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जून 2013 की दैवीय आपदा में राहत, बचाव व पुनर्निर्माण कार्यों में सराहनीय योगदान देने के लिए सैन्य, अर्धसैन्य बलों, उत्तराखण्ड पुलिस, निम, एनडीआरएफ के अधिकारियों व कर्मियों को सम्मानित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: पुलिस लाईन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जून 2013 की दैवीय आपदा में राहत, बचाव व पुनर्निर्माण कार्यों में सराहनीय योगदान देने के लिए सैन्य, अर्धसैन्य बलों, उत्तराखण्ड पुलिस, निम, एनडीआरएफ के अधिकारियों व कर्मियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जिस जांबाजी से संकट के समय विषम परिस्थितियों में हमारे सैन्य, अर्धसैन्य व पुलिस के जवानों ने बढ़ चढ़कर सहायता की, उसके लिए यह पूरे उत्तराखण्ड की ओर से धन्यवाद है।

हमें अपने सैन्य, अर्धसैन्य व पुलिस फोर्स, एनडीआरएफ व अन्य संस्थाओं पर पूरा भरोसा है कि हर तरह की परिस्थिति में वे हमारे साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि आगामी चारधाम यात्रा में आज के कार्यक्रम में सम्मानित किए गए लोगों को राज्य के अतिथि के तौर पर आमंत्रित करें और उनकी पूरी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज आपदा के दो वर्षों के बाद केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा अपने पुराने वैभव को पा चुकी है। इस वर्ष लगभग 10 लाख लोगों ने चारधाम व हेमकुण्ड साहिब की यात्रा की। यह उत्तराखण्ड के दृढ़ संकल्प शक्ति का ही परिणाम है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर पहले से भी बेहतर सुविधाएं विकसित की गई हैं। ऐसे समय में हमारा दायित्व था कि हम अपने उन भाईयों का आभार व्यक्त करें जिन्होंने मुश्किल वक्त में हमारा साथ दिया। आज के उत्तराखण्ड को देखकर कोई जून 2013 की भयावह स्थिति के बारे में सोच भी नहीं सकता है। उस समय दूनिया के सबसे बड़े रेस्क्यू आपरेशन में 1 लाख से अधिक लोगों को सड़क मार्ग से, 40 हजार के करीब लोगों को एयर रेस्क्यू किया गया था। सैंकड़ों मृतकों का डीएनए सुरक्षित रखकर पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज जब हम पुनर्निर्माण के दूसरे फेज को शुरू कर रहे हैं, तो उन तमाम संगठनों को याद करना हमारे अंतर्मन की इच्छा थी। आज जो भी बदलाव आया है वह उत्तराखण्डवासियों के संकल्प का प्रतीक है। हम संकल्प करते हैं कि चार धाम व अन्य धार्मिक स्थलों को मानवता की धरोहर मानते हुए बेहतर व सुगम यात्रा की व्यवस्था करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में आपदा राहत व पुनर्निर्माण के कामों में अन्य सिविल व गैर सरकारी संगठनों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है परंतु  कम समय में उन्हें सूचीबद्ध करना मुश्किल था। आगे उन्हें भी आमंत्रित कर आभार व्यक्त करेंगे।
कार्यक्रम में भारतीय थल सेना, वायु सेना, जल सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, बीएसएफ, एनआईएम, उत्तराखण्ड पुलिस का मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा आभार व्यक्त किया गया। विभिन्न संस्थाओं को सामूहिक रूप से सम्मानित करने के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर भी अधिकारियों व कर्मियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित किए जाने वालों में
भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस से 2 आई/सी मानवेन्द्र कुमार सिंह, डीसी रनबीर सिंह नेगी, एसी संदीप भण्डारी, इन्सपेक्टर नीरज सिंह टोलिया, एस.आई. अनूप कुमार तिवारी व मोहन सिहं, एएसआई लक्ष्मण सिंह, एचसी लक्ष्मण सिंह व देवेन्द्र सिंह, कांस्टेबल दिनेश कुमार, हिमांशु भण्डारी, भगत सिंह राणा, धीरज शुक्ला, रतनेश्वर बोरो शामिल है। एनडीआरएफ से सहायक कमांडेण्ट राजकमल मलिक, निरीक्षक विनित कुमार पाठक, मुख्य आरक्षी बुद्धी सिंह, कमल सिंह राजेन्द्र सिंह, रविन्द्र कुमार, आरक्षी रंजन कुमार, कोमल सिंह नेगी, जे.साजू, रणजीत सिंह शामिल है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से कर्नल अजल कोठियाल, जी.एस.बिष्ट, विशाल रंजन, आशीष उनियाल, दशरथ सिंह रावत, शैलेन्द्र रावत, मनमोहन सिंह शामिल है।
भारतीय थल सेना से मेजर जनरल राजीव पंत(सेना मेडल), सेन्ट्रल कमाण्ड, लखनऊ, भारतीय वायु सेना से ग्रुप कैप्टन युनूस, भारतीय जल सेना से कमाण्डर प्रदीप, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस से उपमहानिरीक्षक संजय सिंह(आईपीएस), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल(एनडीआरएफ) से सहायक कमांडेंट राज कमल मलिक, भारतीय सीमा सुरक्षा बल से कमांडेंट राजकुमार नेगी, नेहरू पर्वतारोहण संस्था(निम) से रजिस्ट्रार जी.एस.बिष्ट, उत्तराखण्ड पुलिस से महानिरीक्षक संजय गुंज्याल(आईपीएस) शामिल है।
उत्तराखण्ड पुलिस से अपर पुलिस अधीक्षक आर.एस.मीणा, पुलिस उपमहानिरीक्षक संजय गुंज्याल, अमित कुमार सिन्हा च गणेश सिंह मर्तोलिया, पुलिस अधीक्षक नीलेश आनन्द भरणें, सुश्री पी.रेणुका देवी व बरिन्दर जीत सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर व प्रेम डोभाल, पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वर प्रसाद डिमरी, उ.नि.ना.पु. जयपाल सिंह नेगी, उ.नि.सा.पु. उमादत्त सेमवाल, उ.नि. चेतन रावत, पी.सी. संजय उप्रेती, उ.नि.ना.पु. विपिन चन्द्र पाठक, आरक्षी 105 ना.पु.विमल कुमार, आरक्षी ना.पु. दिगम्बर सिंह, निरीक्षक भूपाल सिंह रावत, उपनिरीक्षक प्रवीण आलोक, आरक्षी 640 आशीष तोपाल, आरक्षी 471 राकेश राणा, आरक्षी विरेन्द्र काला शामिल है।
बीएसएफ से पूर्व महानिदेशक बीएसएफ सुभाष जोशी, भापुसे, पूर्व महानिरीक्षक, बीएसएफ अशोक कुमार, भापुसे, महानिरीक्षक प्रशासन, बीएसएफ पी.के.दुबे, कमांडेण्ट राजकुमार नेगी, 2 आईसी वीई.पी.नौटियाल, डी.सी. मनोज पैन्युली, ए.ई/वर्क बी.एस.नेगी, सीएमओ डाॅ.पी.हिमा बिन्दु, ए.सी. लवराज सिंह धारासक्तू, इन्सपेक्टर/जे.ई.(सिविल) उमेश कुमार, एस.आई. सुरेन्द्र मलिक, ए.एस.आई. कमलेश कुमार, कुलदीप सिंह, परवीन सिंह, एच.सी. पी.प्रभारन, एच.सी/जी.ओ. गिराज सिंह, सी.टी. मनोज दहल, डी.सी/एम.ओ. उपेन्द्र यादव शामिल है।
भारतीय थल सेना से मुख्यालय सेंट्रल कमाण्ड, उत्तर भारत सब एरिया, 6वीं माउण्टेंन डिविजन, उत्तराखण्ड सब एरिया, 9वीं इन्डिपैन्डेंट माउण्टेन बिग्रेड, 99 माउण्टेन बिग्रेड, 416 इन्जिनियर बिग्रेड, 50 इन्डिपैन्डेंट बिग्रेड, 6वीं माउण्टेन आर्टिलरी बिग्रेड शामिल है। भारतीय वायुसेना से 117वीं हैलीकाॅप्टर यूनिट, 152 हैलीकाॅप्टर यूनिट शामिल है। भारतीय जल सेना से आईएनडीटी, मारकोस, राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय, देहरादून शामिल है।

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