29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

“ध्रुव तारा” छात्र देश के करोड़ो बच्चों के लिए एक प्रकाश स्तम्भ की तरह काम करेंगे: रमेश पोखरियाल निशंक

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के मुख्यालय में एक अऩूठी पहल के तहत प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम-ध्रुव का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम देश के प्रतिभाशाली छात्रों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का काम करेगा।

ध्रुव कार्यक्रम देश में प्रतिभाशाली छात्रों की तलाश के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा और ऐसे छात्रों को विज्ञान, ललित कला और रचनात्मक लेखन आदि जैसे उनकी रूची के विषयों में उत्कृष्टता हासिल करने में मददगार होगा। इसके जरिये प्रतिभाशाली छात्र न केवल अपनी पूरी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर सकेंगे, बल्कि समाज के लिए भी योगदान कर पाएंगे। इस अवसर पर अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष डॉ. के.सिवन, भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री और अशोक चक्र विजेता विंग कमांडर सेवानिवृत राकेश शर्मा और अटल नवाचार मिशन के निदेशक रामनन भी उपस्थित थे।

      चुने गये 60 प्रतिभाशाली बच्चों सहित केन्द्रीय विद्यालय के छात्र भी ध्रुव कार्यक्रम के शुभारंभ मौके पर मौजूद थे। उन्होंने श्री निशंक डॉ. सिवन और राकेश शर्मा के साथ बातचीत की और उनके जीवन के अनुभवों, संघर्षों तथा उपलब्धियों के बारे में जाना।

PHOTO-2019-10-10-16-01-12.jpg

प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है ताकि वे अपने कौशल और ज्ञान को और समृद्ध बना सकें। देशभर में खोले गये उत्कृष्टता केन्द्रों में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त लोगों द्वारा प्रतिभावान बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर पाएं। उम्मीद की जाती है कि ध्रुव तारा के कार्यक्रम के तहत चुने गये छात्रों में से कई अपने पसंदीदा क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल कर सकेंगे और इस तरह अपने समुदाय, राज्य तथा राष्ट्र के लिए सम्मान अर्जित करेंगे।

      श्री निशंक ने कहा कि ध्रुव तारा कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की दूर दृष्टि का परिचायक है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिभावान छात्रों की मौजूदगी में हुआ। उन्होंने कहा कि यह प्रतिभावाव छात्रों के जीवन के साथ ही समाज में भी बड़ा बदलाव लाएगा। प्रतिभाशाली छात्रों की उपलब्धियों के जरिये पूरी दुनिया यह जान पाएगी कि “सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा”। ध्रुव तारा कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए श्री पोखरियाल ने बताया कि इसमें ललित कला के छात्रों को भी विज्ञान के छात्रों के साथ ही शामिल किया गया है क्योंकि ललित कला के छात्रों में अपनी सोच और अपनी बातें प्रभावी तरीके से पहुंचाने की अद्भुत क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश भर के बच्चों को शामिल किया जाना एक भारत श्रेष्ट भारत की मूल भावना को सही मायने में परिलक्षित करता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश को समृद्धि के शिखर पर ले जाने का सारा दारोमदार इन प्रतिभावान बच्चों के कंधों पर ही है। उन्होंने कहा कि ये प्रतिभावन बच्चे न सिर्फ देश के 33 करोड़ दूसरे बच्चों के लिए एक प्रकाश स्तम्भ की तरह काम करेंगे बल्कि उनके लिए सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार द्वारा शुरू की गई मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया और ऐसी ही कई अन्य पहलों की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान भारत को दुनिया में अग्रणी स्थान दिलाएंगे।

      डॉ. सिवन ने कहा कि ध्रुव के तहत चुने गये प्रत्येक छात्र की प्रतिभा को ध्रुव तारे की तरह निखारा जाएगा। उन्होंने ध्रुव कार्यक्रम की शुरूआत इसरो मुख्यालय से किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह युवाओं की सोच के लिये प्रेरणा स्रोत्र होगा। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जिक्र करते हुए डॉ. सिवन ने कहा कि पिछले 60 वर्षों में यह कार्यक्रम युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा और सोच की वजह से ही अप्रत्याशित ऊंचाईयां हासिल कर पाया है। उन्होंने कहा कि प्रतिभावान छात्र– ध्रुव तारे आगे चलकर लोगों की समस्याओँ का हल ढूंढ पाएंगे।

PHOTO-2019-10-10-16-00-59.jpg

श्री राकेश शर्मा ने कार्यक्रम में बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कि उनसे आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए भविष्य में तैयार रहने की  अपील की। उन्होंने बच्चों को नसीहत देते हए कहा कि जीवन में पैसा नहीं बल्कि बड़ा काम सबसे संतोष लेकर आता है।

      ध्रुव कार्यक्रम के पहले बैच में सरकारी और निजी स्कूलों के नौ से बारवीं कक्षा के 60 अत्याधिक प्रतिभावान छात्रों का चयन किया गया है। इनमे से 30 छात्रों को ललित कला और बाकी 30 को विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगले 14 दिनों में इन बच्चों को उनके चुने हुए क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान इन छात्रों को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे विषयों प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा जाएगा। 14 से 23 अक्टूबर तक ये छात्र आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगे।

PHOTO-2019-10-10-16-01-03.jpg

23 अक्टूबर को आयोजित होने वाले समापन समारोह में ये छात्र अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके बाद कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत इन बच्चों को बेंगलुरु और नई दिल्ली में सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व वाले स्थान दिखाने ले जाया जाएगा।

      कार्यक्रम में विंग कमांडर रमेश शर्मा पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस मौके पर रिफत शारूक, यग्न साई और विजय लक्ष्मी नारायण ने नैनो सेटेलाइट “कलाम सेट-वी-2” अपने इस अनूठे प्रोजेक्ट की प्रस्तुति दी। इसरो ने 24 जनवरी 2019 को कलाम सेट वी-2 का प्रक्षेपण किया था।

      इस अवसर पर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव श्रीमती रीना राय और मानव संसाधन मंत्रालय, विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा नीति आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

ध्रुव तारा छात्रो की प्रोफाइल के लिए यहां क्लिक करें।

Click here to see the profiles of DHRUV Tara students:

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More