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निर्माण कार्य के संबंध में भ्रष्टाचार किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री आर0के0 तिवारी ने आज यहां एपीसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 के विभागीय बजट में प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष निर्गत की गयी वित्तीय स्वीकृतियों तथा विभाग के निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में यह पाया गया कि राजस्व पक्ष के बजट प्राविधान रू0 277231.74 लाख के सापेक्ष रू0 240498.69 लाख की स्वीकृति जारी हुयी है, जो 86.75 प्रतिशत है। पूॅजीगत पक्ष में कुल बजट प्राविधान रू0 34670.81 लाख के सापेक्ष रू0 11497.48 लाख की स्वीकृतियां निर्गत हुयी हैं, जो 33.16 प्रतिशत है। अपर मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा बैठक में निर्देश दिये गये कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बजट प्राविधान के सापेक्ष जो वित्तीय स्वीकृतियां अभी तक निर्गत नहीं हो सकी हैं, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जारी कराने की कार्यवाही सुनिष्चित की जाए तथा बजट में प्राविधानित धनराशि का पूर्ण रूप से सदुपयोग किया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया कि मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणा से संबंधित राजकीय महाविद्यालयों एवं प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कराये जाने निर्माण कार्यों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अपेक्षित औपचारिकताएं पूर्ण कराते हुए वित्तीय स्वीकृतियां जारी कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए तथा निर्माण कार्यों का सतत अनुश्रवण किया जाए। निर्माण कार्यों के सापेक्ष वित्तीय स्वीकृति जारी होने के पष्चात तत्काल कार्य प्रारम्भ किया जाए।

श्री आर0के0 तिवारी ने बैठक में यह भी निर्देश दिये कि निर्माण कार्य के संबंध में भ्रष्टाचार किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी दशा में समझौता नहीं किया जाएगा एवं खराब गुणवत्ता की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मा0 मुख्यमंत्री जी की घोशणा से संबंधित निर्माण कार्यों में विलम्ब स्वीकार्य नहीं होगा। कार्यदायी संस्थावार निर्माण कार्यो की समीक्षा में निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों को समयान्तर्गत पूर्ण कराया जाए। स्वीकृत की गयी धनराशि के सापेक्ष उपयोगिता प्रमाण पत्र समय से संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध करा दिये जाएं, जिससे निर्माण कार्यों के सापेक्ष अवशेष धनराशि समय से निर्गत की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन निर्माण कार्यों के सापेक्ष थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराया जाना है, उन कार्यांे की थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन रिपोर्ट नियमित रूप से निदेशक, उच्च शिक्षा/कुलसचिव, संबंधित विश्वविद्यालय एवं शासन को उपलब्ध करायी जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि जो वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जाएं, उन्हें विभागीय वेब-साईट पर अपलोड कराया जाये।विभाग से संबंधित आई0जी0आर0एस0 प्रकरणों का सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराये जाने के भी निर्देष दिये गये हैं।

समीक्षा बैठक में सचिव उच्च शिक्षा श्री आर0 रमेश, विशेष सचिव, श्री मनोज कुमार, वित्त अधिकारी, उच्च शिक्षा निदेशालय, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम लि0, उ0प्र0 आवास विकास परिषद्, सी0 एण्ड डी0 एस0 जलनिगम,  उ0प्र0 प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लि0, लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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