32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी ने दिया मंत्रालय को 1000 पन्नों का जवाब

देश-विदेश

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपकि दिनेश सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। मंत्रालय को उनका जवाब मंगलवार देर शाम मिला था। मंत्रालय ने उन्हें 15 दिनों का समय दिया था और सिंह ने 15वें दिन अपना जवाब मंत्रालय को भेज दिया। दिनेश सिंह ने अपना जोरदार बचाव किया है और दावा किया है कि चार साल के एफवाईयूपी पाठ्यक्रम शुरू करने में कोई गड़बड़ी नहीं की गई क्योंकि इसके लिए जरूरी मंजूरी हासिल की गई थी।

सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने करीब 1,000 पन्नों का जवाब फाइल किया है। सूत्रों ने बताया, ‘सिंह ने करीब 25 पन्नों में जवाब दिया है, जबकि बाकी के पेज एनेक्सर हैं।’ विजिटर की सहमति के बाद सरकार ने पिछले महीने सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सरकार ने पूछा कि क्यों न उन्हें कुलपति के पद से बर्खास्त कर दिया जाए। मंत्रालय के अधिकारी अगले कुछ दिनों में उनके जवाब का अध्ययन करेंगे और फिर इसके बाद कार्रवाई के बारे में विचार किया जाएगा।

दिनेश सिंह ने जवाब में विवादास्पद चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम ( एफवाईयूपी) को शुरू करने और अपने खिलाफ अन्य आरोपों पर अपना रख स्पष्ट किया है। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने यह भी कहा है कि फैसले इस बात को भी ध्यान में रखते हुए किए गए कि छात्रों के हितों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचे। कॉलेजों में चार साल के बीटेक पाठ्यक्रम शुरू करने के बारे में ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने दलील दी है कि उसके आआईसीटीई की मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि यह पाठ्यक्रम यूनिवर्सिटी चला रही थी।

दिल्ली यूनिवर्सिटी अधिनियम सरकार को कुलपति को वापस बुलाने का कोई अधिकार नहीं देता। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वे नियुक्ति प्राधिकरण द्वारा कुलपति को हटाने के लिए जनरल सर्विसेज रिकॉर्ड्स का सहारा ले सकते हैं।
मंत्रालय ने कारण बताओ नोटिस में एफवाईयूपी शुरू करने की वैधानिकता के अलावा सिंह से एआईसीटीई से उचित मंजूरी हासिल किए बिना विश्वविद्यालय के तहत बी.टेक पाठ्यक्रम शुरू करने और अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को लैपटॉप खरीदने के लिए दिए जाने वाले 172 करोड़ रपए की धनराशि का दूसरी जगह इस्तेमाल करने को लेकर सवाल पूछे गए हैं। सिंह को विजिटर की मंजूरी के बाद गत 17 मार्च को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More