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एनबीएफसी को मजबूत बनाने के लिए उनमें एफडीआई की खोज की जा सकती है जिससे एमएसएमई को सहायता मिल सके: नितिन गडकरी

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नई दिल्ली: केंद्रीय एमएसएमई एवं सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज एमएसएमई पर कोविड-19 के प्रभाव पर चमड़ा निर्यात परिषद, फिक्की-‘एनबीएफसी प्रोग्राम‘ एवं आईएमसी वाणिज्य एवं उद्योग चैंबर के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठकें आयोजित की।

परस्पर बातचीत के दौरान, मंत्री ने उल्लेख किया कि वर्तमान आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए एमएसएमई सेक्टर को अति आवश्यक प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने विशेष आर्थिक पैकेज –आत्म-निर्भर भारत अभियान की घोषणा की है। इसके बाद, उन्होंने उन विभिन्न उपायों की व्याख्या की जिनकी घोषणा एमएसएमई के लिए की गई है तथा जिसमें इस सेक्टर को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई की परिभाषा में परिवर्तन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मझोले उद्यमियों की परिभाषा को निवेश तथा संबंधित हितधारकों से टर्नओवर सीमा आधार इनपुटों को बढ़ाने के द्वारा और संशोधित कर दिया गया है।

चमड़ा निर्यात परिषद के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, मंत्री ने उल्लेख किया कि आगरा रिंग रोड के निकट एक लेदर क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकता है। ये औद्योगिक क्लस्टर आगरा के चमड़ा क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की सहायता के लिए स्मार्ट सिटी, स्मार्ट गांव और अन्य बुनियादी ढांचों का विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात उत्पादों को भेजने के प्रयोजन के लिए निजी एयरलाइन के उपयोग हेतु उड्डयन मंत्रालय से अनुमति लेने पर विचार किया जा सकता है।

श्री गडकरी ने कहा कि इस समय की महत्ती आवश्यकता आर्थिक गतिविधियों को जारी रखते हुए कोविड-19 महामारी से लड़ने की है। मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि यह महामारी एक छुपा हुआ वरदान भी साबित हो सकती है और हमें इस अवसर का उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने पीपीई (मास्क, सैनिटाइजर आदि) के उपयोग पर बल दिया और सोशल डिस्टैंसिंग नियमों का पालन करने का सुझाव दिया।

 उन्होंने उल्लेख किया कि अन्य देशों से आयात कम करने पर विशेष फोकस दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय अंतिम तीन वर्षों के निर्यात एवं आयात के बारे में विवरण कवर करने के लिए दो पुस्तिकाओं पर काम कर रहा है।

मंत्री ने विचार व्यक्त किया कि इस चुनौतीपूर्ण समय में एमएसएमई को सहायता उपलब्ध कराने के लिए एनबीएफसी, राज्य सहकारी संघों, जिला सहकारी बैंकों, क्रेडिट सोसाइटियों आदि को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, एनबीएफसी को मजबूत बनाने के लिए उनमें एफडीआई की खोज की जा सकती है, जिससे एमएसएमई को काफी सहायता मिल सकेगी।

पूछे गए कुछ प्रश्नों एवं दिए गए सुझावों में शामिल थेः एमएसएमई को व्यापारियों के रूप में शामिल करना, एमएसएमई को भुगतान के लिए 45 दिनों की समय सीमा से संबंधित दिनांक 02.11.2018 के एमएसएमई मंत्रालय के आदेश में मझोले उद्यमियों का समावेशन, एनबीएफसी के मामले में डिजिटल केवाईसी को सम्मिलित करना, संपर्क सूची केवाईसी के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए मास्टर केवाईसी अधिसूचना में परिवर्तन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से प्रोत्साहन की आवश्यकता, ब्याज माफी योजना की पात्रता सूची में कपास कताई को शामिल करना, कानपुर में कार्गो उड़ान की अनुमति, आयात को कम करना तथा घरेलू क्षमता का उपयोग करना, एमएसएमई सेक्टर में परिवर्तन लाने के लिए श्रम सुधारों की आवश्यकता, आदि।

      श्री गडकरी ने प्रतिनिधियों के प्रश्नों का उत्तर दिया और उन्हें सुझाव भेजने को कहा तथा सरकार से सभी प्रकार की सहायता का भरोसा दिलाया।

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