लखनऊः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गठित National Assessment and Accreditation Council (NAAC) के सदस्यों डाॅ0 सुष्मित प्रसाद पाणी, डाॅ0 एस0 श्रीकान्ता स्वामी, डा0 बी0एस0मधुकर, डाॅ0 वहीदुल हसन (कन्वीनर) के साथ डाॅ0 अनिता भटनागर जैन, अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विचार-विमर्श किया गया। विचार-विमर्श में प्रो0 एस0पी0 सिंह, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो0 नीलिमा गुप्ता, कुलपति कानपुर विश्वविद्यालय व डाॅ0 मोहम्मद तारिक, डाॅ0 मोहम्मद सईद, NAAC इंचार्ज, महाराजा बिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आशियाना, लखनऊ व डाॅ0 अंजुलिका निगम, प्राचार्या, राजकीय महिला पी0जी0 कालेज, देवरिया तथा डाॅ0 आर0 के0 चतुर्वेदी, अपर सचिव, उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद तथा श्रीमती मधु जोशी, विशेष सचिव उपस्थित थी।
बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के तहत NAAC के मूल्यांकन की स्थिति निम्नवत् हैः-
क्रम0सं0 | उच्च शिक्षण संस्था का नाम | कुल सं0 | NAAC संस्था द्वारा मूल्यांकित संस्था की संख्या |
1 | 2 | 3 | 4 |
1 | राज्य विश्वविद्यालय | 16 | 9 |
2 | निजी विश्वविद्यालय | 29 | 8 |
3 | राजकीय महाविद्यालय | 158 | 37 |
4 | सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों की संख्या | 331 | 140 |
कुल | 534 | 194 |
NAAC के मूल्यांकन से सम्बन्धित संस्था की शक्ति, कमियाँ, अवसर आदि के चिन्हांकन से नियोजन व संसाधन आवंटन में सुगमता होती है। वित्त पोषण व सम्बन्धित संस्था के विद्यार्थियों के रोजगारपरकता हेतु भी NAAC के एक्रीडिटेशन को निष्पक्ष बेंचमार्क माना जाता है। इस प्रक्रिया से शिक्षा की गुणवत्ता में भी चरणवार सुधार आता है। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव द्वारा अल्पकालीन व दीर्घकालीन रणनीति बनाये जाने पर विशेष बल दिया गया।
NAAC प्रक्रिया से होने वाले लाभ के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि इस दिशा में चरणबद्ध कार्यवाही करायी जायेगी, जो विश्वविद्यालय या महाविद्यालय एक्रीडेटेड थे परन्तु पुनः उनके द्वारा एक्रीडिटेशन के लिये आवेदन नहीं किया है उनपर भी ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में आने वाले कालेजों, महाविद्यालयों के लिये केवल जागरूकता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन नहीं होगा वरन् उन कार्यशालाओं में सम्बन्धित महाविद्यालयों से आॅन-लाइन आवेदन भी भरवाये जायेंगे। विश्वविद्यालयों के क्षेत्राधिकार में प्रत्येक जनपद में जो भी महाविद्यालय एक्रीडेटेड हंै, उसको मेन्टरिंग हेतु नोडल बनाया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव द्वारा NAAC की समिति से अनुरोध किया गया कि उत्तर प्रदेश हिन्दी भाषी प्रदेश है। अतः सम्बन्धित महाविद्यालयों के लिये NAAC के मैनुअल को अनुवाद कर हिन्दी में भी उपलब्ध कराया जाये, जिससे कि सभी सम्बन्धित शिक्षकों को उसे समझने में सुगमता हो। यह भी अनुरोध किया गया कि NAAC के उत्तर प्रदेश के 50 मूल्यांकन विशेषज्ञों की सूची भी उपलब्ध करायी जाये, जिससे कि इस कार्य को दु्रतगति से कराया जा सके।