देहरादून: विकास भवन सभागार में डाॅ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम ग्राम बदलाव योजना के अन्तर्गत 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया,
जिसमें प्रथम दिन जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने योजना से जुड़े नोडल अधिकारियो/सन्दर्भ व्यक्तियों से रूबरू होते हुए कहा कि नयी अवधारणा में गांव के विकास को ईकाई माना है, इसलिए 14 वें वित्त आयोग में गांव के विकास हेतु सीधे धनराशि भेजने का प्रावधान किया गया है। इसलिए नोडल अधिकारी गांव बदलाव योजना का प्लान ऐसा बनाये, ताकि गांव का विकास, गांव की आवश्यक प्राथमिकताओं से हो, उन्होने कहा कि राज्य सरकार के नये मार्गदर्शन से 3 लाख तक की योजनाएं ग्राम स्तर पर ही स्वीकृत की जायेगीं, जो ग्राम पंचायतों द्वारा अनुमोदन की तिथि से स्वीकृत माना जायेगा। तथा 3 लाख से उपर की परियोजना मुख्य विकास अधिकारी स्वीकृत करेंगे।
उन्होने नोडल अधिकारियों को ट्रेनर आपरेटर की संज्ञा देते हुए, उनसे ग्राम बदलाव योजना के माध्यम से प्रभावी संदेश देने के निर्देश दिये। तथा निर्धारित अवधि 31 मई से पूर्व अपने अधीनस्थ गावों की 5 वर्ष की वार्षिक योजना मौके पर गांव में रह रहे लोगों को सहभागिता से तैयार करने के निर्देश दिये, तथा जिला पंचायत अधिकारी को बड़ी वार्षिक योजना वाले गावों की योजना को अन्तिम रूप देने के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थित सुनिश्चित करने हेतु रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिये। ज्ञातव्य है कि कतिपय बड़े गांव जैसे ऋषिकेश एवं डोईवाला, माजरीग्रान्ट के गावों में 30 से 35 लाख धनराशि तक ग्राम स्तर पर ही योजनाएं बनाई जानी हैं, जो जिला स्तर अधिकारी की देख-रेख में गांव में खुली बैठक में अनुमोदित की जायेंगी।उक्त क्षेत्रों के लिए नियुक्त किया जाना आवश्यक है तथा उन्हे रोस्टर तैयार करने के भी निर्देश दिये। उन्होने कहा कि ग्राम बदलाव योजना का खाका केवल प्रारूप से नही किया जाय बल्कि गांव वालों की सुविधा के अनुसार खुली बैठक हेतु समय निर्धारण करें। उन्होने कहा कि इस योजना से एक ओर गांव का वास्तविक डाटाबेस तैयार होगा, वही कार्य की गुणवत्ता में सुधार आयेगा। इसलिए योजना निर्माण में एक्यूरेसी होनी चाहिए। उन्होने कहा कि ग्राम पंचायतों को वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्य हस्तांतरित करने से ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ जाती है। उन्होने सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों को उनके दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी से करने के निर्देश दिये।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि डाॅ ए.पी.जे अब्दुल कुमार गाव बदलाव योजना को गांव की भौगोलिक स्थिति के अनुसार कार्य योजना तैयार करें। उन्होने कहा कि इस योजना में कई ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं जिन पर कार्य शुरू हो गया है। उन्होने के कहा कि योजना के अन्तर्गत पहले वही कार्य लिये जायें, जो गांव की पहली प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि जनपद में 460 ग्राम पंचायतें है सभी ग्राम पंचायतों में बहुद्देशीय भवन बनाये जाने है जिसके लिए प्रथम चरण में मनरेगा से 100 पंचायत भवन बनाये जायेगें। उन्होने कहा कि गावं में ऐसे हाट बाजार भी तैयार किये जायेगें जिसके लिए स्थानीय उत्पाद उन्ही हाट बाजारों से विक्रय किये जाय ताकि काश्तकारों का आर्थिक स्तर उन्नत हो सके।
इस अवसर पर जिला पंचायतराज अधिकारी एम.एम खान ने कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डाॅ ए.पी.जे अब्दुल कलाम योजना के तहत ग्राम पंचायत की मूलभूत सूचनाएं संकलित की जानी आवश्यक जिसमें ग्राम पंचायत का नाम, सम्मिलित राजस्व ग्राम, वन पंचायतों की संख्या, ग्राम पंचायतों का भौगोलिक क्षेत्रफल, 2011 की जनगणना के अुनसार जनसंख्या, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग की जन संख्या, ग्राम पंचायत मे ंसाक्षरता का प्रतिशत्, महिला, पुरूष की जनसंख्या, कुल परिवारों की संख्या सहित ए.पी.एल, बी.पी.एल का विवरण होना आवश्यक है तथा ग्राम सभा मे सृजत परिसम्पत्तियों का विवरण जिसमें सामुदायिक भवन, पेयजल, सिंचाई सुविधाएं, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनवाड़ी केन्द्र, शौचालय/व्यक्तिगत शौचालय/सार्वजनिक शौचालय, विद्युतीकरण सुविधा, वित्तीय/बैंकिग संस्थान, सस्ता गल्ला दुकान, खाद्य एवं दुग्ध सहकारिता समितियां, हैचरी एवं अन्य का पूर्ण विवरण भी अंकित किया जाय।
2 comments