38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
नई दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्री केदारनाथ व बदरीनाथ जी धाम के लिए आमंत्रित किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करते हुए उत्तराखण्ड से संबंधित मुद्दों पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया।

मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड के विशेष राज्य के स्तर को बरकरार रखते हुए केंद्र प्रवर्तीत योजनाओं व बाह्य सहायतित योजनाओं में फंडिंग 90:10 के अनुपात में की जाए। अर्धकुम्भ 2016 के लिए भारत सरकार 500 करोड़ रूपए की सहायता राशि उपलब्ध कराए। पीएमजीएसवाई के तहत केंद्र को प्रेषित की गई डीपीआर व नए प्रोजेक्टों की स्वीकृति दी देने के साथ ही वार्षिक आवंटन राशि 288 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 550 करोड़ रूपए किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य के लिए स्वीकृत पैकेज के तहत सीएसएस-आर व एसपीए-आर में अवशेष 1200 करोड़ रूपए अवमुक्त किए जाएं। गैर वानिकी कार्यों के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा राज्य को प्रदान की गई 5 हेक्टेयर तक के वन भूमि हस्तांतरण की शक्ति की समय सीमा को दिसम्बर 2016 तक बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड से संबंधित मुद्दों पर प्रधानमंत्री को पत्र भी सौंपा। इसमें उन्होंने कहा कि 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों से बेशक करों में राज्यों के हिस्से  को 32 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी किया गया है। परंतु विशेष राज्य का स्तर समाप्त होने सेउत्तराखण्ड को नुकसान अधिक हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1485 करोड़ रूपए का विशुद्ध रूप से नुकसान हो रहा है। 14 वें वित्त आयोग द्वारा किए गए अतिरिक्त हस्तातंरणों से प्रति व्यक्ति लाभ अन्य विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को 13362 रूपए जबकि अखिल भारतीय औसत 1715 रूपए है। पर्रंतु उत्तराखण्ड को यह लाभ केवल 1292 रूपए हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नीति आयोग की विशेष संस्तुति पर राज्यों को स्पेशल सहायता देने के लिए 2015-16 के बजट में जो 20 हजार करोड़ रूपए की स्पेशल विंडो रखी गई है, उसमें से उत्तराखण्ड के लिए 4 हजार करोड़ रूपए की राशि यहां के विशेष उच्च प्राथमिकता प्राप्त विकास प्रोजेक्टों को देखते हुए रिजर्व किए जाएं। साथ ही एसपीए के तहत पूर्व में स्वीकृत किए गए प्रोजेक्टों के लिए 1062 करोड़ रूपए भी इस स्पेशल विंडों से स्वीकृत किए जाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि वर्ष 1969 में संसाधनों के अभाव, पर्वतीय क्षेत्र की विषमता, कम जनसंख्या घनत्व, अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र, अनुसूचित जाति का अनुपात, आर्थिक व आधारिक संरचना का अभाव के आधार पर राज्यों को विशेष राज्य का स्तर दिया गया था। इन्हीं तथ्यों के आधार पर उत्तराखण्ड को वर्ष 2001 में विशेष राज्य का स्तर देते हुए केंद्रीय योजनाओं में सहायता 90:10 के अनुपात में दिए जाने का निर्णय लिया गया था। आज भी राज्य में इन परिस्थितियों में विशेष परिवर्तन नहीं आया है। इसलिए पूर्ववत राज्य के विशेष राज्य के स्तर को बरकरार रखते हुए केंद्र प्रवर्तीत योजनाओं व बाह्य सहायतित योजनाओं में फंडिंग 90:10 के अनुपात में की जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि वर्ष 2016 में हरिद्वार में अर्धकुम्भ का आयोजन किया जाना है। इसमें 7 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है। सभी इंफा्रस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। इन्हें पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से 500 करोड़ रूपए की बजटीय सहायता अपेक्षित है। नीति आयोग की संस्तुति पर 6 राज्यों को अर्धकुम्भ के लिए सहायता अवमुक्त की गई है। परंतु उत्तराखण्ड को अभी केंद्रीय सहायता की प्रतीक्षा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में 250 की जनसंख्या से अधिक की 748 आबादियों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाना शेष है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 809 करोड़ 84 लाख रूपए की 121 डीपीआर स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजी है। परंतु भारत सरकार ने यह कहते हुए सभी डीपीआर लौटा दी हैं कि वित्त मंत्रालय द्वारा पीएमजीएसवाई  में आवंटन राशि में बढ़ोतरी किए जाने पर ही इन पर विचार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि फरवरी 2014 के बाद से भारत सरकार ने पीएमजीएसवाई में कोई भी प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि वर्ष 2013 में दैवीय आपदा के बाद उत्तराखण्ड पर केबिनेट कमेटी ने एक विशेष पुनर्निर्माण पैकेज स्वीकृत किया था। राज्य सरकार इस पैकेज के तहत क्षतिग्रस्त सड़कों, ब्रिज, पेयजल लाईनों, बिजली लाईनों के निर्माण के साथ ही प्रभावित परिवारों को आवासों का निर्माण कर रही है।  राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हेलीपेड भी राज्य सरकार बनवा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 में सीएसएस-आर व एसपीए-आर में अवशेष 1200 करोड़ रूपए केंद्र सरकार द्वारा अवमुक्त किए जाने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जून 2013 की आपदा के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा उत्तराखण्ड को गैर वानिकी कार्यों के लिए 5 हेक्टेयर तक के वन भूमि हस्तांतरण की शक्ति हस्तांतरित की गई थीं। इसकी समय सीमा 7 नवम्बर को समाप्त हो रही हैं। अभी भी 2013 की आपदा से संबंधित अनेक प्रोजेक्ट प्रारम्भ होने शेष हैं। इसलिए इस समय सीमा को बढ़ाकर दिसम्बर 2016 किया जाए। साथ ही प्रभावित वृक्षों की संख्या में शिथिलता बरतते हुए 50 की बजाय 75 कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में डाक्टरों की कमी को देखते हुए अल्मोड़ा, रूद्रपुर व देहरादून में मेडिकल कालेज स्थापित किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किया गया था। उन्होंने अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के लिए फंड की स्वीकृति जबकि रूद्रपुर व देहरादून मेडिकल कालेज की प्रशासनिक स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया है। हल्द्वानी मेडिकल कालेज के अपग्रेडेशन के लिए 207 करोड़ रूपए व हल्द्वानी मेडिकल कालेज में केंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रेषित 120 करोड़ रूपए के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पेयजल के तहत एनआरडीडब्ल्यूपी ने अचानक राज्य को बजटीय सहायता में 50 प्रतिशत की कटौति कर दी है। जबकि विश्व बैंक से वित्त पोषित स्वजल योजना भी बाधित हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में भारत सरकार की सहमति से द्वितीय उत्तराखण्ड रूरल वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन प्रोजेक्ट को विश्व बैंक द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई थी। परंतु अब विश्व बैंक का कहना है कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के लिए प्रोजेक्ट में लगने के कारण उत्तराखण्ड के प्रोजेक्ट को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड की ग्रामीण आबादी के लिए पेयजल की आवश्यकताओं को देखते हुए अपने स्तर से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। उन्होंने 330 मेगावाट की लखवाड़ व 660 मेगावाट की किसाउ जलविद्युत परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का भी अनुरोध किया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More