22 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों के पहले चरण में 900 से अधिक कैदियों को विशेष माफी

देश-विदेश

नई दिल्ली: महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती कार्यक्रमों के अंतर्गत, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में 18 जुलाई, 2018 को केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि कैदियों की विशेष श्रेणी को विशेष माफी दी जा सकती है और उन्‍हें तीन चरणों में (02 अक्‍टूबर, 2018, 06 अप्रैल, 2019 और 02 अक्‍टूबर, 2019) रिहा किया जा सकता है।

कैदियों को विशेष माफी के एक सप्‍ताह लंबे पहले चरण में, राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों ने सक्षम अधिकारियों की मंजूरी के बाद 900 से अधिक कैदियों को रिहा कर दिया। दूसरे और तीसरे चरण में कैदियों को क्रमश: 6 अप्रैल, 2019 और 02 अक्‍टूबर, 2019 को रिहा किया जाएगा।

राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे सभी जेल परिसरों में कैदियों की रिहाई के लिए तय तारीख से पहले महात्‍मा गांधी की शिक्षाओं पर आधारित विशेष समारोह एक सप्‍ताह तक आयोजित करें। कैदियों को महात्‍मा गांधी की प्रतिमा तक ले जाया जाए, जहां वे उस पर श्रद्धासुमन अर्पित करें। कैदियों को रिहा करते समय उन्‍हें महात्‍मा गांधी से जुड़ी पुस्‍तकें उपहार में दी जाए और उन्‍हें उचित सलाह दी जाए।

कैदियों की निम्‍नलिखित श्रेणियां विशेष माफी के योग्‍य हैं :-

  1. 55 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिला कैदी जिन्‍होंने अपनी वास्‍तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है।
  2. 55 वर्ष और उससे अधिक उम्र के ट्रांसजेंडर जिन्‍होंने अपनी वास्‍तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है।
  3. 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरूष जिन्‍होंने अपनी वास्‍तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है।
  4. दिव्‍यांग/शारीरिक रूप से असक्षम कैदी, जो 70 प्रतिशत दिव्‍यांग हैं और जिन्‍होंने अपनी वास्‍तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है।
  5. लाईलाज बीमारी के शिकार कैदी
  6. ऐसे कैदी जिन्‍होंने अपनी वास्‍तविक सजा की अवधि का दो तिहाई (66 प्रतिशत) सजा काट ली है।

विशेष माफी योजना उन कैदियों के लिए उपलब्‍ध नहीं है, जिन्‍हें अपराध के लिए मृत्‍युदंड दिया गया है अथवा मृत्‍युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है। इनमें गंभीर और जघन्‍य अपराधों जैसे पोटा, यूएपीए, टाडा, एफआईसीएन, पोक्‍सो कानून, मनी-लॉन्ड्रिंग, फेमा, एनडीपीएस, भ्रष्‍टाचार निरोधक कानून आदि में शामिल कैदी आते हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More