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श्रम ब्यूरो के 101वें स्थापना दिवस के अवसर पर अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के अंतर्गत अनुमोदन पत्रों का वितरण

देश-विदेश

श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज कहा कि “मेहनत को सम्मान, अधिकार एक समान” के आदर्श वाक्य का पालन करते हुए सरकार का फोकस साक्ष्य आधारित नीति निर्माण के माध्यम से श्रमिकों के कल्याण पर है। श्रम ब्यूरो के 101वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने आज श्रम ब्यूरो भवन, चंडीगढ़ में एरिया फ्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस) के फील्ड वर्क का शुभारंभ किया।

इस आयोजन के दौरान, माननीय मंत्री ने बताया कि श्रम के सभी पहलुओं पर आँकड़ें बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। किसी भी साक्ष्य आधारित नीति-निर्माण हेतु वैज्ञानिक तरीके से एकत्रित आँकड़े अतिमहत्वपूर्ण होते हैं। आने वाले समय में आंकड़ों के बढ़ते महत्व तथा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत एक श्रम प्रधान देश है, श्रम तथा मूल्य सांख्यिकी हेतु समर्पित संगठन के रूप में श्रम ब्यूरो जैसे संगठन को पूर्ण समर्थन तथा अत्यधिक मजबूती दिये जाने की आवश्यकता है।

मंत्री महोदय ने राज्य के श्रम मंत्रियों, श्रम सचिवों और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के राज्यों के आयुक्तों के साथ विभिन्न योजनाओं और सुधारों के कार्यान्वयन पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ई-श्रम पोर्टल के तहत असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के संबंध में प्रगति और तैयारियों के संबंध में चर्चा की।

मंत्री महोदय ने असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड भी वितरित किए और महामारी के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को ईएसआईसी कोविड राहत योजना के तहत अनुमोदन पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर श्री यादव ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के अंतर्गत श्रमिकों को अनुमोदन पत्र भी वितरित किए।

मंत्री महोदय ने मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय द्वारा आयोजित “ई-श्रम” पोर्टल के तहत असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए विशेष शिविर का दौरा किया। मंत्री महोदय ने असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड वितरित किए और मजदूर संघ के नेताओं, नियोक्ताओं और असंगठित श्रमिकों के साथ बातचीत की।

ई-श्रम पोर्टल https://eshram.gov.in का उद्घाटन 26 अगस्त, 2021 को किया गया था। पोर्टल पर अब तक 2.5 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए जा चुके हैं। यह पोर्टल प्रवासी श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों और प्लेटफॉर्म श्रमिकों सहित असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है।

श्री यादव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यह भी बताया कि वेबसाइट के शुभारंभ के चौथे सप्ताह में जहां असंगठित श्रमिकों का तेज़ी से हुआ पंजीकरण 1.71 करोड़ से अधिक हो गया, वहीं इस (5वें) सप्ताह में आज की तारीख में पोर्टल पर कुल मिलाकर पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 2.51 करोड़ से अधिक हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण, 2019-20 के अनुसार लगभग 38 करोड़ श्रमिक असंगठित क्षेत्र और रोजगार में लगे हुए हैं।

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