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विश्व होम्योपैथी दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ शुभारंभ

देश-विदेश

नई दिल्ली: आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद यशो नायक ने आज यहां विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथी सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान उन्होंने विश्व होम्योपैथी दिवस पर भारत के लोगों को शुभकामनाएं दीं।

श्री नायक ने अपने उद्घाटन भाषण में अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि होम्योपैथी में मौजूद संभावनाओं का अभी तक पूरी तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सका है, इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसका योगदान सीमित है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हकीकत में होम्योपैथी दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में प्रचलन में है और इसे कई संक्रमित व गैर संक्रमित बीमारियों व बच्चों और माताओं की बीमारियों में खासा प्रभावी माना जाता है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान, जब माताओं को ज्यादा इलाज से बचने की सलाह दी जाती है, होम्योपैथिक सुरक्षित विकल्प होता है।

उन्होंने कहा कि कई महामारियों का उपचार होम्योपैथी से संभव है, लेकिन अभी तक इसका पर्याप्त इस्तेमाल नहीं हो सका है। श्री नायक ने कहा कि भारत में होम्योपैथी खासी संस्थागत है। हमारे यहां 212 होम्योपैथी अस्पताल हैं और 8000 से ज्यादा होम्योपैथी डिस्पेंसरी हैं। उन्होंने कहा कि भारत लगभग 3 लाख होम्योपैथी प्रैक्टिशनर हैं। उन्होंने कहा कि देश में 195 स्नातक और 40 परास्नातक मेडिकल कॉलेज हैं और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान शिक्षा के लिए एक मॉडल संस्थान है, होम्योपैथी के माध्यम से इलाज करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां पर 400 से ज्यादा लाइसेंसी फार्मेसी हैं, जिनमें से अधिकांश जीएमपी मानदंडों का पालन करती हैं।

मंत्री ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुष पर व्यापक स्तर पर बैठकें और विचार-विमर्श किया है। देश ने हाल में कैंसर के उपचार में आयुष प्रणालियों को एकीकृत पर चर्चा करने के वास्ते संयुक्त राज्य अमेरिका से आएक एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की थी। श्री नायक ने कहा कि बीजिंग, स्टॉकहोम, लातविया, दुबई और क्रोएशिया में भारतीय दूतावास और वाणिज्यदूतावास में आयुष सूचना इकाइयां स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत येरेवान स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, आर्मेनिया में एक चेयर ऑफ होम्योपैथी की स्थापना की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि विदेश में आयुष प्रणाली से संबंधित शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लए भारतीय दूतावासों से परामर्श के बाद विदेशी विश्वविद्यालयों में आयुष चेयर्स की स्थापना की गई है।

मंत्री ने कहा कि भारत बीते कुछ दशकों से होम्योपैथी अनुसंधान में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले देशों में शामिल रहा है और भारतीय अनुसंधानकर्ताओं के काम को अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं के शोध में जगह मिलती रही है। उन्होंने कहा कि भारत भरोसेमंद, पुनरुत्पादनीय शोध कराने के लिए समकालीन शोध डिजाइनों और विधि का पालन करता रहा है।

श्री नायक ने कहा कि भारत ने श्रीलंका, मैक्सिको, क्यूबा, नेपाल, मॉरिशस और मंगोलिया के साथ समझौतों (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं। उन्होंने कहा कि शोध और शिक्षा में भागीदारी के लिए केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) और रॉयल लंदन हॉस्पिटल फॉर इंटिग्रेटेड मेडिसिन के बीच एक एमओयू पर दस्तखत किए गए। मंत्री श्री श्रीपद यशो नायक ने इस अवसर एक स्मृति स्टैंप और स्मारिका का भी विमोचन किया।

आयुष मंत्रालय में सचिव श्री अजीत एम. शरण ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बताया कि भारत सरकार होम्योपैथी में उत्कृष्ट केंद्रों की स्थापना के लिए हर कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और सभी भारतीय होम्योपैथी संस्थानों में काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थापित किए गए उत्कृष्टता केंद्र विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा, अनुसंधान और मरीजों के उपचार के लिए मॉडल के तौर पर काम करेंगे। श्री शरण ने होम्योपैथी के वैज्ञानिक उन्नयन के लिए अनुसंधान के महत्व का उल्लेख किया।

विश्व होम्योपैथी दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन आयुष मंत्रालय के एक स्वायत्त अनुसंधान संगठन सीसीआरएच और अंतराष्ट्रीय संगठन लीगा मेडोकोरम होम्योपैथिका इंटरनेशनलिस (एलएमएचआई) द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इटली, नीदरलैंड, यूके, ऑस्ट्रिया, आर्मेनिया, कनाडा, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, जापान, फ्रांस, यूएई, क्यूबा, नेपाल, तुर्की, अर्जेंटीना, स्लोवेनिया, पाकिस्तान, घाना और केन्या सहित 23 देशों के वैज्ञानिक और होम्योपैथी चिकित्सक भाग ले रहे हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन होम्योपैथी के संस्थापक जर्मन चिकित्सक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनमैन की 261वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया जा रहा है, जो महान विद्वान, भाषाविद् और प्रशंसित वैज्ञानिक थे। कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘स्वास्थ्य में होम्योपैथी को शामिल करना’ है।

इस सम्मेलन में होम्योपैथी से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विचार किया जाएगा। सम्मेलन में ‘कैंसर पर होम्योपैथी’, ‘मानसिक स्वास्थ्य पर होम्योपैथी’, ‘महामारियों पर होम्योपैथी’, सार्वजनिक स्वास्थ्य पर होम्योपैथी, चिकित्सकीय अनुसंधान, दवा वैधता और दवा विकास आदि पर कई विशेष सत्रों को शामिल किया गया है।

कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों में बांग्लादेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मोहम्मद नसीम, नेपाल के स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री मुश्ताक आलम, पाकिस्तान के उच्चायुक्त के सलाहकार श्रीमती फौजिया मंजूर और श्रीलंका के स्वास्थ्य सचिव श्री अनुरा जयाविक्रमा शामिल हैं।

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