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आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ मॉक अभ्यास की समीक्षा करते हुएः मुख्य सचिव एस रामास्वामी

Disaster management officials to review the mock exercises
उत्तराखंड

देहरादून:  आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से राज्य में इंसीडेन्ट कमाण्ड सिस्टम (IRS) पर आधारित भूकम्प का मॉक अभ्यास किया गया। इसमें यह माना गया कि उत्तराखण्ड में 7.2 रिएक्टर का भूकम्प प्रातः 10.02 बजे आया जिसका केंद्र चमोली जिले के जोशीमठ तहसील में तपोवन गांव था। इससे चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी व देहरादून जिले प्रभावित रहे। मॉक ड्रिल के अनुसार भूकम्प के झटके महसूस होने या अन्य माध्यमों से भूकम्प का पता चलने पर आपदा प्रबंधन के तहत विभिन्न यूनिटों से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी सचिवालय स्थित आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और अपने-अपने दायित्वों को सम्भाला। इसी प्रकार देहरादून, टिहरी, चमोली व उत्तरकाशी जिलों में भी जिला आपदा केंद्र सक्रिय हो गए। संबंधित जिलों में पहले से चिन्हित स्टेजिंग एरिया में पुलिस, होमगार्ड, विभिन्न विभागीय अधिकारी उपलब्ध संसाधनों के साथ एकत्र हो गए।

मॉक अभ्यास के अनुसार भूकम्प की तीव्रता 7.2 होने से मोबाईल व लैंडलाईन कनेक्टीवीटी ध्वस्त थी। ऐसी स्थित में सेटेलाईट फोन व वायरलैस सिस्टम का उपयोग किया गया। जिलों से सूचनाएं जुटाई गईं। इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रसारित खबरों का भी संज्ञान लिया गया। सम्पर्क हेतु देहरादून स्थित हेल्पलाईन नम्बर सहित दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड स्थानित आयुक्त के नम्बर भी प्रसारित किए गए। लोगो से अपील की गई कि घबराएं नहीं और सावधानी के तौर पर घरों से बाहर रहे। जिलों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पुलिस फोर्स, एसडीआरएफ तैनात की गई । रेस्कयू दल रवाना किए गए। प्रभावित स्थानों पर रीलिफ कैंप खोले गए। एसडीआरफ की टीमें भेजी गई। आईटीबीपी व आर्मी को अलर्ट पर रखा गया।

मॉक अभ्यास के पश्चात मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में इसकी समीक्षा की गई और विभिन्न खामियों को चिन्हित किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को भूकम्प के झटके महसूस होने पर स्वतः ही निर्धारित स्थलों पर पहुंच कर अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। इसके लिए किसी आदेश की प्रतीक्षा नहीं की जानी चाहिए। यातायात विभाग ऐसी स्थिति में अधिग्रहित किए जाने वाले वाहनों की सूची तैयार रखे। विभिन्न रेखीय विभागों के संबंधित अधिकारियों के पास हमेशा पूरी जानकारी रहनी चाहिए। ऐसी विकट स्थिति में कम्यूनिकेशन को जल्द से जल्द कैसे स्थापित किया जा सकता है, इसकी भी तैयारी रहनी चाहिए।

राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के वरिष्ठ सलाहकार, मेजर जनरल वी.के.दत्ता ने मॉक अभ्यास को संतोषजनक बताते हुए कहा कि स्टेजिंग एरिया में व्यवस्थाओं को सुधारना होगा। आपसी समन्वय पर भी अधिक ध्यान देना होगा। समीक्षा बैठक में इंसिडेंट कमांडर अमित नेगी सहित आपदा प्रबंधन के अंतर्गत लॉजिस्टिक यूनिट, प्लान यूनिट, आपरेशनल यूनिट, सिचुएशन यूनिट के प्रमुखों ने अपने-अपने अनुभव बताने के साथ ही प्रेक्टिकल समस्याओं के बारे में भी अवगत कराया। इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के वरिष्ठ सलाहकार, जनरल वीके नायक, सचिव अरविंद सिंह हयांकि, अपर सचिव सी रविशंकर, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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