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डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने जराविज्ञान और बुजर्गों की औषधि पर चौथे अंतर्राष्‍ट्रीय कांग्रेस का उद्घाटन किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लो‍क शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि लोगों के जीवन काल में बढ़ोतरी के साथ ही हाल के वर्षों में जराविज्ञान के अध्‍ययन की सार्थकता बढ़ी है।  इस क्षेत्र की विशेषता कुछ हटकर है, जिसका पैमाना उम्र पर आधारित है। उन्‍होंने कहा कि भारत की आबादी में 40 साल से कम उम्र के लोगों का हिस्‍सा 70 प्रतिशत से अधिक है, जिससे भारत के सामने द्विध्रुवीय चुनौती है। एक तरफ जहां बुजुर्गों की संख्‍या बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर देश की आबादी में युवाओं की बड़ी हिस्‍सेदारी है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने यह बात जराविज्ञान एवं बुजुर्गों की औषधि पर चौथे अंतर्राष्‍ट्रीय कांग्रेस के उद्घाटन के दौरान कही, जिसका आयोजन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान-एम्‍स, नई दिल्‍ली में एशिया प्रशांत बुजुर्ग औषधि नेटवर्क सम्‍मेलन के साथ किया जा रहा है। इस सम्‍मेलन का उद्देश्‍य दुनिया भर में बुजुर्गों की देखभाल करने में और सुधार लाना है। ‘बुजुर्गों के इलाज का भविष्‍य-क्‍या आप तैयार हैं?’ विषय के साथ इस कांग्रेस का उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों को संवेदनशील बनाना है। स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हाल के दिनों में हुई प्रगति को ध्‍यान में रखते हुए डायबिटिज, इच्‍छा मृत्‍यु, बुजुर्गों के साथ दुर्व्‍यवहार और बुजुर्ग रोगियों की देखभाल जैसे जैव जराविज्ञान और सामाजिक एवं नैदानिक जरा चिकित्‍सा जैसे विषयों पर बातचीत चल रही है।

      डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि पहले संक्रामक बीमारियों के फैलने की चुनौतियां हुआ करती थी, जबकि आज गैर-संक्रामक बीमारियों के तेजी के साथ हर उम्र के लोगों में फैलने की नई चुनौती आ रही है। उन्‍होंने कहा कि इन बीमारियों पर आने वाले आर्थिक और सामाजिक खर्च एक नई चुनौती पेश कर रहे है।

      भारत में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में सुधार की सरकार की कोशिशों के बारे में बताते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार ने स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल एवं बचाव को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी है। उन्‍होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में ‘आयुष्‍मान भारत’ कार्यक्रम की शुरूआत करना इसका एक उदाहरण है। उन्‍होंने वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए न्‍यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी जैसे कदमों की चर्चा करते हुए सरकार के कई अन्‍य पहलों के बारे में भी बताया।

इस अवसर पर एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, पावर ग्रिड के चेयरमैन श्री आई. एस. झा, पंडित बी. डी. शर्मा विश्‍वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. ओ. पी. कालरा, पेंशन एवं पेंशनधारक कल्‍याण विभाग में संयुक्‍त सचिव श्री एस. एन. माथुर और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे।

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