30 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत में सनातन काल से ही गौ और गोवंश का विशेष महत्व रहा: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी नेकहा है कि भारत मंे सनातन काल से ही गौ और गोवंश का विशेष महत्व रहा है। सभी देवी देवताओं का निवास गौ में माना जाता है। यह विश्वास जहां पर रहा हों, वहां पर हम गोवंश की उपेक्षा करें, यह वास्तव में कथनी और करनी पर एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने गो संरक्षण व संवर्धन के दृष्टिगत अनेक फैसले लिए हैं। सरकार गठन के बाद अवैध बूचड़खानों व तस्करी को प्रतिबंद्धित करने का कार्य किया गया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘गो-लोक की ओर’ पुस्तक का विमोचन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी की मंगलमय शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी में गोवंश के योगदान पर प्रकाश डालने तथा गोवंश के प्रति सहृदयता तथा सद्भावना विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश में गोपाष्टमी के अवसर पर 22 नवम्बर, 2020 को प्रत्येक गौशाला पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
गोपाष्टमी के अवसर पर गोवंश आश्रय स्थलों, वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों, पंजीकृत गौशालाओं एवं कान्हा उपवन आदि में कार्यक्रम का आयोजन  होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम सम्पन्न किया जाएगा। गो पूजन एवं अन्य कार्यक्रम इस अवसर पर सम्पन्न होंगे। कार्यक्रम के दौरान गोवंश का चिकित्सीय परीक्षण के साथ-साथ संरक्षित समस्त गोवंश की खुरपका-मुंहपका रोग से रोकथाम हेतु टीकाकरण की व्यवस्था भी की जाएगी। छुट्टा घूम रहे गोवंश को संरक्षित करने का अभियान भी चलाया जाएगा। संरक्षित गोवंश की ईयर टैगिंग तथा टीकाकरण की कार्यवाही की जाएगी।
इस आयोजन में ‘मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत कुपोषित बच्चों के परिवारों को गो-आश्रय स्थलों से दुधारु गाय भी उपलब्ध करायी जाएगी। इसके अलावा, गोपालन, गो-आधारित अर्थव्यवस्था, गो-ग्रास के बारे में संवेदनशील बनाया जाए तथा गोपालन के महत्व, गो-उत्पादों एवं गो-आधारित जैविक कृषि को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में जनमानस को जागृत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 08 लाख से अधिक गोवंश को संरक्षित किया गया है। इन संरक्षित गोवंश को अतिकुपोषित परिवारों को देने की व्यवस्था भी की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गोवंश को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से खुरपका एवं मुंहपका का टीकाकरण के वृहद अभियान का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि और पशुपालन आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गोवंश प्राचीन काल से ही भारतीय जीवनशैली का हिस्सा रहे हैं। इन्होंने कृषि कार्य में मदद करने के साथ ही दुग्ध आदि उपलब्ध कराया है। हमारी संस्कृति में गाय को परिवार के सम्मानित सदस्य की मान्यता देते हुए गौमाता कहा जाता है। गाय अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख कारक है। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला राज्य है। उन्होंने कहा कि गाय के बिना कोई कर्मकाण्ड पूरा नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार गौ आधारित खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है, जिससे जीरो बजट खेती को एक नई गति मिली है। इससे किसानों की आय को दोगुना करने में भी मदद मिल रही है। गाय कितनी उपयोगी है, इसका अन्दाजा नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के माध्यम से पात्र परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं। यदि कोई परिवार 02 गाय रख ले, तो उससे प्राप्त गोबर से ही गैस को रिफ्लिंग किया जा सकता है। गाय के गोबर से सी0एन0जी0 प्लाण्ट भी स्थापित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने पुस्तक के लेखकों श्री संजय, श्री श्याम नन्दन, सुश्री शिवानी मिश्रा, डाॅ0 पी0के0 त्रिपाठी, डाॅ0 जय प्रताप सिंह, श्री हेमचन्द्र, श्रीमती स्मिता मिश्रा, श्री संजय तिवारी, श्री उमाशंकर मिश्र तथा श्री सौरभ मिश्रा को सम्मानित किया।
इससे पूर्व, कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर विद्या भारती के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी।
गोसेवा आयोग, उ0प्र0 के अध्यक्ष श्री श्याम नन्दन सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गाय के सम्मान देने का कार्य किया है। गौशालाओं को अर्थव्यवस्था से जोड़ा है, जिससे गौशालायें आत्मनिर्भर हो रही हैं। डाॅ0 जय प्रताप सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर तथा विद्या भारती के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More