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शासन के उच्चाधिकारियों, मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं समीक्षा करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी जिलाधिकारियों से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये राज्य आकस्मिकता निधि से स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिये है कि जिन योजनाओं पर अभी कार्य शुरू नहीं हुआ है उनपर शीघ्र कार्य आरम्भ किया जाय। तात्कालिक आवश्यकता की जिन योजनाओं के लिय यह धनराशि स्वीकृत की गई है। उनका समय पर पूरा होना जरूरी है।
सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों, मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणााओं के क्रियान्वयन हेतु राज्य आकस्मिकता निधि से जारी धनराशि के उपयोग विकास की प्राथमिकताओं के निर्धारण, ग्रामीण स्तर तक सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार, स्वयं सहायता समूहों के सृदृढ़ीकरण एवं आपदा से हुए नुकसान के आकलन आदि से संबंधित विषयों की उन्होंने समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान सभी जिलाधिकारियों से उनकी समस्याओं की भी जानकारी प्राप्त की तथा उनके निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
उन्होंने विभागवार घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये जो तिथि निर्धारित है उसका पालन किया जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि विभागाध्यक्ष के स्तर पर योजनओं एवं उसके लिये स्वीकृत की जाने वाली धनराशि से संबंधित आदेश की प्रति जिलाधिकारी का भी सदर्भित की जाय। जिलाधिकारी सभी योजनाओं की जानकारी रखे तथा उनका समय-समय पर अनुश्रवण भी करें। उन्होंने कहा कि वर्षात के बाद अब कार्य का समय आरम्भ हो रहा है। अगले तीन माह में योजनाओं का क्रियान्वयन पूरा हो जाय। जिलाधिकारी अपने जनपद से संबंधित योजनाओं की प्राथमिकता तय करें, उसके समाधान का रोड़ मैप तैयार करें तथा टीम लीडर की भांति कार्य करें। सीडीओं, वीडिओं को भी इससे शामिल करें। उन्होंने अगले 15 दिन में फिर से समीक्षा बैठक आयोजित करने को कहा। बहुउद्देशीय शिविरों का अनिवार्य रूप से जनपदों में आयोजन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिये भी प्रभावी प्रयास किये जाय। महिलायें जो अपने खेत में कार्य कर रही हो या बागवानी का कार्य कर रही हो, उन्हें मनरेगा कर्मी के रूप मेें सम्मिलित किया जाय। एसएचजी को एकांउट खोलने के लिए 05 हजार रूपय तथा बैक लिंकेज के लिये 20 हजार रूपय की धनराशि प्रदान करने से गांवों के अन्दर विकास कार्याें में मदद मिल सकेगी। गांवों में भवन निर्माण कार्य करने वाले मिस्त्रियों को श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ दिये जाने की भी बात उन्होंने कही। गांवों में एसएचजी को जमीने लीज पर देकर सामुहिक खेती को भी बढ़ावा देने पर बल देते हुए इसका शासनादेश भी जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजिटल उत्तराखण्ड की दो वेन संचालित हो रही हैं इसके माध्यम से भी योजनओं के प्रचार-प्रसार पर ध्यान दिया जाय। पर्वतीय उत्पदों को बढ़ावा देने जल संचय की योजनाओं पर ध्यान देने ‘मेरा वृक्ष, मेरा धन’ योजना व मडूआ आदि का बोनस भुगतान करने के भी उन्होंने निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने 15 अक्टूबर, तक एमएसबीवाई कार्ड बनाने तथा राशनकार्डाें का डिजिटलाईजेशन के कार्य में भी शीघ्रता लाने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि आपदा से हुए नुकसान का डाक्यूमेंटेशन सही ढंग से किया जाय ताकि केन्द्रीय टीम के भ्रमण के दौरान तथ्यों के आधार पर धनराशि की मांग का औचित्य सिद्ध हो सके।

वीडियों कांफ्रेसिंग में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव डा0 रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, पुलिस महानिदेशक एमए गणपति, सचिव आनंद वर्द्धन, अमित नेगी, विनोद शर्मा, अरविन्द सिंह हयांकी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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