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मनरेगा के तहत होंगे उच्च क्वालिटी के कार्य: केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों व जिलाधिकारियोंध्जिला कार्यक्रम समन्वयक  को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा के तहत उच्च क्वालिटी के कार्य के कार्य कराये जांय, कार्यों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। वर्क  क्वालिटी मेनटेन करने के लिए उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य  के मार्गदर्शन व नेतृत्व में सम्बंधित  अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।स्टेप बाई स्टेप, हर स्टेज पर  जांच और परीक्षण का ताना-बाना बुना गया है।प्रयोग होने से पहले सामग्री के नमूनों की गुणवत्ता का प्रयोगशाला में  परीक्षण होगा।कार्य के दौरान व कार्योपरान्त जांच व परीक्षण करने के दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश शासन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि गुणवत्तापूर्ण निर्माण किया जाना  सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। मनरेगा मे उपकरणों को जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय करने के निर्देश दिए गए हैं।
मनरेगा कार्यों की क्वालिटी मेनटेन करने हेतु शासन द्वारा जिला अधिकारियों को  विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। परिसम्पत्तियों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने के लिए योजनान्तर्गत कराये जा रहे कार्यों का सघन एवं सतत अनुश्रवण व निरीक्षण तथा प्रयुक्त की जा रही सामग्री का गुणवत्ता परीक्षण व मनरेगा योजनान्तर्गत किये जाने वाले कार्यों का नियोजन, सघन एवं सतत अनुश्रवण एवं निरीक्षण हेतु  एसओपी का निर्धारण पूर्व में ही किया गया है।
उक्त आदेशों के परिवर्धन में मनरेगा योजनान्तर्गत प्रयुक्त होने वाली सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं । जारी शासनादेश में निर्माण कार्यों के सम्पादन से पूर्व प्रयुक्त होने वाली सामग्री के परीक्षण के संबंध में कहा गया है कि निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री का मानक एवं विशिष्टियों के अनुसार गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु ईंटे, इंटरलॉकिंग टाइल्स, सीमेंट, सरिया आदि के नमूनों की गुणवत्ता का प्रयोगशाला परीक्षण कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रयुक्त होने वाली सामग्री के नमूने कार्यस्थल से लेकर निकटस्थ राजकीय प्रयोगशाला में भेजकर निर्धारित मानको हेतु परीक्षण अनिवार्य रूप से कराए जाएं। सामग्री की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट मानक के अनुरूप प्राप्त होने के उपरान्त ही भुगतान की पत्रावली चलाई जाए। प्रयुक्त होने वाली सामग्री का नमूना, परीक्षण हेतु ऐसे प्राधिकारी द्वारा लिया जाए, जो कि परियोजना के क्रियान्वयन से सीधा जुड़ा हुआ न हो। सामग्री का नमूना एकत्रीकरण में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित विषयों ध् प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। नमूना फेल होने पर संबंधित आपूर्तिकर्ता फर्म एवं टी०ए० ध् जे0ई0 के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
निर्माण कार्यों के सम्पादन के दौरान प्रयुक्त की जा रही सामग्री व एकत्रित नमूनों हेतु कराये जाने वाले परीक्षण- के सम्बन्ध में कहा गया है कि कार्य की संपादन की अवधि में किए जाने वाले फील्ड टेस्ट यथा- फाइनेंस माडुलस, सिल्ट कंटेंट आदि का परीक्षण कार्यस्थल पर किया जाए। इसके अतिरिक्त कंक्रीट कार्य के संपादन की दशा में ैसनउच ज्मेज स्थल पर किया जाए तथा क्यूब मोल्ड में कंक्रीट के नमूने एकत्र कर इन्हें भी निर्धारित अवधि में राजकीय प्रयोगशाला में भेजकर टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त करते हुए उसे अभिलेखित किया जाए । इन परीक्षणों हेतु आवश्यक उपकरणों यथा – ैसनउच ब्वदमए ब्नइम डवसकए ैपमअम ैमज तथा भार तोलने का यंत्र, थ्संेा की व्यवस्था विकास खण्ड स्तर पर सुनिश्चित की जाए,ताकि आवश्यकतानुसार इन्हें कार्यस्थल पर प्रयोग किया जा सके।
निर्माण कार्यों के पूर्ण होने के उपरान्त कराये जाने वाले परीक्षण के सम्बन्ध में कहा गया है कि कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत निर्माण की गुणवत्ता परीक्षण हेतु आवश्यक उपकरण यथा – त्मइवनदक भ्ंउउमतए छेनी हथौड़ा, स्प्रिट लेवल, रोडोमीटर आदि की उपलब्धता भी विकास खण्ड स्तर पर सुनिश्चित की जाए, जिससे निरीक्षण के समय इनका प्रयोग किया जा सके और निरीक्षण के समय आवश्यकतानुसार कार्यस्थल से लिए गए नमूनों को भी राजकीय प्रयोगशाला में भेजकर इनकी परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त कर उसे अभिलेखित किया जाए।
गुणवत्ता उन्नयन हेतु जारी आदेशो में कहा गया है कि मिट्टी के कार्यों में सतह का लेवल लेना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए विकास खण्ड स्तर पर लेविल मशीन का पूर्ण सेट अनिवार्य रूप से रखा जाए तथा आवश्यकतानुसार इसका प्रयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए। मिट्टी के कार्यों में कॉम्पैक्शन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रमिकों द्वारा मिट्टी का कॉम्पैक्शन केवल लोहे के दुरमुट से ही किया जाए और लोहे के दुरमुटो की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता विकास खण्ड स्तर पर सुनिश्चित की जाए ।कार्य के संपादन से संबंधित तकनीकी कार्मिकों के पास मापन हेतु आवश्यक स्टील टेप, 30 मी० लंबा टेप, वर्नियर तथा सिल्ट की मात्रा के परीक्षण हेतु डमंेनतपदह थ्संेा की उपलब्धता भी सुनिश्चित किया जाए। समस्त उपकरणों के क्रय से पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि संबंधित उपकरणों को आवश्यकता के अनुरूप वित्तीय नियमों का अनुपालन करते हुए जेम (ळमड) पोर्टल के माध्यम से ही क्रय किया जाय। यदि कोई सामग्री जेम पोर्टल पर उपलब्ध न हो तो निर्धारित प्रचलित प्रक्रियाओं के अनुरूप ही पारदर्शिता का पालन करते हुए क्रय किया जाय तथा केन्द्रीयकृत क्रय न किया जाय । क्रय किए गए उपकरणों का प्रयोग कार्यों के परीक्षण में किया जाना सुनिश्चित किया जाए। जारी निर्देशो में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी उपकरण अनुपयोगी ना हो तथा आवश्यकतानुसार कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण ससमय किया जा सके।

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