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‘ध्रुव’ कार्यक्रम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की सच्ची भावना का प्रतिनिधित्व करता है: रमेश पोखरियाल ’निशंक’

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नवाचारी शिक्षण कार्यक्रम- ‘ध्रुव’ के सम्मान समारोह में भाग लिया। उन्‍होंने इस कार्यक्रम के लिए चुने गए मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम के तहत चुने गए सभी 60 छात्रों को ‘ध्रुव’ बैच प्रदान किये।

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’,  भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर के. विजय राघवन, उपराष्ट्रपति के सचिव डॉ. आई. वी. सुब्बाराव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव श्री अमित खरे, मिशन निदेशक अटल नवाचार मिशन,  नीति आयोग  श्री आर. रामनन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री आर.सी. मीणा और मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी तथा ध्रुव तारा विद्यार्थी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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श्री वेंकैया नायडू ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ध्रुव’ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक विशिष्‍ट पहल है। प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम- ‘ध्रुव’ असाधारण रूप से प्रतिभाशाली छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाने के रूप काम करेगा। यह इन छात्रों की प्रतिभा का पता लगाने और उनकी विशिष्ट क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने में मदद करेगा। यह स्पष्ट है कि जिन छात्रों ने ‘ध्रुव’ कार्यक्रम पूरा कर लिया है उन्‍हें जबरदस्त अवसर औ‍र विविध अनुभव प्राप्त हुआ है। मैं इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम को पूरा करने पर आप सबको ध्रुव तारा या पोलर स्‍टार के रूप में बधाई देता हूं।

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इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि हमारे छात्रों में क्षमता की  कोई सीमा नहीं है और प्रधानमंत्री नवाचारी शिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को अभी हाल में समाप्‍त हुए कार्यक्रम के माध्‍यम से उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने में मदद करना है। 14 दिनों के इस कोर्स के दौरान छात्रों को बहुआयामी सहायता प्रदान की गई। ‘ध्रुव’ कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत की सच्ची भावना को दर्शाता है। उम्मीद है कि ये छात्र देश के 33 करोड़ छात्रों के लिए एक प्रकाश स्‍तंभ के रूप में काम करेंगे। उन्‍होंने बताया कि ध्रुव के पहले बैंच में 60 छात्र रहे हैं, जिनमें 30 विज्ञान में असाधारण रूप से प्रतिभाशाली हैं जबकि 30 छात्र अभिनय कला में उत्कृष्ट हैं।

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उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम में दो क्षेत्रों-  विज्ञान और अभिनय कला में प्रतिभाओं की पहचान और उनके पोषण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। आज मौजूद हमारे 30 छात्रों ने बहुत ही प्रारंभिक अवस्था में विज्ञान के क्षेत्र में अपने आप को प्रतिष्ठित कर लिया है, जिससे यह साबित होता है कि उनके पास कड़ी मेहनत के लिए दृढ़ संकल्प, नवाचार और क्षमता का संयोजन है। ये ऐसे गुण हैं जो इस कार्यक्रम का लाभ उठाने और आने वाले समय में अपनी प्रतिभा का एहसास कराने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री नवाचारी शिक्षण कार्यक्रम- ‘ध्रुव’ असाधारण रूप से प्रतिभाशाली छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाने के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य तीस छात्रों ने अभिनय कला में अनुकरणीय तकनीक, कौशल और अभिव्यक्ति का प्रदर्शन किया है। अभिनय कलाओं की भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में बहुत गहरी जड़े हैं। इन छात्रों ने शारीरिक और मानसिक इच्‍छा शक्ति के अच्‍छे रिकॉर्ड के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के बारे में एक सम्‍मानित और ज्ञानपूर्ण प्रदर्शन किया है। उनके पास अपने आप को, अपने परिवार को और अपने देश को अपनी विशेष कलात्मक गतिविधियों द्वारा गर्व करने के लिए आवश्यक कौशल और माइंड-सेट मौजूद है।

‘ध्रुव’ कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित सभी 60 छात्रों ने कार्यक्रम के दौरान अनेक प्रदर्शनों के माध्‍यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन उत्कृष्ट प्रतिभाशाली छात्रों को ‘ध्रुव’ कार्यक्रम के पहले बैच में चुना गया है। इस प्रकार छात्र अपनी उपलब्धियों के माध्यम से चमकने के अलावा दूसरों का रास्‍ता भी प्रकाशित करेंगे। इन 60 छात्रों का चयन पूरे देश से किया जाता है जो मोटे तौर पर इन्‍हें सरकारी और निजी स्‍कूलों के 9 से 12 कक्षाओं के छात्रों में से चुने जाते हैं।

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14 दिन के कार्यक्रम के दौरान विज्ञान और अभिनय कला के छात्रों को दो समूहों में विभाजित किया गया था। विज्ञान और अभिनय कला के इन 30-30 छात्रों को 10-10 छात्रों के 3-3 समूहों में विभाजित किया गया था। विज्ञान विषय के प्रत्येक समूह के छात्रों ने विज्ञान क्षेत्र के विशेषज्ञों की सलाह पर एक परियोजना का निर्माण किया। इसी प्रकार,  अभिनय कला के प्रत्येक समूह को कला और संस्कृति के दिग्‍गजों द्वारा सलाह दी गई थी। इन छात्रों ने 14 से 23 अक्टूबर, 2019 तक आईआईटी, दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन में आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया।

अपने 14 दिनों के प्रशिक्षण के दौरान प्रसिद्ध इन छात्रों ने बॉलीवुड निर्देशक सुभाष घई, सांसद और सूफी गायक हंसराज हंस, ध्रुपद गायक वसीफुद्दीन डागर, प्रसिद्ध गायक मोहित चौहान, प्रसिद्ध पार्श्व गायक शिवमणि, सीईओ, कोस्टा कॉफी के सीईओ डोमिनिक पॉल और कई प्रसिद्ध हस्तियों से कला और विज्ञान में प्रशिक्षण लिया और इन हस्तियों ने ‘ध्रुव’ बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किए।

ध्रुव तारा छात्रों के प्रोफाइल देखने के लिए यहां क्लिक करें:

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