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अपने ग्रामीण और देसी खेलों के संरक्षण और संवर्धन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए: श्री नायडु

देश-विदेश

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज कॉलेज में प्रवेश और विभिन्न विभागों में पदोन्नति में खिलाड़ियों को कुछ अतिरिक्त अंक देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘इस तरह के प्रोत्साहन देश में खेलों को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होंगे।’’

बेंगलुरु में आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2021 के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने अपने मूल की ओर लौटने का आह्वान किया और सभी हितधारकों से अपने देसी तथा ग्रामीण खेलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उपराष्‍ट्रपति ने इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त की कि खेलो इंडिया के इस संस्करण में पहली बार शुरू किए गए योगासन और मल्लखंब जैसे देसी खेलों के साथ 20 खेल विधाएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा, ”यह हमारे ग्रामीण और देसी खेलों को संरक्षित रखने तथा बढ़ावा देने के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जो परंपरा में निहित हैं और हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।’’

खेल कार्यकलापों को ग्राम स्तर तक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के संयुक्त प्रयासों से जमीनी स्तर पर आवश्यक खेल संबंधी बुनियादी ढांचे को विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये सब मिलकर भारतीय खेल क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

राजनीति सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में ’खिलाड़ी भावना’ को बढ़ावा देने की अपील करते हुए श्री नायडु ने कहा कि खेल हमें धैर्य, दृढ़ता और जीत या हार को समभाव से लेने की बात सिखाते हैं। उन्होंने सभी से खेलों को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की।

खेलों पर जोर देने के लिए नई शिक्षा नीति-2020 की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप खेल स्थलों के बड़े पैमाने पर उन्नयन के लिए कर्नाटक की सराहना की। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और इस विशाल प्रतिभा पूल की शीघ्र पहचान करने, उसे पर्याप्त प्रशिक्षण व सहायता प्रदान करने की दिशा में प्रयास करने की अपील की। खेलो इंडिया को एक प्रशंसनीय पहल बताते हुए श्री नायडु ने कहा कि इससे न सिर्फ सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं के शीघ्र पहचान में मदद मिलेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि खेल के प्रति उत्साही लोगों को सफल होने का समान अवसर मिले।

श्री नायडु ने कहा कि खेलकूद व क्रीड़ा से व्यक्ति की शारीरिक तंदुरुस्ती सुनिश्चित होती है और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने की इच्छा को जगाने के अलावा, अनुशासन और टीम भावना विकसित होती है। खेलकूद या योग को छोटी उम्र से ही स्कूली पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को खेल या किसी अन्य शारीरिक कार्यकलाप में नियमित रूप से भाग लेकर तंदुरुस्त रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

उन्होंने युवाओं को निष्क्रिय जीवन शैली और जंक फूड यानी अस्वास्थ्यकर भोजन से बचने और इसके बजाय सही तरीके से पका हुआ पारंपरिक भारतीय भोजन खाने की सलाह दी।

उपराष्ट्रपति ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2021 को पहली बार ‘हरित खेल’ घोषित करने के लिए आयोजकों की सराहना की, जिसके तहत इन खेलों के संचालन में गैर-प्लास्टिक और दोबारा इस्तेमाल/रिसाइकिल होने योग्य सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रकार की कोशिशें की जा रही हैं। इस कदम को अनुकरणीय बताते हुए उन्होंने कहा कि अन्य आयोजनों के आयोजक इन अच्छी प्रथाओं का पालन करना चाहिए। श्री नायडु ने खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए खेलों के सह-मेजबान मानित होने वाले जैन यूनिवर्सिटी की भी प्रशंसा की।

उद्घाटन समारोह के दौरान, कलाकारों और खिलाड़ियों ने मल्लखंब प्रदर्शन, कलाबाजी प्रदर्शन और आजादी का अमृत महोत्सव प्रदर्शित करने वाले नृत्य अनुक्रम सहित अपनी कला का प्रदर्शन किया।

कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज एस बोम्मई, केंद्रीय युवा मामले और खेल एवं सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, कर्नाटक सरकार के युवा अधिकारिता और खेल और रेशम उत्पादन मंत्री डॉ. के सी नारायण गौड़ा, देश भर के खिलाड़ी और अन्य लोग उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।

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