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एचसीएल फाउंडेशन ने देहरादून में ‘राष्ट्र निर्माण के लिए सीएसआर’ के विषय पर एनजीओ की क्षमता निर्माण हेतु संगोष्ठी का आयोजन किया

उत्तराखंड

देहरादून: इस एकदिवसीय कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष डॉ। राकेश शाह, डॉ हर्षवंती बिष्ट, उप निदेशक, आरयूएसए, श्री अनिल भारती, कार्यक्रम कार्यकारी, अखिल भारतीय रेडियो और डॉ अंजली नौटियाल, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

एचसीएल फाउंडेशन ने विभिन्न सत्रों की मेजबानी की जहां एनजीओ स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा, आजीविका आदि के क्षेत्रों में काम कर रहा था और सत्रों में भाग लिया और अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया।

  • हैदराबाद, जम्मू, पुणे, भोपाल, रांची, कोयंबटूर, उदयपुर और वडोदरा में अब तक श्रृंखला में संगोष्ठी एनजीओ के आने के आगे और समाज के विकास की दिशा में अपने कार्य मॉडल का प्रदर्शन करने के मामले में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
  • इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले 70 एनजीओ के 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
  • यह संगोष्ठी वर्ष 2017 में एचसीएल फाउंडेशन द्वारा प्रारंभ किए गए क्षमता निर्माण पहलों का हिस्सा हैं।
  • एक वर्ष की अवधि में, कोलकाता, मुंबई, पटना, रायपुर, गुवाहाटी, चंडीगढ़, इम्फाल, जयपुर, विजयवाड़ा और भुवनेश्वर जैसे शहरों में 11 संगोष्ठियों का आयोजन किया जा चुका है।

क्षमता निर्माण पहल के हिस्से के रूप में, सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु रणनीति निर्माणरू स्थानीय से वैश्विक तथा स्थानीय विकास के लिए चुनौतियां एवं अवसररू शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण, जैसे विषयों पर स्थानीय एनजीओ के प्रतिनिधियों और जन संस्थाओं के विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चाएं और सार्वजनिक विचार-विमर्श सत्र आयोजित किए गए। संगोष्ठी का आयोजन 03 अन्य स्थानों पर भी किया जाएगा, जिसके अंतर्गत बेंगलुरू, नई दिल्ली और इटानगर शामिल हैं।

कार्यक्रम की कुछ खास बातें इस प्रकार हैंः-

इस अवसर पर सुश्री निधि पुंधीर, निदेशक – सीएसआर एवं प्रमुख – एचसीएल फाउंडेशन ने कहा, ‘‘आज का कार्यक्रम हमारे अखिल भारतीय संगोष्ठी श्रृंखला की नौवी कड़ी है। हमें पूरी उम्मीद है कि, संगोष्ठियों के माध्यम से हम दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत एनजीओ की क्षमता निर्माण में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे तथा विचारों एवं समाधानों का परस्पर आदान-प्रदान संभव होगा। इन राष्ट्रव्यापी संगोष्ठियों का उद्देश्य समावेशी विकास मॉडल को बढ़ावा देना है, जो अभिनव होने के साथ-साथ न्यायोचित हैं और एनजीओ को इस क्षेत्र की बेहतर समझ हासिल करने में मदद करते हैं।’’ 

एचसीएल अनुदान पर टिप्पणीः-

  • वर्ष 2015 में शुरू किया गया एचसीएल अनुदान, एचसीएल फाउंडेशन (हाइपरलिंक) के माध्यम से एचजीएल द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की प्रतिबद्धता का परिचायक है, जिसका उद्देश्य एनजीओ को सहायता प्रदान करना एवं उन्हें सशक्त बनाना, उनके साथ संलग्न होना तथा उनके अभूतपूर्व कार्यों को सम्मानित करना है। वर्तमान में ग्रामीण विकास पर केंद्रित एचसीएल अनुदान के माध्यम से तीन विषयगत श्रेणियों, अर्थात् पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा में सम्मानित किया जाता है।
  •   इस अनुदान को पुरस्कार विजेता एनजीओ को परियोजना में सहायता उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है, जिन्होंने अतीत में बेहतर प्रभाव, उच्च विश्वसनीयता तथा सेवाओं के वितरण की विशिष्ट क्षमता का प्रदर्शन किया है। इसमें ऐसे एनजीओ शामिल हैं, जो भारत में सुविधाओं से वंचित, अलग-थलग, अभावग्रस्त एवं अविकसित ग्रामीण समुदायों तक पहुंचते हैं, तथा संवहनीय सामाजिक-आर्थिक विकास को हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम करते हैं।
  • अब अपने चौथे वर्ष में, एचसीएल अनुदान की ओर से एचसीएल अनुदान-2019 के लिए आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 4 जून, 2018 है।
  • एचसीएल अनुदान के तीसरे संस्करण को प्रतिभागियों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और देश भर से सभी तीन श्रेणियों में 3449 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जो लगभग हर भारतीय राज्य के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करती हैं। एचसीएल अनुदान अब अपने चौथे संस्करण के जरिए असाधारण काम करने वाले एनजीओ के एक और समूह की पहचान करने की दिशा में प्रयासरत है।
  • चयन की पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए ज्यूरी पैनल द्वारा एनजीओ को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक रूप से स्थाई परिवर्तन लाने वाली एनजीओ की ष्योजनाओंष् के साथ-साथ उन योजनाओं को लागू करने की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले आवेदकों के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र और परियोजना प्रस्ताव फॉर्म भरना आवश्यक है। मापनीयता, स्थायित्व, प्रासंगिकता, नवीन प्रक्रिया और वित्तीय मॉडलिंग कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं, जो एचसीएल अनुदान के लिए योग्यता मानदंडों के अतिरिक्त हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने और योग्यता मानदंडों को जानने के लिए, कृपया ीजजचरूध्ध्ीबसहतंदज.ीबसजमबी.बवउध्ीवउम पर जाएं। अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं, तो कृपया ीबसहतंदज/ीबस.बवउ पर लिख भेजें।
  • एचसीएल अनुदान के माध्यम से, एचसीएल फाउंडेशन हर श्रेणी में एक पूर्णतः स्पष्ट 5 वर्षीय परियोजना के लिए, प्रति एनजीओ 5 करोड़ ($ 0.8 मिलियन) तक की पुरस्कार राशि प्रदान करेगा। संस्करण प्, प्प् और प्प्प् के माध्यम से एचसीएल अनुदान ने वर्ष 2015-16, 16-17 और 17-18 में उच्च गुणवत्तायुक्त परियोजनाओं के लिए पहले ही 35 करोड़ ($ 5.4मिलियन) की राशि प्रदान की है।
  • इस प्रतिबद्धता के माध्यम से, एचसीएल अनुदान ने संस्करण 1, 2 और 3 के दौरान चयनित परियोजनाओं को सहायता उपलब्ध कराते हुए, भारत के 12 राज्यों के 26 जिलों में 3,567गांवों के 8,09,906 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है। इन परियोजनाओं का संचालन पहले से ही बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और नागालैंड राज्यों में किया जा रहा है।
  • एचसीएल अनुदान 5 साल की परियोजना के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण मंबी 5 करोड़ की प्रत्येक श्रेणी में विजेता गैर सरकारी संगठनों को पुरस्कार देता है। इस साल से, अनुदान अन्य फाइनल को भी इनाम देना चाहेंगे, जो अपने अधिकार में महान काम कर रहे हैं। इसलिए प्रत्येक श्रेणी में 2 अन्य फाइनलिस्टों को 1 साल की परियोजना के लिए सां 25लाख मिलेगा जो अंतिम जूरी बैठक के बाद एचसीएल फाउंडेशन के साथ पारस्परिक रूप से सहमत होंगे। इस प्रकार, एचसीएल अनुदान के लिए कुल प्रतिबद्ध निधि वर्ष 2018-1 9 के लिए5 करोड़ है।
  • एचसीएल अनुदान के पहले तीन संस्करणों को देश के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा अनुमोदित किया गया है, जिसमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी, माननीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली तथा माननीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह शामिल हैं, जिन्होंने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के साथ-साथ सीएसआर के माध्यम से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की क्रियाविधि को प्रणालीबद्ध किये जाने पर एचसीएल की सराहना की।

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