देहरादून: प्रदेश के पेयजल एवं शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार मंत्री प्रसाद नैथानी ने आज विधान सभा स्थित सभागार में उत्तराखण्ड जल संस्थान के पेयजल तकनीकी/फील्ड कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने शासन के अधिकारियों से कहा कि जल संस्थान विभाग का पुनिरीक्षित ढाॅंचा इस प्रकार से बनना चाहिए कि कर्मचारियों के भविष्य का निर्धारण हो सके तथा इनके जीवन का सेटलमेंट भलि प्रकार से हो सके जिससे इनके बच्चों का भविष्य भी संवर जाये साथ ही उन्होंने पार्ट-टाईम फीटर(अशंकालीक) कर्मचारी के लिए भी विभागीय ढाॅचें में व्यवस्था करने के निर्देश भी सचिव पेयजल को दिये। उन्होंने कहा कि आज विभाग के ग्राउण्ड जीरो पर अशंकालिक कर्मचारी अति आवश्यक सेवाओं की पूर्ति करा रहा है। इनकी संख्या आज की तिथि में 1600 के लगभग है। सरकार इनको इतना परिश्रमिक तो दे ही सकती है ताकि आराम से इनका व इनके परिवार का जीवन यापन हो सके।
उन्होंने बैठक में उत्तराखण्ड जल संस्थान के पुनरक्षित ढाॅचे में पदों के सृजन की व्यवस्था व लम्बी अवधि की आवश्यकता को देखते हुए पदों को सृजन हुए स्वीकृति हेतु यथा शीघ्र कार्मिक विभाग को भेजें तथा उसे एक सप्ताह पश्चात ढाॅचे की स्वीकृति हेतु वित्त विभाग को भेजें। बैठक में तकनीकी पदों से अवर अभियन्ताओं पर पदोन्नति हेतु 15 प्रतिशत पदोन्नति तथा 85 प्रतिशत आयोग की परिधि पर रखने पर भी कर्मचारी संगठनों से सहमति प्राप्त हुई जिसमें 10 प्रतिशत आई.टी.आई. सर्टिफिकेट धारकों तथा 5 प्रतिशत डिप्लोमा धारकों को दी जायेगी। जिसमें डिप्लोमा धारकों की पदोन्नति समय सीमा आई.टी.आई. सर्टिफिकेट धारकों से कम रखी जायेगी। समय सीमा परीक्षण हेतु सचिव पेयजल को निर्देशित किया गया।
बैठक में संगणक पद की वेतन विसंगति, हेड फीटर की वेतन विसंगति एवं पदनाम बदलने पर भी विचार-विमर्श हुआ। बैठक में जल संस्थान को पंेशन/ग्रेच्युटी भुगतान हेतु रू0 5.00 करोड़ के स्थान पर 20 करोड़ प्रतिवर्ष अनुदान देने पर वित्त विभाग के परामर्श के उपरान्त प्रस्ताव मंत्रिमण्डल के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जायेगा।
बैठक में वर्ष 2003 में नियमित हुए कर्मचारियों को पूर्व से सेवा लाभ की मांग कर्मचारी संगठनों द्वारा बैठक में की गयी। जिस पर सचिव पेयजल द्वारा स्पष्ट कहा गया कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के पश्चात ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि नियमित हुए कार्मिकों को पूर्व से सेवा लाभ दिया जा सके। यदि ऐसी कोई व्यवस्था पूर्व के किसी विभाग में शासन द्वारा प्रदान की गयी है तो इस पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा। बैठक में संगठन द्वारा यू-हेल्थ कार्ड की व्यवस्था लागू किये जाने की मांग भी रखी इस पर अवगत कराया गया कि चिकित्सा विभाग द्वारा यू-हेल्थ स्मार्ट कार्ड की संशोधित गाईड लाईन निर्गत करने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में मंत्री जी द्वारा विभाग में जल संस्थान द्वारा जो कार्य ठेकेदारी प्रथा पर कराया जा रहा है उसमें शोषण ज्यादा हो रहा है। उस पर असन्तोंष व्यक्त करते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संस्थान प्रदेश की आवश्यकतानुसार उपनल के माध्यम से कर्मचारी लें तो व्यवस्था बेहतर होगी तथा विभाग के अन्य जूनियर अधिकारी से वरिष्ठ अधिकारी की भी योजनाओं में सहभागिता होगी इस तरह का प्रस्ताव बनाने के निर्देश सी.जे.एम. उत्तराखण्ड जल संस्थान को दिये इससे पैंसे की मितव्ययता भी होगी।
बैठक में सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी, अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह, सी.जे.एम. उत्तराखण्ड जल संस्थान एस.के.गुप्ता, सचिव उत्तराखण्ड जल संस्थान एल.के.अदलखा तथा उत्तराखण्ड जल संस्थान फील्ड/कर्मचारियों के अध्यक्ष/महामंत्री व उत्तराखण्ड तकनीकी कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष/महामंत्री आदि मौजूद थे।