28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुणे में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान की बैठक को संबोधित किया

देश-विदेश

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी), एक डीम्ड विश्वविद्यालय काइसकी छठी आम सभा की बैठक के लिए दौरा किया। वह संस्थान के अध्यक्ष औरकुलाधिपति हैं। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह है बड़े गर्व कीबात है कि संस्थान रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विज्ञान औरप्रौद्योगिकी में उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम संचालित करके राष्ट्र निर्माण मेंयोगदान दे रहा है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0016U04.jpg

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री कीदृष्टि हमारे देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की है। इस दिशा में हमने देशमें रक्षा प्रौद्योगिकियों और विनिर्माण के स्वदेशीकरण के लिए अनेक कदमउठाए हैं । इन पहलों के लिए भविष्य में युद्ध के कौशल से लैसप्रौद्योगिकीविदों के बड़े समूह की आवश्यकता है ।”

रक्षा मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि उन्नत रक्षाप्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) ने क्वांटम प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स वऑटोमेशन तथा रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में नए स्कूल खोलकर इस दिशामें सक्रिय भूमिका निभाई है। भारतीय मूल के प्रख्यात प्रोफेसरों के साथ इसतरह की प्रगति और मान्यता प्राप्त विदेशी संस्थानों के सहयोग से यहसंस्थान एक अग्रणी प्रौद्योगिकी केंद्र में बदल जाएगा। उन्होंने यह भीउल्लेख किया कि उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) ने क्वांटमप्रौद्योगिकियों और रोबोटिक्स के क्षेत्र में अंतःविषय अनुसंधान और शिक्षणकार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने इन तकनीकों में कुछ प्रदर्शन भी देखे।

रक्षा मंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि उन्नत रक्षाप्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षामें युवा इंजीनियरिंग पेशेवरों के उपयोग हेतु ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमसंचालित कर रहा है जो भविष्य की सूचना सुरक्षा और युद्धशास्त्र के लिएआवश्यक हैं । उन्होंने कहा, “यह जानकर खुशी हो रही है कि उन्नत रक्षाप्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) द्वारा 1,500 युवा पेशेवरों को पहले हीप्रशिक्षित किया जा चुका है।” यह कदम महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों मेंआत्मनिर्भरता की ओर ले जाते हैं। हाल के वर्षों में बेहतर गुणवत्ता केसाथ एमटेक, एमएससी और पीएचडी में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है । पुस्तकें, पेटेंट और पेपर प्रकाशन बढ़ रहे हैं, जो संस्थान की अकादमिकप्रगति को प्रदर्शित करते हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002OWV9.jpg

जीबीएम के बाद रक्षा मंत्री ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकीसंस्थान (डीआईएटी) संकाय, छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) मान्यता प्राप्त विदेशी संस्थानों के भारतीय मूल के प्रख्यात प्रोफेसरों के साथसहयोग करने की प्रक्रिया में है जो हमारे संस्थान को इन क्षेत्रों में एकअग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थान बनाने की दिशा में और करीब ले जाएगा। रक्षामंत्री ने इन महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में अग्रणी स्थान हासिल करने केलिए उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) को बधाई दी।

उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी), जो हमारी रक्षासेवाओं के लिए मिसाइल प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, क्रिप्टोलॉजी जैसेविभिन्न अल्पकालिक विशेष पाठ्यक्रम भी संचालित करता है, की विशिष्टता केबारे में बोलते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “संस्थान ने कईअंतर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं का आयोजन किया है। सशस्त्र बलों और डीआरडीओके वैज्ञानिकों को इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से लगातार अपडेट कियाजाता है और इस विश्वविद्यालय से नियमित डॉक्टरेट और स्नातकोत्तर उपाधिप्राप्त की जाती है।”

उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) की अकादमिक उत्कृष्टता के बारे में बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “संस्थान के संकाय सदस्य अपने क्षेत्र में अग्रणी हैं और मुझे यह भी सूचितकिया गया है कि उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) के 03 प्रोफेसरों को दुनिया में शीर्ष दो प्रतिशत वर्ग में स्थान दिया गया है। मैं उन्हें बधाई देता हूं और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए और भी बहुतसे लोगों की कामना करता हूं।

रक्षा मंत्री ने परिसर में पीएचडी विद्वानों/अंतर्राष्ट्रीयछात्रों/ विजिटिंग फैकल्टी के लिए नवनिर्मित वैवाहिक आवास का उद्घाटन किया। छात्रावास के उद्घाटन के बाद उन्होंने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) की मुक्त अंतरिक्ष ऑप्टिकल संचार परियोजना का प्रदर्शन देखा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003L5YO.jpg

श्री राजनाथ सिंह ने महामारी के दौरान देश के संकट के समय में आगे आने के लिए उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईएटी) और रक्षा अनुसंधान और विकाससंगठन (डीआरडीओ) की प्रशंसा की। इस समय में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकीसंस्थान (डीआईएटी) ने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए नौ पेटेंट हासिल किएऔर उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर इन प्रौद्योगिकियों का उत्पादन किया ।

इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव औरडीआरडीओ के अध्यक्ष श्री जी सतीश रेड्डी, डीआईएटी के कुलपति डॉ सी पीरामनारायण, वरिष्ठ संकाय सदस्य, वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी एवं गणमान्य लोग भी उपस्थित थे ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More