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बाल निकेतन केदारपुरम में बच्चों को पटाखें एवं मिठाइयां वितरित करते हुएः मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: बाल निकेतन केदारपुरम के बच्चों की दीपावली इस वर्ष कुछ खास रही। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस बार दीपावली अनाथ बच्चों, समाज के वंचित वर्ग और आम आदमी के साथ मनायी। बुधवार को दीपावली के दिन मुख्यमंत्री श्री रावत अपने दो वाहनों के साथ  बाल निकेतन केदारपुरम के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने आम आदमी की तरह शहर का भ्रमण किया।

बिना किसी यातायात को बाधित किये व आम शहरवासी की तरह धर्मपुर के बाजार में रूके और वहां दुकानों से खील बतासे, पटाखे, चाकलेट, फल, मोमबत्ती आदि खरीदी। जिसका मुख्यमंत्री ने भुगतान भी स्वयं किया। मुख्यमंत्री ये सब सामान लेकर बाल निकेतन पहुंचे। यहां रह रहे बच्चों के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को प्यार और दुलार करे उन्हें दीपावली के मिठाई दी। छोटे बच्चों को केक काटकर खिलाया। मुख्यमंत्री अपने साथ जो चाॅकलेट लेकर गये थे, वो उन्होंने बच्चों को बांटी। मुख्यमंत्री ने कुछ समय बच्चों के बीच भी गुजारा। बच्चों से बातचीत के दौरान पूछा कि उन्हें क्या-क्या पसंद है। बच्चों ने मुख्यमंत्री को गाना गाकर भी सुनाया। मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थित सचिव समाज कल्याण भूपिन्द्र कौर औलख को निर्देश दिये कि यहां रहे रहे बच्चों के लिए व्यावसायिक गतिविधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जाय। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो, जो आगे चलकर आजीविका के साधन बन सके। कुछ लड़कियों को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जाय। मुख्यमंत्री ने बाल निकेतन के बच्चों के खेलने के लिए एक खेल मैदान भी विकसित करने के निर्देश दिये। इसके बाद मुख्यमंत्री नारी निकेतन पहुंचे, जहां पर उन्होंने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे पेपर प्लेट व अगरबत्ती देखी। सीएम ने सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिये कि इस कार्य को और कुशलता पूर्वक किया जाय। यहां से बनने वाले उत्पादों के लिए बाजार की व्यवस्था भी की जाय। मुख्यमंत्री ने नारी निकेतन में रह रही अन्य महिलाओं से भी मुलाकात की और उन्हें दीपावली की मिठाई, फल आदि वितरित किये। यहां पर सीएम के समक्ष नारी निकेतन में रह रही महिलाओं व बालिकाओं ने भजन गाकर सुनाये। साथ योगा भी करके दिखाया। सीएम ने भी योगा किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यहां पर साफ-सफाई की और बेहतर व्यवस्था की जाय। साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत इसके बाद सपेरा बस्ती ननूरखेड़ा रायपुर रोड़ पहुंचे। यहां पर सपेरा बस्ती के लोगो ने मुख्यमंत्री का जोरदार ढंग से स्वागत किया। दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर सपेरा बस्ती के लोग काफी उत्साहित नजर आये। मुख्यमंत्री ने सभी को दीपावली की बधाई दी। मौके पर ही लोगो की समस्याओं को भी सुना और उनके समाधान के निर्देश भी दिये। स्थानीय लोगो ने बताया कि उनके क्षेत्र में राशन की दुकान नही है, जिससे काफी असुविधा हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति राधा रतूड़ी को निर्देश दिये कि सपेरा बस्ती में राशन की दुकान शीघ्र खोली जाय। रेहाना नाम की लड़की ने बताया कि उसकी व्हीलचेयर काफी पुरानी हो गई है। काफी प्रयास के बाद भी अभी तक उसे नई व्हीलचेयर नही मिल पायी है। इस पर मुख्यमंत्री ने सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिये कि तत्काल रेहाना को व्हीलचेयर उपलब्ध करायी जाय। मुख्यमंत्री ने सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिये कि यहां पर एक बहुउद्देशीय शिविर भी लगाया जाय, जिसमें पात्र लोगो के पेंशन, जाति प्रमाण पत्र आदि बनाये जाय। साथ ही ऐसे सपेरे, जिन्होंने साप पकड़ने का काम छोड़ दिया है, उनके लिए कोई योजना तैयार की जाय। सुमन नाम की लड़की ने बताया कि सपेरा बस्ती में सबसे अधिक पढ़ी लिखी होने के बावजूद भी उसके पास कोई रोजगार नही है। सीएम ने सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिये कि सपेरा बस्ती का सर्वे कराकर एक योजना तैयार की जाय, जिसमें इन लोगो को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत इसके बाद बिना पूर्व सूचना के लगभग 4.30 बजे तिलक रोड़ स्थित श्री श्रद्धानंद बाल बनिता आश्रम पहुंचे। यहां पर आश्रम के बच्चों व प्रबंधक सीएम को अचानक अपने बीच देखकर उत्साहित नजर आये। सीएम ने सभी को दीपावली की बधाई दी और मिठाई, फल व पटाखे वितरित किये। मुख्यमंत्री ने बच्चों से उनका परिचय भी लिया। बच्चों द्वारा बनायी गई एक ग्रीटिंग काजल नाम की लड़की ने मुख्यमंत्री को भेंट किया। सीएम के आग्रह पर बच्चों ने गाना गाकर सुनाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आश्रम से जाते समय विजिंटिंग बुक पर लिखा‘ ‘‘आज यहां आने का मन किया। बहुत अच्छा लगता है, मन को, जब इन बच्चों को देखकर कुछ और करने की इच्छा करती है।’’
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत के साथ सचिव समाज कल्याण डा. भूपिन्द्र कौर औलख, मीडिया समन्वय राजीव जैन, जन सम्पर्क समन्वय जसबीर रावत और समाज कल्याण के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने देर सायं घंटाघर स्थित डा. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया तथा मूर्ति स्थल पर दीपदान कर उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने डा0 अम्बेडकर को देश का संविधान निर्माता बताते हुए उन्हे सामाजिक समानता का हितेषी बताया। डा. अम्बेडकर गरीबो दलितो के उत्थान एवं उन्हे समाज की मुख्य धारा से जोडने के लिये प्रयासरत रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष डा. भीमराव अम्बेडकर एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की 125वीं वर्षगांठ है। इस आयोजन को प्रदेश सरकार व्यापक रूप से आयोजित करेगी। उन्होने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर कई पहलुओं की अनदेखी की जा रही है। धर्म निरपेक्षता की परिभाषा संकीर्ण की जा रही है। आज जरूरत अम्बेडकर व नेहरू जैसे महापुरूषो के सिद्धांतो पर अमल करने का है, ताकि राह से भटक रहे लोगो को सही राह मिल सके।

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