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डोनर मंत्रालय ने शिलांग में “पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में पूर्वोत्तर परिषद की बदलती भूमिका” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया

देश-विदेश

केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर), संस्कृति और पर्यटन मंत्री, श्री जी किशन रेड्डी ने मेघालय और असम राज्यों का दो दिवसीय आधिकारिक दौरा किया। अपनी मेघालय यात्रा के एक भाग के रूप में, केंद्रीय मंत्री ने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) और पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना (एनईआरएसडीएस) के कई विकास कार्यों और वर्तमान में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने शिलांग, मेघालय में पूर्वोत्तर परिषद सचिवालय में आयोजित की गई एक समीक्षा बैठक में डोनर मंत्रालय राज्य मंत्री श्री बीएल वर्मा, डोनर मंत्रालय सचिव श्री लोक रंजन, पूर्वोत्तर परिषद सचिव श्री मूसा चलाई और अन्य अधिकारियों एवं गणमान्य लोगों के साथ हिस्सा लिया।

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केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने पूर्वोत्तर परिषद, शिलांग के सम्मेलन सभागार में आयोजित किए गए “पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में पूर्वोत्तर परिषद की बदलती भूमिका” नामक कार्यशाला में भी हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल श्री सत्य पाल मलिक, मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा, डोनर मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बीएल वर्मा, डोनर मंत्रालय में सचिव श्री लोक रंजन, एनईसी सचिव श्री मूसा चलाई और पूर्वोत्तर राज्यों के अन्य गणमान्य व्यक्ति, अकादमिक बिरादरी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। अपने संबोधन के दौरान, श्री जी किशन रेड्डी ने डोनर मंत्रालय की ओर से उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम और संवैधानिक जिम्मेदारियों से समय निकालकर पूरे एक सप्ताह के लिए अष्टलक्ष्मी राज्यों की यात्रा की। श्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “महोदय, यह बहुत खुशी की बात है कि आप हमारे बीच मौजूद हैं और लोगों के साथ रहने वाला आपका यह जुनून आपको इस देश के सबसे सक्रिय उपराष्ट्रपतियों में से एक बनाता है जिन्हें अब तक इस देश ने देखा है। कैबिनेट मंत्री के रूप में भी आपने हमेशा ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है।’’

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केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पूर्वोत्तर परिषद के प्रति प्रतिबद्धता उनके कार्यों के माध्यम से जगजाहिर होती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2016 में उन्‍होंने पूर्वोत्तर परिषद की बैठकों में हिस्सा लिया था और उन्होंने 65वें पूर्ण अधिवेशन को संबोधित किया था और  पिछले 40 वर्षों में ऐसा करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री थे। अपने संबोधन के दौरान, श्री जी किशन रेड्डी जी ने पूर्वोत्तर में बेहतर सड़कें, रेलवे और हवाई मार्ग के माध्यम से अवसंरचना और संपर्क को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, “राजधानी रेल संपर्क परियोजना के एक भाग के रूप में, पूर्वोत्तर के 3 राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के शहर पहले से ही भारतीय रेलवे के मुख्य नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। शेष 5 राजधानियों को जोड़ने का काम चल रहा है। हवाई संपर्क के एक भाग के रूप में, पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2 प्रमुख ग्रीनफील्ड हवाई संपर्क परियोजनाओं की शुरुआत भी की जा रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने एनईआर में सरकार द्वारा दिए जा रहे कृषि कार्यों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में लिए गए दो निर्णय, तेल पाम के लिए खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन और पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) का पुनरुद्धार, पूर्वोत्तर में कृषि क्षेत्र को बहुत ज्यादा बढ़ावा देंगे।

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श्री जी किशन रेड्डी ने पूर्वोत्तर परिषद के प्रयासों की भी सराहना की और कहा “अपने अस्तित्व के 50 वर्षों में पूर्वोत्तर परिषद ने एनईआर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एनईआर ने श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के विजन को साकार करने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं। इसलिए आज की कार्यशाला हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। एनईसी की बदलती हुई भूमिका को हम पूर्वोत्तर क्षेत्र की आकांक्षा के अनुसार आकृति प्रदान करेंगें।’’

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केंद्रीय मंत्री, भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एमं वेंकैया नायडू, राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक और मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा के साथ राजभवन, शिलांग में मेघालय की परंपराओं, संस्कृति और लोककथाओं को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल हुए।

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