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भविष्‍य की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के महालेखा नियंत्रक ने बिग डाटा प्रबंधन नीति तैयार की

देश-विदेश

नई दिल्लीः सीएजी संस्‍थान ने भारत में संपरीक्षा योजनाओं और विश्‍लेषण के लिए आधुनिक डाटा विशलेषण उपकरणों के इस्तेमाल की दिशा में कई

कदम उठाये हैं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक श्री शशि कांत शर्मा ने आज पेइचिंग में यह बात कही। पेइचिंग में ब्रिक्‍स देशों के सर्वोच्‍च लेखा परीक्षा संस्‍थान (एसएआई) की पहली बैठक में अपने मुख्‍य संबोधन में उन्‍होंने यह बात कही। उन्‍होंने भारत में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने और प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने में सीएजी के योगदान का जिक्र किया।

सीएजी ने कहा कि हमारी सरकार ने ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों और उनकी जनता की चुनौतियों से निपटने के लिए ऑटोमेटिक सेवा, सार्वजनिक-निजी भागीदारी समझौतों के माध्‍यम से विकास के लिए सहयोगियों का चुनाव, प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के लिए अर्थव्‍यवस्‍था के दरवाजे खोलना और स्‍थायी विकास पर ध्‍यान केन्द्रित करने जैसे कई कदम उठाए हैं। सरकार के इन कदमों से एसएआई लेखा परीक्षकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे प्रशासन में पारदर्शिता और सार्वजनिक आचारण में निष्‍पक्षता की मांग को बढ़ा दिया है।

श्री शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा ऑटोमेटिक सेवाएं प्रदान करने और उसके द्वारा शुरू किये गये कार्यक्रमों के अनुपालन पर आंकड़ों के संकलन ने नई चुनौतियों को जन्‍म दिया है। इससे डिजिटल आंकड़ों की भरमार हुई है और एसएआई, जोकि विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों से बड़ी मात्रा में प्राप्‍त आंकड़ों को संसाधित करने वाली कुछ ही एजेंसियों में से एक है, उसके लिए एक चुनौती को खड़ा कर दिया है। इससे पहले, एसएआई लेखा परीक्षक लेखा एजेंसी द्वारा संध्रित आंकड़ों का विश्‍लेषण किया करते हैं। ‘बिग डाटा’ ने एसएवाई लेखा परीक्षकों को परिक्षित अन्‍य स्रोतों से प्राप्‍त संबंधित आंकड़ों के साथ परिक्षित एजेंसियों के आंकड़ों को जांचने का अवसर प्रदान किया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने घोषणा की कि ‘इस बात को ध्‍यान में रखते हुए भारत ने बिग डाटा प्रबंधन नीति तैयार की है और डाटा विश्‍लेषण केन्‍द्र की स्‍थापना की प्रक्रिया जारी है। दृश्‍य विश्‍लेषण उपकरणों और परिष्‍कृत आंकड़ों के इस्‍तेमाल करने की हमारी मुख्‍य नीतियां हमें आशा के अनुरूप परिणाम दे रही हैं। मुझे विश्‍वास है कि परिष्‍कृत डाटा विश्‍लेषण एसएआई को अधिक प्रभावी लेखा जांच परिणामों को प्राप्‍त करने में सक्षम बनाएगा और सरकार को उपयुक्‍त नीतिगत फैसले लेने में मददगार साबित होगा।’

श्री शर्मा ने कहा कि ब्रिक्‍स देशों के एसएआई की इस बैठक की अध्‍यक्षता एसएआई भारत के लिए काफी महत्‍वपूर्ण है। ब्रिक्‍स अध्‍यक्षता के लिए भारत की विषय उत्‍तरदायी, समावेशित और सामूहिक समाधान का निर्माण करना है। ब्रिक्‍स की अध्‍यक्षता के दौरान, भारत पांच विषयों पर अधिक जोर देगा। ये विषय हैं 1. ब्रिक्‍स सहयोग का मजबूत संस्‍थापित और स्‍थायी बनाने के लिए संस्‍थागत निर्माण 2. पिछले सम्‍मेलनों में लिए गए निर्णयों पर अमल करना 3. मौजूदा सहयोग तंत्र को समेकित करना 4. नवाचार 5. निरंतरता।

कल श्री शर्मा को नानजिंग लेखा परीक्षक विश्‍वविद्यालय में प्रतिष्ठित प्राध्‍यापक और छात्रवृत्ति सम्‍मान प्रदान किया जाएगा। सम्‍मान समारोह में चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और रूस के सर्वोच्‍च लेखा परीक्षा संस्‍थानों के प्रमुख हिस्‍सा लेंगे।

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