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मुख्यमंत्री ने आगरा में एसिड अटैक पीडि़तों द्वारा चलाए जा रहे ‘शेरोज़’ हैंग आउट पहुंचकर उनसे मुलाकात की

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज आगरा में एसिड अटैक पीडि़तों द्वारा चलाए जा रहे ‘शेरोज़’ हैंग आउट पहुंचकर उनसे मुलाकात की। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने इस हैंग आउट का अवलोकन किया और एसिड पीडि़तों के काम की प्रशंसा की। उन्होंने एसिड पीडि़तों को साहसपूर्वक कठिन परिस्थितियों से निपटने की सलाह दी।

उल्लेखनीय है कि ‘शेरोज’ हैंग आउट के तहत रीडर्स कैफे, एक्टिविज़म वर्क शाॅप, हैण्डीक्राफ्ट तथा प्रदर्शनी इत्यादि का संचालन किया जाता है। इसके माध्यम से ये सभी अपने जीवन को सामान्य रूप से चलाने का प्रयास कर रही हैं।
इन महिलाओं से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार एसिड अटैक पीडि़तों की पूरी मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के अंतर्गत रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार, एसिड अटैक पीडि़ताओं को आर्थिक सहायता के वितरण तथा महिला सम्मान कोष की वेबसाइट का शुभारम्भ इस वर्ष मार्च में किया जा चुका है। उनके इलाज के लिए जितनी भी धनराशि की आवश्यकता पड़ेगी, वह राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। एसिड अटैक घटनाओं की भत्र्सना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं के अपराधियों के विरुद्ध त्वरित गति से कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने पर बल दिया। देश की 50 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है, अतः महिलाओं के हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती। एसिड अटैक पीडि़तों की दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं।
श्री यादव ने कहा कि एसिड अटैक से पीडि़त महिलाओं/लड़कियों को पूर्व में तीन-तीन लाख रुपए की सहायता दी जा चुकी है। आवश्यकतानुसार उनकी और भी मदद की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा इस सम्मान कोष हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इस कोष की स्थापना महिला सशक्तीकरण और उनके आर्थिक स्वावलम्बन के लिए की गई है। इसके माध्यम से विभिन्न अपराधों से पीडि़त महिलाओं, बालिकाओं को आर्थिक सहायता एवं चिकित्सा सुविधा देने की भी व्यवस्था की गई है। महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से स्थापित इस कोष में सरकार की नियमित बजट व्यवस्था के अतिरिक्त जनता की सहभागिता एवं सहयोग की व्यवस्था भी परिकल्पित की गई है। जनसामान्य द्वारा भी इस कोष में अपना अंशदान/योगदान किया जा सकता है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी महिला सशक्तीकरण के पक्षधर हैं और इसीलिए वे महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए लगातार कार्य करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई ‘1090’ विमेन पावर लाइन एक ऐसी ही सेवा है, जिसके माध्यम से सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस सेवा ने महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाया है और अब केन्द्र सरकार भी इस सेवा को माॅडल मानते हुए पूरे देश में ऐसी ही सेवा लागू करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में ‘1090’ विमेन सिक्योरिटी एप की शुरुआत भी की जा चुकी है। इसके माध्यम से किसी भी आपातकालीन स्थिति में महिलाएं अपनी समस्या और संकट को त्वरित गति से पुलिस तक पहुंचा सकती हैं। इससे महिलाओं में जागरूकता आने के साथ-साथ उत्पीड़न व छेड़खानी जैसी घटनाओं की रोकथाम में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि महिलाओं के समग्र विकास के दृष्टिगत वर्ष 2006 में राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश महिला नीति प्रख्यापित की गई थी। महिला नीति महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के प्रति राज्य की वचनबद्धता को दर्शाती है। उत्तर प्रदेश महिला नीति का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाना, नारी के अस्तित्व की रक्षा करना, महिलाओं में आत्मविश्वास और समाज में उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाना तथा सभी क्षेत्रों विशेष रूप से आर्थिक स्वावलम्बन में महिलाओं को सशक्त एवं समर्थ बनाना है। इसी क्रम में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के जन्म दिवस के अवसर पर 19 नवम्बर, 2014 को रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष की स्थापना की घोषणा की गई थी।

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