26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह द्वारा मसूरी में आईएएस अकादमी के नए ब्‍लॉक का उद्घाटन

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्‍ट्रीय लाल बहादुर शास्‍त्री प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में आईएएस और अन्‍य सिविल सेवाओं के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर राज्‍य विकास (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि नौकरशाह सुशासन की महत्‍वपूर्ण चाबी हैं और उन्‍हें मोदी सरकार की अधिकतम शासन, कम से कम सरकार के लक्ष्‍य को अर्जित करने में उन्‍हें महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी है। वे आईएएस अकादमी के नए ब्‍लॉक आधारशिला का उद्घाटन करने के अवसर पर बोल रहे थे। भारत में सिविल सेवा के इतिहास के बारे में बताते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि लगभग डेढ सौ वर्ष पूर्व जब अंग्रेजों ने हमारे देश में भारतीय इंपीरियल सेवा या भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) शुरू की थी तो ब्रिटिश भारत के एक सिविल सेवक की संक्षिप्‍त जिम्‍मेदारियां थी, जबकि स्‍वतंत्र भारत में उनकी जिम्‍मेदारियां मूल रूप में एक-दूसरे से अलग हैं। एक उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि ब्रिटिश राज के दौरान एक सिविल सेवक से अंग्रेज साम्राज्‍य के लिए राजस्‍व वसूल करने की उम्‍मीद की गई थी इसीलिए उसे कलक्‍टर के रूप में जाना जाता था, जबकि स्‍वतंत्र भारत में उससे जनकल्‍याण के लिए राजस्‍व जुटाने की उम्‍मीद है और इसी कारण उसे अक्‍सर जिला विकास आयुक्‍त के नाम से जाना जाता है।

इसी प्रकार ब्रिटिश राज के दौरान एक कलेक्‍टर का कार्य जनता पर साम्राज्‍य का आज्ञापत्र लागू करना था, जबकि स्‍वतंत्र भारत में उससे जन आकांक्षाओं और निर्णय लेने वाले राजनीतिक प्रतिष्‍ठान के दरमियान एक सेतु के रूप में कार्य करने की उम्‍मीद की जाती है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि आजादी के पिछले 65 वर्षों में सिविल सेवक का कार्य अधिक महत्‍वपूर्ण हो गया है क्‍योंकि उम्‍मीदों का स्‍तर भी ऊंचा उठता चला गया है। उसी समय जनता और मीडिया की लगातार जांच होती रहती है जो कभी-कभी सिविल सेवक के कार्य में तनाव बढ़ा देता है। उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार अधिकारियों को सुचारू रूप से कार्य करने के अनुकूल वातावरण उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में पूरे देश में सिविल सेवकों के लिए इस वर्ष 01 अप्रैल से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा शुरू किए गए नियमित योग सत्रों का भी उन्‍होंने उल्‍लेख किया। उन्‍होंने शासन को आसान बनाने और कार्य में देरी या भ्रष्‍टाचार की संभावना को कम करने में मदद देने के लिए मोदी सरकार के डिजटलीकरण और ई-गवर्नेंस पर जोर देने का भी उल्‍लेख किया।

नौकरशाही और राजनीतिक संस्‍थापन के मध्‍य संबंधों का जिक्र करते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि इसे सहज ही होना चाहिए न कि विरोधाभासी। ताकि, लोकतंत्र के दो महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ एक-दूसरे के उद्देश्‍यों पर विपरीत प्रभाव डाले बिना एक-दूसरे की भूमिका को पूरक बना सके। भूल-चूक का कार्य तब शुरू होता है जब इरादे संदिग्‍ध हो या संदिग्‍ध गठजोड़ हो। श्री जितेन्‍द्र सिंह ने कुछ वर्तमान मुद्दों का जिक्र किया जिसमें अकादमी में शिक्षकों की कमी और सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम और सिविल सेवा परीक्षा की पद्धति में संशोधन करने के लिए कार्मिक विभाग के निर्णय आदि शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि ये सभी कदम आईएएस अधिकारियों को समकालीन भारत की आवश्‍यकताओं के अनुसार बेहतर सेवा करने के इरादे से किए गए हैं।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More