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फिल्‍में संवेदनशीलता के स्‍तर पर संवाद करती हैं और लोग जिस तरह सोचते हैं वैसा परिवर्तन लाती हैं: रैजको ग्रल्कि

देश-विदेशमनोरंजन

नई दिल्ली: गोवा में आईएफएफआई-2016 में क्रोएशियाई फिल्‍म निर्माता श्री रैजको ग्रल्कि ने मीडिया से बातचीत की। उनकी फिल्‍म ‘ द कान्स्टिटूशन’ का  प्रदर्शन फिल्‍म महेात्‍सव में किया गया। फिल्‍म महोत्‍सव निदेशालय(डीएफएफ) ने श्री ग्रल्कि को फिल्‍म निर्माण पर मास्‍टर क्‍लास व्‍याख्‍यान देने के लिए आमंत्रित किया था। उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ निर्देशक का गोल्‍डेन एरिना और टोक्‍यो ग्रैंड प्रिक्‍स जैसे कई पुरस्‍कार मिल चुके हैं। उनकी फिल्‍म ब्रैवो माइस्‍ट्रो को केन फिल्‍म महोत्‍सव में पाल्‍म डी ओर के लिए नामित किया गया है।

आईएफएफआई में आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा फिल्‍में समाज में कोई परिवर्तन नहीं ला सकतीं लेकिन दर्शकों के साथ मजबूत संपर्क के लिए बनाई जाती हैं जो संवेदनशीलता के स्‍तर पर एक महत्‍वपूर्ण संवाद श्रोताओं के साथ करती हैं।

समाज पर फिल्‍मों के प्रभाव से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि वे तभी कोई फिल्‍म बनाते हैं जब उन्‍हें कोई कहानी कहनी होती है और उनका काम विश्‍व में कोई बदलाव लाता हो तभी एक फिल्‍म के लिए यह  अच्‍छा करने से अधिक होता है।

व्‍यावसायिक और कलात्‍मक फिल्‍मों में अंतर पर टिप्‍पणी करते हुए श्री ग्रल्कि ने कहा कि इनमें कोई वर्गीकरण नहीं है क्‍योंकि हर कोई अपनी कहानी कहने का प्रयास करता है और जिस तरह कहानी कही जा रही है और जिस कारण से कहानी कही जा रही है वह परिवर्तन लाता है।निर्देशक का विश्‍वास है कि हर एक फिल्‍म को दर्शकों की जरूरत होती है और यह उस फिल्‍म की कहानी की खूबसूरती है कि वह दर्शकों को आकर्षित करती है। इसके आगे उन्‍होंने बताया कि दरअसल क्रोएशियाई भाषा बहुत कम लोगों द्वारा बोली जाती है इसलिए दुनिया में क्रोएशियाई फिल्‍मों का व्‍यावसायीकरण करना बहुत मुश्किल काम है।

अपनी फिल्‍म कान्स्टिटूशन के बारे में रैजको ने बताया कि यह उनकी 12 वीं फीचर फिल्‍म है जिसका प्रदर्शन पहली बार  कनाडा के मॉन्ट्रियल में दो माह पहले हुआ था। यह फिल्‍म इस समय यूरोप के आठ देशों में दिखाई जा रही है जिसे काफी लोग पसंद कर रहे हैं। फिल्‍म एक ही इमारत में रहने वाले चार व्‍यक्तियों के बीच घृणा की प्रेम कहानी है जो आपस में तब तक कोई बातचीत नहीं करते जब तक कि उन्‍हें ऐसा करने के लिए बाध्‍यकारी स्थिति पैदा नहीं होती।

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