32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की

देश-विदेशसेहत

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां कोविड-19 से संबंधित उच्चस्तरीय मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। उनके साथ इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर; नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री श्री मनसुख मंडाविया; गृहराज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे डिजिटल रूप से शामिल हुए।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के. पॉल वर्चुअल रूप से इस बैठक में उपस्थित थे।

इस बैठक की शुरुआत में, डॉ. हर्षवर्धन ने उन सभी कोविड योद्धाओं की सराहना की, जो इस महामारी, जो अब अपने बारहवें महीने में है, के दौरान अभाव और थकान के कोई लक्षण दिखाए बिना अपने कर्तव्य के प्रति अडिग रहे हैं। देश की उपलब्धियों में आज उनके योगदान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “भारत के कोविड-19  के नए मामले 26 दिनों के बाद पहली बार 3 लाख से कम हो गए हैं। साथ ही, पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय केसलोड में 1,01,461 मामलों की शुद्ध गिरावट दर्ज की गई है।

डॉ. हर्षवर्धन ने भारत की पहली स्वदेशी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज या 2-डीजी (इनमास आईएनएमएएस और हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सहयोग से डीआरडीओ द्वारा विकसित) को लॉन्च करने के लिए रक्षा वैज्ञानिकों और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के प्रयासों की सराहना की। इस दवा का अनुसंधान कार्य अप्रैल 2020 में शुरू हुआ और हाल ही में पूरा हुआ जब डीसीजीआई ने इसे आपातकालीन उपयोग की मंजूरी (ईयूए) दी। स्वास्थ्य मंत्री ने मंत्रियों के समूह के सदस्यों को बताया कि यह दवा कोविड महामारी के खिलाफ हमारी प्रतिक्रिया में गेमचेंजर बनने की क्षमता रखती है क्योंकि यह ऑक्सीजन पर रोगियों की निर्भरता को कम करती है और इसमें अलग-अलग और चुनिंदा तरीके से अवशोषित होने की क्षमता होती है। कोविड से संक्रमित कोशिकाओं में, यह वायरस संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया को रोकता है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वाराइस महामारी से निपटने के लिए ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण के तहत राज्यों की मदद करना जारी है। राज्यों/ केन्द्र – शासित प्रदेशों में 422.79 लाख एन95 मास्क, 176.91 लाख पीपीई किट, 52.64 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन और 45,066 वेंटिलेटर वितरित किए गए हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने सहयोगियों को सूचित किया कि जांच किए गए नमूनों की संख्या बढ़ाने और अधिक स्थानिक विश्लेषण की अनुमति देने के लिए इन्साकोग नेटवर्क में 17 नई प्रयोगशालाएं जोड़ी जा रही हैं। इस नेटवर्क को वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 10 प्रयोगशालाओं द्वारा सेवा प्रदान की जाती है।

डॉ. सुजीत के सिंह, निदेशक (एनसीडीसी) ने भारत में दर्ज किये जा रहे सार्स–कोव-2 के उत्परिवर्तन और वेरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने पूरे भारत में बी.1.1.7 और बी.1.617 जैसे वीओसी के राज्यवार प्रसार से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए। फरवरी और मार्च, 2021 के दौरान पंजाब और चंडीगढ़ में एकत्र किए गए नमूनों में बी.1.1.7 वंशावली (यूके वेरिएंट) प्रमुख पाया गया।

डॉ. बलराम भार्गव, सचिव (स्वास्थ्य अनुसंधान) और आईसीएमआर के महानिदेशक, ने जांच नीति में नवीन परिवर्तनों के बारे में प्रस्तुतिदी, जो इसके अनुप्रयोग के दायरे को विस्तृत करेगा और बड़े पैमाने पर, खासकर कस्बों और ग्रामीण इलाकों में जहां स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा अपेक्षाकृत कमजोर है, कोविड की जांच में मदद करेगा। चलंत आरटी-पीसीआर जांच वैन की तैनाती और आरएटी जांच में बढ़ोतरी को आगे का रास्ता के तौर पर प्रस्तुत किया गया। वर्तमान मेंजांच क्षमता जहां लगभग 25 लाख (आरटीपीसीआर -13 लाख और आरएटी – 12 लाख) है, नई जांच व्यवस्था के तहत इसके तेजी से 45 लाख (आरटीपीसीआर -18 लाख और आरएटी – 27 लाख) तक बढ़ने का अनुमान है।

आईसीएमआर के महानिदेशक ने होम आइसोलेशन संबंधी दिशानिर्देशों, जिन्हें व्यापक प्रसार के लिए हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है, के बारे में भी जानकारी दी। अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में भर्ती होने और रेमडेसिविर और टोसीलिजुमैब के संभावित उपयोग से जुड़ी चेतावनी पर भी प्रकाश डाला गया।

सुश्री एस. अपर्णा, सचिव (फार्मा) ने बताया कि कोविड-19 के उपचार में काम आने वाली दवाओं के उत्पादन और आवंटन के समन्वय के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ बनाया गया है। दवा निर्माताओं को दवाओं का उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी गई है। मंत्रियों को अमल में लाई जा रही निम्नलिखित त्रिस्तरीय रणनीति से अवगत कराया गया:

  • नए आपूर्तिकर्ताओं की पहचान और मांग को पूरा करने के सभी संभावित तरीकों की खोज करतेहुए आपूर्तिकर्ताओं को पेश आने वाली परिचालन संबंधी समस्याओं को हल करना।
  • दवा उत्पादक राज्यों में जमाखोरी से बचने के लिए राज्यों/ केन्द्र- शासित प्रदेशों को दवाओं का तर्कसंगत वितरण, आपूर्ति श्रृंखला की निरंतर निगरानी और राज्यों और आपूर्तिकर्ताओं के बीच आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान।
  • डीसीजीआई एसडीसी के जरिए जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की गई।

रेमडेसिविर, टोसीलिजुमैब और एम्फोटेरिसिन-बी की खरीद और आवंटन पर जोर दिया गया। उन्होंने सूचित किया कि फ़ेविपिरावीर की मांग भी बढ़ गई है, हालांकि कोविड चिकित्सा दिशानिर्देशों में इस दवा की सिफारिश नहीं की गई है। उन्होंने इन दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए आईईसी अभियानों का सुझाव दिया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सरकारी हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिविर का उत्पादन देश में लगभग 39 लाख से बढ़कर 118 लाख खुराक प्रति माह के साथ तीन गुना से अधिक हो गया है। म्यूकर माइकोसिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी की मांग भी बढ़ गई है। पांच आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की गई है और इस दवा के अधिकतम आवंटन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 1 मई से 14 मई, 2021 के दौरान राज्यों को इसकी 1 लाख खुराकें दी गईं, जबकि इसके आयात के रास्तों की सक्रिय रूप से तलाश की जा रही है।

सचिव (फार्मा) ने आगे जोर दिया कि राज्यों को सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच समान वितरण करना चाहिए और दवाओं की उपलब्धता और दुकान के विवरण के बारे में अस्पताल और आम जनता को सूचित करना चाहिए, इसके अनावश्यक भंडारण को रोकने में मदद करना चाहिए और निर्माताओं को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बैठक में जानकारी दी कि कोविन प्लेटफॉर्म को अगले सप्ताह तक हिंदी और 14 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है।

श्री अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग, श्री राजेश भूषण, सचिव (स्वास्थ्य), श्री प्रदीप सिंह खरोला, सचिव (नागरिक उड्डयन), सुश्री एस अपर्णा, सचिव (फार्मा), सुश्री वंदना गुरनानी,  अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक, एनएचएम (स्वास्थ्य), सुश्री आरती आहूजा, अतिरिक्त सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय), डॉ. मनोहर अगनानी, अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य), डॉ सुनील कुमार, डीजीएचएस (स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय), श्री अमित यादव, महानिदेशक, विदेश व्यापार (डीजीएफटी), डॉ. सुजीत के सिंह, निदेशक (एनसीडीसी), श्री संजीव कुमार, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया। सशस्त्र बलों और आईटीबीपी के प्रतिनिधि भी इस बैठक में मौजूद थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More