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दलित वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है केन्द्र सरकारः राम विलास पासवान

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: केन्द्र सरकार के 2 वर्ष पूरा होने के अवसर पर पूरे देश में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य जनता के समक्ष सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं। इसी क्रम में केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने लखनऊ में पत्रकारों से प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार दलितों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
केन्द्रीय मंत्री श्री राम विलास पासवान ने आज केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार दलित और शोषित वर्ग के लोगों के लिए न सिर्फ अनेक योजनाएं बना रही है बल्कि उनके सम्मान से जुड़ी जगहों के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए काम कर रही है। भारत रत्न भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ी जगहों जैसे कि महू में उनके जन्म स्थान, इंदू मिल , लंदन में जिस मकान में उन्होंने पढ़ाई की और नागपुर में जहां उन्होंने दीक्षा ली, उन जगहों के संरक्षण के लिए सरकार काम कर रही है। अब तक जिनका अपमान हुआ उन्हें अब पुनः प्रतिष्ठित किया जा रहा है। इतना ही नहीं स्टैंडअप इंडिया अभियान के तहत भी दलितों को उद्यमिता विकास के लिए ऋण दिया जा रहा है। देश के 1 करोड़ 25 लाख बैकों से भी कहा गया है कि वो प्रति वर्ष एक दलित और एक महिला उद्यमी को स्टैंडअप योजना के तहत उद्यम विकास में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि 33 राज्यों में इस समय खाद्य सुरक्षा कानून लागू हो चुका है। इतना ही नहीं 56 फीसदी राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है और 25 राज्यों में ऑनलाइन आवंटन भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को भी गेंहू और चावल पर सब्सिडी देनी चाहिए जिस प्रकार झारखंड की सरकार देती है ताकि ग्रामीणों को चावल 3 रुपये प्रति किलो और गेहूं 2 रुपये प्रति किलो से भी कम दाम पर मुहैया कराया जा सके। इस वर्ष गेहूं की खरीद में कमी आई है और ये 22 लाख टन की पूर्व खरीद से कम रखी गई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में किसी को भूख से नहीं मरने दिया जायेगा। केन्द्र सरकार एडवांस में अनाज देने को तैयार है और इसे बांटना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि संसद में उपभोक्ता अधिकारों के लिए नया कानून पेश किया गया है जिसके तहत देशभर में कहीं से भी और मोबाइल पर भी 21 दिन के भीतर शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। अब उपभोक्ता को वकील रखना जरूरी नहीं होगा। इस नये कानून के दायरे में ई-कॉमर्स भी आयेगा जिससे जुड़ी कई शिकायतें मंत्रालय को मिल रही थी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में गन्ना किसानों का बकाया काफी कम किया जा चुका है। दालों के बढ़ते दाम को लेकर भी सरकार चिंतित है और वो चाहती है कि राज्य सरकारें इसका अधिकतम विक्रय मूल्य तय कर दें। उन्होंने बताया कि देश में दालों का बफर स्टॉक 1.5 लाख टन का है जिसमें से 90 लाख टन खरीदा जा चुका है जबकि 26 लाख टन मंगाया गया है। केन्द्र सरकार राज्यों को 66 रुपये किलो अरहर की दालत और 82 रुपये किलो उड़द की दाल दे रही है जिसे राज्य सरकार अपने माध्यम से जनता में बेच सकती है।

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