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श्री राधा मोहन सिंह ने दो वर्ष सूखा पड़ने के बावजूद खाद्यान उत्‍पादन ऊंचा रखने के लिए वैज्ञानिकों और किसानों की सराहना की और गोकुल ग्राम परियोजना की आधारशिला रखी।

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज मथुरा में चार दिवसीय पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय कृषि उन्‍न‍ति मेला -2016 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय का जन्‍म मथुरा में हुआ था लेकिन उन्‍होंने अपने विचारों और कार्यों द्वारा पूरे देश को नई दिशा प्रदान की। उन्‍होंने कहा कि पंडित दीन दयाल एक महान दार्शनिक, अर्थशास्‍त्री, समाज सुधारक, निर्भीक पत्रकार और राजनीतिक चिंतक थे। उन्‍होंने कहा कि देश ने उनके नाम पर उनकी जन्‍म भूमि मथुरा में उत्‍तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय पशु चिकित्‍सा विज्ञान विश्‍वविद्यालय और गाय अनुसंधान संस्‍थान की स्‍थापना करके उनके प्रति आभार व्‍यक्‍त किया है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान देश में सूखे जैसी स्थिति के बावजूद वर्ष 2015-16 के दौरान खाद्यान्‍नों का उत्‍पादन 250 मिलियन टन से अधिक हुआ है। इन वर्षों के दौरान देश में दूध का 160 मिलियन टन रिकार्ड उत्‍पादन हुआ है। उन्‍होंने कहा कि खाद्यान्‍नों के उत्‍पादन का श्रेय नई कृषि तकनीकियों और किसानों द्वारा की गई कड़ी मेहनत को जाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि बागवानी, विशेष रूप से फलों और सब्जियों के उत्‍पादन में लगातार बढ़ोत्‍तरी हो रही है और इसने 280 मिलियन टन के आंकड़े को पार कर लिया है। उन्‍होंने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत हुई है। देश खाद्यान्‍नों में आत्‍मनिर्भर है और इससे कृषि क्षेत्र के हितधारकों में नया विश्‍वास पैदा हुआ है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में अच्छे मानसून की बदौलत मुख्य फसलों का बुवाई क्षेत्र अर्थात रकबा लगभग 1060 लाख हेक्टेयर आंका गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 1023 लाख हेक्टेयर था। इस वर्ष दालों का बुवाई क्षेत्र लगभग 145 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल यह 112.43 लाख हेक्टेयर था। यह अनुमान लगाया गया है कि इस वर्ष खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 270 मिलियन टन से भी ज्यादा रहेगा, जिसमें दाल उत्पादन 21 मिलियन टन रहने की संभावना है, जो कि पिछले वर्ष 17 मिलियन टन रहा था।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास एवं सहयोग के लिए अनेक योजनाएं बनाई हैं और किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

इस अवसर पर उन्होंने किसानों एवं उद्यमियों से आग्रह किया है कि उन्हें कृषि मेले से ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने मथुरा में मेले के आयोजन के लिए कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और भारत सरकार के विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों की भूमिका की सराहना की।

कृषि मंत्री ने मथुरा में प्रथम गोकुल ग्राम परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार ने गोकुल मिशन के तहत देश में 14 गोकुल ग्राम की स्थापना के लिए एक योजना तैयार की है। प्रथम गोकुल ग्राम पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली मथुरा में स्थापित किया जायेगा। गोकुल ग्राम मूल नस्ल मवेशियों के विकास के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा और यह प्रजनन क्षेत्रों में किसानों के पशु संसाधनों के पूरक के लिए काम करेगा। इससे पहले कृषि मंत्री ने मथुरा में एक अपशिष्ट सीवेज जल शोधन संयंत्र का उद्धाटन किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इस संयंत्र में सीवेज जल का शोधन एवं रिसाइक्लिंग कर इसे सिंचाई जल में तब्दील करने के लिए एक अनोखी स्वदेशी तकनीक सुविधा विकसित की गयी है।

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