21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले ही दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली। वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने 56 किलोग्राम (मेंस) कैटेगरी में सिल्वर जीता। मलेशिया के मोहम्मद एएच इजहार अहमद ने गोल्ड अपने नाम किया। वहीं, श्रीलंका के चतुरंगा लकमल को कांस्य पदक मिला। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सुखन डे ने 56 किग्रा (मेंस) कैटेगरी में गोल्ड जीता था। उन्होंने कुल 248 किग्रा का वजन उठाया था। इस बार गुरुराजा कुल 249 किग्रा का वजन उठाने के बाद भी सिल्वर मेडल ले पाए।
बता दें कि गुरुराजा कर्नाटक के रहने वाले हैं और उनके पिता ट्रक चलाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी उनके परिवार ने उन्हें वो हर चीज दिलाई, जो उनके इस गेम को बेहतर बनाने के लिए जरूरी थी। गुरुराजा ने 2010 में वेटलिफ्टिंग करियर शुरू किया था। गुरुराजा को शुरू में उनके सामने कई परेशानियां आईं। वेटलिफ्टिंग जैसे खेल में डाइट और सप्लीमेंट्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसके लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे। लेकिन उनके पिता ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी और बेटे को आगे बढ़ने का हौसला देते रहे। उनके परिवार में आठ लोग हैं।
गुरुराजा पुजारी ने 2016 साउथ एशियन गेम्स में इसी कैटेगरी में गोल्ड जीता था। तब उन्होंने कुल 241 किग्रा वजन उठाया था। उन्होंने इसी साल पेनांग में कॉमनवेल्थ सीनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता, उन्होंने 249 किग्रा (स्नैच में 108 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 141 किग्रा ) वजन उठाया था।