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खेत की मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है: श्री राधा मोहन सिंह

कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि किसान के खेत की मिट्टी से उपज और किसान की आमदनी जुड़ी है, इसलिए उसके खेत की मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। कृषि मंत्री ने यह बात आज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रूड़की(उत्तराखंड) में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

कृषि मंत्री ने कहा कि सॉयल और सॉयल प्रबंधन पर जानकारी बढ़ाने और वैज्ञानिकों/विस्‍तार कर्मियों और किसानों के बीच अंतर कम करने के लिए सॉयल हैल्‍थ कार्ड योजना 2015 में शुरू की थी। यह कार्यक्रम सरलीकृत वैज्ञानिक सूचना का प्रसार कर रहा है जो किसानों की आवश्‍यकता पर आधारित है । दो वर्ष के चक्र में सभी 14 करोड़ जोत धारकों के लिए सॉयल परीक्षण पर आधारित सॉयल हैल्‍थ कार्ड जारी करने की योजना है ।

उन्होंने कहा कि खेत की मिट्टी, कृषि-खाद्य उत्‍पादन का आधार है, मिट्टी, पौधों को पोषक तत्‍वों और जल की आपूर्ति करती है विश्व का 95 % खाद्य पदार्थ मिट्टी से प्राप्त होता है। स्‍वस्‍थ सॉयल के बिना हम स्‍वस्‍थ खाद्य प्रदार्थ का उत्‍पादन नहीं कर सकते। सॉयल केवल खाद्य वस्‍तुओं का उत्‍पादन नहीं करती बल्‍कि ये वर्षा जल को छानती है, कार्बन को स्‍टोर करती है तथा मुट्ठी भर सॉयल में कई मिलियन सूक्ष्म जीवाणु होते हैं। कार्बन स्टोर करने के लिए सॉयल की क्षमता को बनाये रखना जलवायु परिवर्तन से लड़ने का सही तरीका है।

कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार का उद्देश्‍य उचित सॉयल हैल्‍थ प्रबंधन प्रणालियों को आंकना, किसानों को उनके लाभ बताना और सॉयल हैल्‍थ आधारित सिफारिश करना है ताकि वे उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए सॉयल हैल्‍थ स्‍थिति अनुसार उर्वरकों की उपयुक्त मात्रा का इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्रीय कार्यक्रम राज्‍य सरकारों की भूमिका को भी स्‍वीकार करता है कि वे सॉयल हैल्‍थ प्रबंधन पर नवप्रवर्तन कार्यक्रम कार्यान्‍वित कर रहे है। यह सॉयल हैल्‍थ कार्ड जारी करने के और सेवा प्रदान करने के लिए एक डाटा बेस विकसित करने के लिए राज्‍य सरकारों को सहायता उपलब्‍ध कराएगा।

उन्होंने बताया कि सॉयल नमूने एकत्र करने के लिए राष्‍ट्रीय प्रतिमानकों/मानकों का उपयोग किया जा रहा है। किसानों के लिए विकसित पोषक तत्‍व प्रबंधन दर्शाने के लिए प्रदर्शनी लगाने का प्रावधान है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस स्‍कीम से किसानों को लाभ होगा और यह कृषि सततता सुनिश्‍चित करने के लिए एक प्‍लेट-फार्म उपलब्‍ध कराएगी। सॉयल डाटा और सूचनाएं सभी किसानों को आराम से उपलब्ध होगा। बेहतर जानकारी से किसान कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा में समुचित योगदान दे सकेंगे ।

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर राज्‍य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपने यहां मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान तेज करें और सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, सॉयल हैल्‍थ परीक्षण, जैविक खेती और किसान परामर्शी सेवाओं में निवेश करें। उन्होंने बताया कि सरकार का प्रयास मौजूदा सॉयल उर्वरता रोड मैप का भारत के सॉयल हैल्‍थ और उर्वरता के लिए वृहत दृष्‍टिकोण में विस्‍तार करने का है।

कृषि मंत्री ने कहा कि विश्व मृदा दिवस के मौके पर किसानों को जागरूक करने के लिए देश भर में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

विश्‍व मृदा दिवस पर किसानों के लिए काम की बातें निम्नलिखित हैं –

• कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय द्वारा मृदा उर्वरकता बनाये रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की कई क्रियाओं का समावेश

• मृदा स्वास्थ्य कार्ड पौध पोषक तत्वों के संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है।

• मृदा परीक्षण के आधार पर मुख्‍य, द्वितियक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग करें।

• एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन को बढ़ावा देने से रासायनिक उर्वरकों की खपत कम हो जाएगी

• एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के अंतर्गत क्षेत्र विशेष में उपलब्‍ध विभिन्‍न खाद जैसे गोबर की खाद, ग्रामीण कम्पोस्ट, शहरी कम्पोस्ट, हरी खाद की फसलों आदि को अपनाएं।

• विभिन्‍न प्रकार के जैव उर्वरकों का प्रयोग कर खेती की लागत घटाएं।

• मृदा में जैविक कार्बन (ओo सीo) का प्रबंधन करें।

• मृदा उर्वरता में सुधार के लिए फसल अवशेषों को खेतों में जुताई कर मिलान करें।

• मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड बनवायें, उसका उपयोग करें एवं आमदनी बढ़ायें।

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