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दीपोत्सव समाज के हर तबके को जोड़ने का आयोजन, भगवान श्रीराम ने सभी को जोड़ने का कार्य किया: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद अयोध्या के रामकथा पार्क में दीपावली के अवसर पर आयोजित 7वें दीपोत्सव में भगवान श्रीराम के स्वरूप का राज्याभिषेक किया।

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने मुख्यमंत्री जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके प्रयास से लगातार दिव्य दीपोत्सव का यह सातवां कार्यक्रम आयोजित हुआ है। दीपोत्सव का कार्यक्रम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या को पूरे विश्व में पुनर्प्रतिष्ठित कर रहा है। भगवान श्रीराम की जन्मस्थली के कण-कण में राम विराजमान हैं। यहां के बारे में स्वयं भगवान श्रीराम ने कहा है कि ‘अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ, यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ। जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिसि बह सरजू पावनि’। अयोध्या की पावन धरा पर स्थित भगवान श्रीराम के एकनिष्ठ भक्त बजरंग बली का विशाल मंदिर हनुमानगढ़ी युगों-युगों से श्रीराम भक्तों की आस्था का केन्द्र रहा है। शायद ही ऐसा कोई राम भक्त होगा, जो अयोध्या आकर वहां दर्शन न करे।

राज्यपाल जी ने सभी को सम्पन्नता और समृद्धि के प्रतीक पर्व दीपावली की शुभकामनाएं तथा हनुमान जयन्ती की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्व का विशेष महत्व है। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय‘ का पर्व दीपावली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा देता है। कई श्रृंखला में मनाया जाने वाला यह पर्व, हम सबको सुख एवं समृद्धि और वैभव के साथ स्वस्थ तथा धन धान्य से परिपूर्ण रहने का संदेश देता है। वास्तव में, हमारे सभी पर्व, भारतीय संस्कृति और परम्परा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

राज्यपाल जी ने कहा कि अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम का मन्दिर हमारी सांस्कृतिक एकता और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना का प्रतीक है। अयोध्या धाम का विकास एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन नगरी के रुप में हो रहा है। मन्दिर निर्माण के फलस्वरूप अयोध्या धाम में रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों का उन्नयन होगा। इस क्षेत्र में अर्थतन्त्र में बदलाव तथा हर क्षेत्र में सभी लोगों के लिए अवसर की उपलब्धता होगी।

राज्यपाल जी ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन ऐसे आदर्शों और संघर्षों का श्रेष्ठतम उदाहरण है, जिसे जन सामान्य अपने जीवन में उतारे तो सभ्य और संवेदनशील समाज की रचना की जा सकती है। संयमित, मर्यादित, संस्कारी जीवन आज मानव मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने लोगों से श्रीराम के आदर्शों पर चलने तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ की भावना को सार्थक बनाते हुए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग करने का आह्वान किया।

राज्यपाल जी ने कहा श्रीराम व रामायण, भारतीय संस्कृति और सामाजिक जीवन के मूल्य वाहक हैं। हर घर में रामायण पाई जाती है। इसका पाठ दैनिक कर्म में शामिल है। भाषा और संवाद की दृष्टि से रामलीला में भी भारतीय संस्कृति और परम्परा निहित है। भारत सहित विश्व के कई देशों में राम लीला की परम्परा आज भी जीवन्त है। वहां के लोगों की आस्था में अतीत के श्रीराम किसी न किसी रुप में रचे-बसे हैं। राज्यपाल जी ने कहा कि भगवान श्रीराम का स्नेह सिर्फ मनुष्य तक सीमित नहीं था। उन्होंने गिद्धराज जटायु को पितातुल्य मानते हुए उनका अन्तिम संस्कार किया। भगवान श्रीराम का चरित्र वर्ण, वर्ग, लिंग भेद तथा जड़-चेतन सभी का कल्याण करने वाला है। भगवान श्रीराम वनवासियों और आदिवासियों में भी पूजनीय है। उन्हीं के कारण हमारे देश के आदिवासियों में कबीलें नहीं समुदाय होते हैं।

राज्यपाल जी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने चौदह वर्ष के वनवास में से बारह वर्ष वन में गुजारे। बाद के दो वर्ष उन्होंने सीताजी को ढूढने, सेना का गठन करने और रावण से युद्ध में बिताया। बारह वर्ष के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों के फलस्वरुप ही आज हमारे देश और देश के बाहर राम संस्कृति और धर्म को देखा जा सकता है। भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व सभी को सेवा, त्याग, सत्य और न्याय के भाव का संदेश देता है। इसमें करुणा, शान्ति, प्रगति, संवेदना समायी हुई है। उनका अलौकिक चरित्र हमारे लौकिक व्यवहार और विचार का भी परिष्कार कर सकता है।

राज्यपाल जी ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी प्रकाश पर्व पर हम सभी को ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्राथमिकता देते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्य करना चाहिए। दीपावली पर ऐसी वस्तुएं खरीदनी चाहिए, जिनमें हमारे किसी देशवासी के पसीने की महक हो। हम सभी को रोजमर्रा के सामानों की खरीद में भी लोकल सामानों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे ‘मेक इन इण्डिया’ को बढ़ावा मिलता है। ‘मेक इन इण्डिया’ से विकसित भारत का सपना साकार होगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि दीपोत्सव समाज के हर तबके को जोड़ने का आयोजन है। भगवान श्रीराम ने सभी को जोड़ने का कार्य किया। जब वे अयोध्या से गए, तो निषादराज को गले लगाया, वन में जाकर ऋषि-मुनियों को अभय प्रदान करने के लिए ‘ निसिचर हीन करहुँ महि, भुज उठाई पन कीन्ह’ के संकल्प के साथ इस धरती को राक्षसविहीन कर दिया। जंगल में उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर भी खाए। उन्होंने जामवंत, हनुमान, अंगद, सुग्रीव को भी अपना मित्र बनाया। उन्होंने सेतु बन्ध भी किया। अयोध्या वापस आकर उन्होंने दुनिया की सबसे आदर्श व्यवस्था रामराज्य को स्थापित किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में 54 देशों के राजनयिक आए हैं। वे दीपोत्सव तथा सरयू आरती के साक्षी बनेंगे। वे अयोध्या की भव्यता का अवलोकन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में जब वे (मुख्यमंत्री जी) पहली बार दीपोत्सव में आए थे, तो यहां के लोगों का एक ही नारा था ‘योगी जी एक काम करो, मन्दिर का निर्माण करो। वह घड़ी उत्तर प्रदेशवासियों के लिए आ चुकी है। यह दीपोत्सव कार्यक्रम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की 14 वर्ष के वनवास की स्मृतियों को स्मरणीय बनाने और अयोध्या को उसका गौरव वापस दिलाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 100 से अधिक देशों में लाइव देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज से 07 वर्ष पहले जब राज्य सरकार ने दीपोत्सव कार्यक्रम प्रारम्भ किया था, तब कार्यक्रम के आयोजन के लिए असमंजस की स्थिति थी। राज्य सरकार ने जनप्रतिनिधियों और संतों के सहयोग से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आज यह अयोध्या और उत्तर प्रदेष का एक बड़ा कार्यक्रम बना है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए दुनिया की एक यूनीक इवेण्ट बना है। विगत वर्ष प्रधानमंत्री जी स्वयं इस कार्यक्रम के साक्षी बने थे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भगवान श्रीरामलला 500 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद अपने मन्दिर में विराजमान होने के लिए आ रहे हैं। 22 जनवरी, 2024 को जब भगवान श्रीरामलला को उनके भव्य मन्दिर में विराजमान कराने के लिए प्रधानमंत्री जी आएंगे, तो यह अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी है कि वे उनके स्वागत के लिए तैयार रहें। अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी आज और बढ़ गई है। उन्हें ‘अतिथि देवो भवः’ के पवित्र अभियान के साथ जुड़ना है। सभी व्यक्ति एक साथ मिलकर सरकार के साथ कार्य करेंगे, तो अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित होगी। हम सभी मिलकर प्रभु श्रीराम की भावनाओं तथा आदर्षों के अनुरूप अयोध्या तथा उत्तर प्रदेश को विकसित करने की दिषा में अग्रसर होंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार भगवान श्रीराम को आराध्य और आदर्श मानकर कार्य कर रही है। 22 जनवरी, 2024 के बाद अयोध्या में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या वर्तमान से 10 गुना बढ़ने जा रही है। अयोध्या के सभी पूज्य संतों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों तथा नागरिकों ने विकास कार्यों में कोई बाधा नहीं आने दी। अब अयोध्या उपेक्षित नहीं रहेगी। श्रीरामलला के अपने मन्दिर में विराजमान होेने के पहले अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी बन जाए, इसके लिए 30,500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम नयी अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं। वर्तमान में अयोध्या के विकास के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा 30,500 करोड़ रुपये की लागत से 178 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। निजी क्षेत्र में भी यहां बड़ा निवेष होने जा रहा है। जब श्रीरामलला अपने भव्य मन्दिर में विराजमान होंगे, तब तक अयोध्या धाम में लगभग 50,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मूर्तरूप ले रही होंगी। इसके माध्यम से लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के प्रति सभी लोग आकर्षित हो रहे हैं। भगवान ने स्वयं कहा है ‘अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ, यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ’ अर्थात अयोध्या से प्रिय मेरे लिए कोई नहीं। अयोध्या को भगवान श्रीराम की प्रिय नगरी के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ तैयार है। विगत साढ़े 09 वर्षों से देष में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में तथा प्रदेष में साढ़े 06 वर्षों में जिन कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने का कार्य किया गया है, उन्हें सभी ने देखा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के बारे में भगवान श्रीराम ने कहा है कि ‘जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिश बह सरजू पावनि’। जिस अयोध्या का गुणगान प्रभु श्रीराम स्वयं कर रहे हों, उसके लिए थोड़ा सा भी योगदान दे देना, अपने जीवन को धन्य करने जैसा है। आज हम सभी लोक कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए यहां उपस्थित हुए हैं। अयोध्या के बारे में भगवान ने एक बात और कही है ‘अति प्रिय मोहि इहां के बासी’ अर्थात यहां के निवासी उन्हें बहुत प्रिय हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार अयोध्या को विश्व की सुन्दरतम नगरी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। विगत 06 वर्षों के दीपोत्सव कार्यक्रम तथा भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर निर्माण से आप सभी इसे देख सकते हैं। हमारे पूर्वजों ने दीप प्रज्ज्वलन तथा दीपदान की महत्ता को रेखांकित किया है। इसके आध्यात्मिक, भौतिक तथा आधिदैविक महत्व हैं। इन महत्वों को रेखांकित करने के लिए हमारे यहां इसे धार्मिक आयोजनों से जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भगवान श्रीरामलला के भव्य मन्दिर का निर्माण होना और भगवान श्रीरामलला के भव्य मन्दिर में विराजमान होना, यह रामराज्य की अवधारणा को पुष्ट करने जैसा है। प्रधानमंत्री जी ने विगत साढ़े 09 वर्षों में भारत में यह कार्य किया है। रामराज्य अर्थात ‘दैहिक दैविक भौतिक तापा, रामराज नहीं काहुहि ब्यापा’ तथा ‘सब नर करहि परस्पर प्रीती, चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीती।’ रामराज्य अर्थात ऐसी व्यवस्था जो हर व्यक्ति को खुषहाली के मार्ग पर आगे ले जा सके। इसी के तहत देश में हर गरीब के लिए आवास, शौचालय, विद्युत कनेक्षन, स्वस्थ ईंधन के लिए उज्ज्वला योजना के कनेक्शन, गरीबों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा कवर सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपने और पराये का आभास तब होता है, जब व्यक्ति संकट में होता है। कोरोना महामारी के दौरान भी सरकार ने दीपोत्सव के कार्यक्रम बाधित नहीं होने दिए। महामारी के दौरान निःशुल्क टेस्ट, उपचार तथा वैक्सीन उपलब्ध करायी गई। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकसित, भारत की वैक्सीन सबसे प्रभावी रही। इस दौरान सबका साथ, सबका विकास’ के भाव के साथ कार्य किया गया। कोई भुखमरी का षिकार न हो, इसके लिए 80 करोड़ गरीबों को पिछले साढ़े 03 वर्षों से निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। अगले 05 साल तक यह खाद्यान्न उपलब्ध होता रहेगा।

उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि त्रेता युग के बाद कलियुग में भी अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम का भव्य दरबार सजा है। वर्ष 2017 से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में सभी लोग प्रसन्नचित होते हैं। पूरी दुनिया इस कार्यक्रम को कौतूहल से देख रही है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रतिवर्ष लगातार भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन में नए कीर्तिमान बनाए जा रहे हैं। इस वर्ष दीपोत्सव पर अयोध्या में सरयू घाट, राम की पैड़ी, श्रीराम मन्दिर सहित 51 घाटों तथा अन्य स्थानों पर लाखों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित जा रहे हैं। अयोध्या में विभिन्न स्थानों पर 04 देशों तथा देश के 21 राज्यों के 2500 से अधिक कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है, जो अनवरत रूप से जारी रहेगा। अयोध्या की पावन धरती से देष-विदेष के लोगों का भावनात्मक रिष्ता है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार अयोध्या के सर्वांगीण विकास के कार्य कर रही है।

इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीराम के आदर्श, जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित शोभा यात्रा का अवलोकन किया। हेलीकॉप्टर से प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के स्वरूपों का अवतरण हुआ, जिनका प्रदेश की राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री जी, उप मुख्यमंत्री तथा विशिष्ट महानुभाव ने स्वागत किया। यहीं पर भरत मिलाप का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री जी सहित अन्य विशिष्ट महानुभाव प्रभु श्रीराम का रथ खींचकर रामकथा पार्क के मंच तक लाये। प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के स्वरूप के मंच पर आने पर राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री जी, उप मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रिगण, फिल्म अभिनेत्री सुश्री आशा पारिख तथा साधु-सन्तों ने पूजन-वन्दन एवं आरती की। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित जनसमुदाय आह्लादित हुआ। मुख्यमंत्री जी ने राज्यपाल जी एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान दीपोत्सव पर आधारित पर्यटन विभाग की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया।

दीपोत्सव-2023 के अवसर पर अयोध्या में आज प्रातः सर्वप्रथम भगवान श्रीराम के आदर्श एवं जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित भव्य ‘शोभा यात्रा’ का आयोजन किया गया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने ‘शोभा यात्रा’ का शुभारम्भ कर झण्डी दिखाकर झांकियों को रवाना किया। यह मनोरम शोभा यात्रा साकेत महाविद्यालय से प्रारम्भ हुई, जो अयोध्या के मुख्य मार्गों से होते हुए रामकथा पार्क में सम्पन्न हुई।

‘शोभा यात्रा’ में 11 झांकियां प्रस्तुत की गईं। इनमें (1) पुत्रेष्टि यज्ञ सबको सुरक्षा, भयमुक्त समाज एवं गुरुकुल शिक्षा बच्चों को शिक्षा का अधिकार, (2) अहिल्या उद्धार एवं मिशन शक्ति, नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन, 1090 एवं 1076 की सुविधा, (3) राम-सीता विवाह एवं बेटियों के विवाह हेतु सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्था, (4) केवट प्रसंग एवं समाज कल्याण, (5) पंचवटी/वन एवं पर्यावरण, (6) शबरी-राम मिलन एवं महिला कल्याण, (7) लंका दहन एवं अपराधियों एवं भू-माफियाओं के विरुद्ध अभियान, (8) रामेश्वरम सेतु एवं उ0प्र0 में पुलों का निर्माण, (9) पुष्पक विमान एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी, बेहतर वायु कनेक्टिविटी, (10) राम राज्याभिषेक एवं बेहतर कानून व्यवस्था तथा (11) दीपोत्सव प्रमुख रूप से शामिल रहीं। शोभा यात्रा में विभिन्न कलाकारों ने प्रतिभाग किया।

इसके अलावा, पर्यटन विभाग की भी झांकियां शामिल रहीं। झांकियों का भारी जनसैलाब ने अभिवादन तथा अवलोकन किया और कलाकारों तथा झांकियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। झांकियों का संयोजन व प्रदर्शन प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा पर्यटन विभाग द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री लल्लू सिंह, अयोध्या के महापौर श्री गिरीश पति त्रिपाठी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, साधु-सन्तगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा श्रद्धालु उपस्थित थे।

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