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गांधी जयंती पर गांधी आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शामिल हुए

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में भारत ही नहीं पूरी दुनिया की सुख-समृद्धि के लिए महात्मा गांधी की विचारधारा और अधिक प्रासंगिक हो गई है। उन्होंने कहा कि खादी आत्मनिर्भरता एवं स्वाभिमान का प्रतीक है।

खादी के विकास के लिए सतत् प्रयास करते रहने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से गांव एवं गरीब को तरक्की करने का मौका प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वर्तमान राज्य सरकार खादी के विकास के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को श्री गांधी आश्रम, हजरतगंज में महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी की विचारधारा और उनके द्वारा बताए गए रास्ते को पूरी दुनिया में मान्यता मिल रही है। महात्मा गांधी एक मात्र ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें विश्व के लगभग सभी देशों में सम्मान दिया जाता है। निश्चित रूप से पूरे विश्व में अब तक उनके समकक्ष का कोई नेता नहीं हुआ। गांधी जी के आर्थिक दर्शन पर चलकर ही नगरों एवं गांवों का विकास किया जा सकता है और उनकी कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है। समाज को आर्थिक विषमता एवं मंदी से बचाने के लिए कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
श्री यादव ने अधिक से अधिक खादी उत्पादों को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि वे स्वयं खादी के वस्त्र पहनते हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि प्रदेश के नौजवान भी खादी वस्त्रों को अपना रहे हैं। वर्तमान युग को ब्राण्डिंग एवं बाजार का युग बताते हुए उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की वजह से पूरा विश्व एक बाजार में तब्दील हो गया है। इसलिए खादी की अधिक से अधिक बिक्री के लिए ऐसे तौर-तरीके अपनाने होंगे, जिससे खादी के उत्पादों की मांग बढ़े। उन्होंने कहा कि धर्म निरपेक्षता एवं समाजवादी विचारधारा पर चलकर ही देश को आगे ले जाया जा सकता है। देश का संविधान धर्मनिरपेक्षता एवं सोशलिस्ट व्यवस्था को ही मान्यता देता है और यही एक मात्र रास्ता है, जिस पर पूरा देश सामूहिक रूप से आगे बढ़ सकता है।
वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हो रहे अभूतपूर्व विकास से बड़ी संख्या में निवेशक आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी व्यापार के मामले में प्रदेश की रैंकिंग काफी अच्छी है। राज्य सरकार जहां मैट्रो रेल की परियोजनाओं पर काम कर रही है, वहीं नगरों में साइकिल के लिए टैªक बनवाने का काम भी कर रही है। सोशल मीडिया के प्रभाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के प्रभाव एवं पहुंच को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। हाल ही में, लखनऊ की एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस कार्मिकों को लोगों से अच्छा बर्ताव करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बावजूद कुछ पुलिसकर्मी अपने दायित्व को भूल जाते हैं, जो ठीक नहीं है।
श्री यादव ने कहा कि व्यक्तियों, संस्थाओं एवं सरकारों के फैसलों एवं कार्यों को दुनिया पैनी निगाह से देख रही है। समाज में भाईचारा कायम रखने के लिए सभी को सक्रिय एवं सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक और समाज को अपने रीति-रिवाज और खान-पान के अनुरूप जीवन यापन करने का अधिकार है। इसमें किसी भी प्रकार का व्यावधान उत्पन्न नहीं किया जाना चाहिए। बाद में मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जनपद गौतमबुद्धनगर के बिसाहडा गांव की दुःखद घटना पर कानून के अनुसार सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज में भाईचारा बिगाड़ने एवं अमन-चैन को चुनौती देने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।
इस अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री नारद राय ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर वर्ष 2002-03 से 2014 तक गांधी आश्रमों के अवशेष रिबेट 108.99 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। पिछली राज्य सरकार ने खादी उत्पादों के लिए निर्धारित 108 दिन के रिबेट को घटाकर 60 दिन कर दिया था, जिसे वर्तमान राज्य सरकार ने पुनः बहाल कर 108 दिन करने का काम किया है। इसके साथ ही गांधी आश्रमों के भवनों एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए 50 लाख रुपए के रिवाॅल्विंग फण्ड की व्यवस्था की गई है। खादी उत्पादों को छोटे एवं साप्ताहिक हाट-बाजारों तक पहुंचाने के लिए मोबाइल वैन चलाने की व्यवस्था के साथ ही अब 09 स्थानों पर खादी उत्पादों के लिए प्रदर्शनी लगाने का निर्णय भी लिया गया है।
गांधी आश्रम, हजरतगंज के मंत्री श्री आर0एन0 मिश्र ने मुख्यमंत्री सहित अन्य सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने गांधी आश्रमों के बकाए रिबेट का भुगतान कराकर परोक्ष रूप से संस्था की काफी मदद की है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खादी उत्पादों को बल मिला है।

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