हमारे समाज के हर क्षेत्र के तत्‍व है और हमारे सांवैधनिक संरचना की अलिखित उपभाग है। अनेकता में एकता से संबंधित एक प्रश्‍न के उत्‍तर में उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि अनेकता भारत की सच्‍चाई है और हमने इसी के आधार पर देश के लोकतांत्रिक ढांचे का निर्माण किया है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More