25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

हरेला, झूमेलो एवं घी संग्राद महोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अलग-अलग विधाओं के अधिक से अधिक शिल्पियों को इन पुरस्कारों से जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सहकारिता एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.आई) प्रदेश में एक-एक पार्क विकसित करने तथा राज्य के प्रमुख स्थलों पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिल्पियों के चित्र लगाने के भी निर्देश दिये है।
हरेला, झूमेलो एवं घी संग्राद महोत्सव के अवसर पर सोमवार को स्थानीय रेंजर मैदान में उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार योजना के अन्तर्गत हथकरघा-बुनकरों, हस्तशिल्पों एवं लघु उद्यमियों को पुरस्कार वितरित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पुरस्कार पाने वाले शिल्पियों के प्रयास समाज को प्रेरणा देने का कार्य करेंगे।
उन्हांेंने कहा कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं विलुप्त हो रही कला, संगीत व शिल्प को नई पहचान मिले इसके लिए हरेला, झूमेलो, घी संग्राद महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हमारे लोग अपनी जड़ों से जुड़ें रहे, हमारी संगठित पहचान बनी रहे इसके लिए हम सबको प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमारे शिल्पियों द्वारा बनाये गये पत्थरों के मकान एवं उन पर लकड़ी की नक्कासी बेमिशाल हैं। यह अनूठी भवन शैली इंजीनियर के लिये चुनौती है अपनी शिल्पकला को बढ़ावा देकर देश को उत्तराखण्डी भवन शैली देने का हमारा प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे चारधाम में इड़ली, डोषा मिल सकता है तो देश व दुनिया में किसी उत्तराखण्डी व्यंजन की पहचान क्यों नहीं बन सकती है। मुरादाबाद के ब्रास के बर्तनों की तरह अल्मोड़ा के काॅपर व एपण के साथ ही यहाँ के शाल पिछौडे़ बेडशीट को क्यों पहचान नहीं मिल सकती। यदि हम इस दिशा में सोचे तथा प्रयास करें तो यह सब सम्भव हो सकता है। हमारे व्यंजनों में रोगों को दूर करने की क्षमता है, आवश्यकता है इन्हें अपनाने की, इनके उत्पादन पर ध्यान देने की। हम लोग जो गांव छोड़कर शहर में बस गये हैं, कम से कम अपने व्यंजनों को अपने भोजन का हिस्सा बनायें जब हम इन्हें अपनायेंगे तभी और लोगों से हम इसकी अपेक्षा कर सकते हैं। राज्य सरकार अपनी ओर से इस दिशा में पूरा प्रयास कर रही है। गरम पानी, पीपलकोटी सहित अन्य स्थलों पर ग्रामीण हाट बनाये जा रहे हैं महिला स्वयं सहायता समूहों को सामुहिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है इसके लिए अनुदान व्यवस्था की गई है। हमारा प्रयास बंजर खेतों को उपजाऊ बनाने व लोगों को खेती से जोड़ने का है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों का सामना करने से ही रास्ते आसान होंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर हथकरघा बुनकर के लिए भी श्रीमती विन्या देवी भटवाड़ी को प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 हजार रूपये, श्रीमती बिमला शेरपुर(देहरादून) को द्वितीय पुरस्कार रूप में 10 हजार रूपये तथा श्रीमती आशा आर्य अल्मोड़ा व लीला देवी बागेश्वर को तृतीय पुरस्कार के रूप में 07हजार रूपये की धनराशि व प्रशस्ति पत्र प्रदान कियां
इसी प्रकार हस्तशिल्प के क्षेत्र में सितारगंज के परिमल मपंक्षी को प्रथम, डुडा के शोभाराम को द्वितीय व कु.आशा आर्य नैनीताल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किये। जबकि लघु उद्यम के क्षेत्र में अशोक पुरी, उधमसिंहनगर को प्रथम, सफिउल्ला खां देहरादून को द्वितीय तथा हेमचंद पंत बागेश्वर को तृतीय पुरस्कार प्रदान किये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किये गये सहकारिता को समर्पित गीत की सीडी भी रिलीज की। उन्होंने कहा कि सहकारिता एवं एम.एस.एम.ई आर्थिक विकास से सम्बन्धित योजनाओं के लिए ध्वजवाहक का कार्य करें, लघु उद्यमियों की सहायता करे, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मददगार बनें।
कार्यक्रम में विधायक एवं सभा सचिव राजकुमार, अपर निदेशक सुधीर नौटियाल सहित सहकारिता व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More