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वन विभाग द्वारा आयोजित “सिविल सर्विस डे” कार्यक्रम के अवसर पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजपुर रोड स्थित मंथन सभागार में वन विभाग द्वारा आयोजित ‘सिविल सेवा दिवस’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आत्ममंथन ही हमें प्रगति के उच्च शिखर तक पहुंचा सकता है। जब सुशासन, अनुशासन, आत्मानुशासन, आत्मचिंतन समय-समय पर होता है तो उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि सत्य व सुशासन की बात सब जानते है, परन्तु इस सबंध में हमें दूसरों के बजाय अपने अन्दर भी देखना होगा। आत्म मंथन समय-समय पर जरूरी है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार की सोच स्पष्ट है कि जो भ्रष्टाचार की पकड़ में आया है उसे छोड़ा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए राज्य हित में अगर कोई निर्णय बदलना पड़ा तो उसमें कोई परहेज नहीं है। पिछले एक साल में सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं।

 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में बिहार की तर्ज पर अपराध नियंत्रण के लिए अलग से एक विंग स्थापित करने की दिशा में पहल की जा रही है। इसके तहत बिहार में एक वरिष्ठ अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। इस संबंध में हमारी टीम भी बिहार गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार समाज एवं राज्य के हित के लिए नुकसानदायक है। यदि हम भ्रष्टाचार के प्रवाह को रोक सके तो एक नई गंगा निकलेगी, यह कार्य हमें करना है। मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को स्टीम फ्रेम आॅफ इंडिया कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि गोमुख पवित्र रहेगा तो गंगासागर तक हम गंगा की पवित्रता की कल्पना कर सकते हैं। स्रोत यदि शुद्ध होगा तो शुद्धता की कल्पना की जा सकती है। इसके लिए हमें अपने आचरणों को शुद्ध बनाना होगा। इस अवसर पर उन्होंने पृथ्वी के सरंक्षण एवं संवर्द्धन के लिए शपथ भी दिलाई।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक श्री जयराज, प्रबन्ध निदेशक सिडकुल श्रीमती सौजन्या, जिलाधिकारी देहरादून श्री एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव वन श्री धीरज पाण्डे, आईजी श्री अजय अंशुमन, वन संरक्षक अनुसंधान श्री संजय चतुर्वेदी एवं वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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