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विधान सभा स्थित सभागार में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक करते हुए: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आज विधान सभा स्थित सभागार में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के चिकित्सालयों में जो मरीज चिकित्सा स्वास्थ्य हेतु आ रहे हैं, तथा जो पात्र व्यक्ति हैं उनको मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ अवश्य मिलना चाहिए।

उन्होंने प्रदेश के सरकारी अस्पताल मे कार्यरत डाक्टरों से अपील करते हुए बैठक में कहा कि प्रत्येक डाक्टर की टेबल पर इम्पैनलमेन्ट चिकित्सालयों की सूची होनी चाहिए तथा प्रत्येक डाक्टर को स्वास्थ्य बीमा योजना की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जिससे वह सम्बन्धित मरीज को व्यवहारिकता के साथ यह अवगत करायें कि आप सामुदायकि स्वास्थ्य बीमा योजना से आच्छादित हो रहे हैं, तथा आपका उक्त ईलाज सम्बन्धित इम्पेनलमेन्ट चिकित्सालय से होगा यह उस मरीज के प्रति डाक्टर का एक उपकार का कार्य होगा। समीक्षा बैठक के दौरान उन्हें महानिदेशक स्वास्थ्य ने अवगत कराया कि अब तक प्रदेश के 5295 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य  बीमा योजना का लाभ दिया जा चुका है। जिन पर 2 करोड़ 77 लाख रू0 व्यय किया गया है। इसी परिपेक्ष मे मंत्री जी ने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देश दिये कि अपने स्तर से प्रदेश के ग्राम प्रधान, बी.डी.सी. मेम्बर, जिला पंचायत सदस्यों, पार्षदों एवं जन प्रतिनिनिधों को पत्र भी प्रेषित करते हुए स्वास्थ्य बीमा योजना की सम्पूर्ण जानकारी एवं इम्पेंनलमेन्ट चिकित्सालयों की सूची भेजते हुए उन्हें गरीब एवं असहाय व्यक्तियों को स्वास्थ्य बीमा योजना से आच्छादित करते हुए उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएॅं मुहैया हेतु अनुरोध करें। तथा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य बीमा योजना का निरन्तर प्रचार-प्रसार करते ुहए प्रेस/मीडिया से प्रेसवार्ता भी करें। जिससे सुदुर क्षेत्रों तक इस सेवा का लाभ दिलाया जा सके।
बैठक में उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देश देते हुए कहा कि समय-समय पर सर्जिकल कैम्प लगायें जायें जिससे जो व्यक्ति चिकित्सालय नहीं आ पाते उसका ईलाज वही पर सर्जिकल कैम्प के माध्यम से दिलाया जा सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य निदेशालय व जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी रूचि लें तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की दिशा में अच्छी प्रगति की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि कई जनपदों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टर नहीं हैं। जिससे वहाॅं के लोगों का पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसके लिए उन्होंने कहा कि ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का पहले चिन्हीकरण करें जहाॅं डाक्टर उपलब्ध नहीं है। उन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सरपल्स डाक्टर को सप्ताह के दो दिन उनमें भेजने की व्यवस्था करें जिससे वहाॅं के लोगों को चिकित्सा स्वास्थ्य की सेवा मुहैया करवाई जा सके।
बैठक में उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य से कहा कि मेडिकल केयर हेतु चिकित्सालयों सी.एच.सी. एवं पी.एस.सी. का निरन्तर निरिक्षण उच्च अधिकारियों के द्वारा किया जाय। जिससे सम्बन्धित क्षेत्र के चिकित्सालय से अवगत हुआ जा सके जिसकी प्रगति रिपोर्ट एवं सूचना से उन्हें भी अवगत कराया जाय।
समीक्षा बैठक में उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देश दिये कि लोक सेवा आयोग को 374 चिकित्सा अधिकारियों के अधियाचन हेतु विधिवत प्रस्ताव प्रेषित किया जाये। बैठक में उन्होंने कहा कि 826 चिकित्साधिकारियों का प्रमोशन होना है। उनकी अर्हताएॅं एवं परीक्षण करवाते हुए जो पात्र व्यक्ति हैं। उन्हें भी अधियाचन के लिये शीघ्र भेजा जाय।
बैठक में उन्होंने चारधाम यात्रा के लिये की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी भी ली जिसमें उन्हें बताया गया कि चार धाम में अभी तक 1 लाख 662 व्यक्तियों का पंजीकरण एवं परीक्षण किया गया है। उन्हें अवगत कराया गया कि जनपद रूद्रप्रयाग में जिला अधिकारी द्वारा टेन्ट कालोनी में 1 अस्थायी डाक्टर व फार्मसिस्ट की व्यवस्था करने हेतु लिखा गया है। मंत्री जी द्वारा उक्त विषय पर तुरन्त कार्यवाही करते हुए व्यवस्था के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये।
बैठक में उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देशित करते हुए कहा कि 400 फार्मसिस्टों के बैकलाक की पूर्ति हेतु पदों का सृजन का प्रस्ताव भिजवाएॅं। क्लिनिकल स्टैबलिशमेन्ट एक्ट में विषय में जानकारी लेने पर उन्हें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अवगत करया कि उक्त एक्ट पूर्ण उत्तराखण्ड में लागू किया जाना है। शासन को सुचित करते हुए हैं, इसमें अग्रिम कार्यवाही के निर्देश मंत्री जी द्वारा दिये बैठक में उनके द्वारा 13 सचल चिकित्सा वाहन के क्रय की स्थिति पर भी जानकारी ली उन्हें बताया गया कि 11 सचल चिकित्सा वाहन चल रहे हैं उन्हें अवगत कराया गया कि उत्तरकाशी एवं चमोली में सचल वाहन नहीं चल रहे हैं इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि दोनों सचल वाहनों की स्टेटस रिपोर्ट मगवाते हुए उन्हें ठीक से चलाया जाय। उन्होंने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है। सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी है।
बैठक में उन्होंने पी0पी0पी0 मोड़ पर संचालित सेवाओं के बिलों की स्थिति की भी जानकारी देते हुए निर्देश दिये  कि राजभरा के 4 अस्पतालों के 12 बिल पैन्डिंग हैं। उन्हें तुरन्त वित्त विभाग से निस्तारी करण के निर्देश दिये। उन्होंने बैठक में कहा कि नये हास्पिटलों के पदों की सृजन की कार्यवाही के लिये शासन स्तर पर कार्यवाही शीघ्र करें।
बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य आर.पी.भट्ट, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा0 पे्रमलाल, निदेशक स्वास्थ्य डा0आभा मंमगाई, सहित स्वास्थ्य निदेशालय के कई डाक्टर मौजूद थे।

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