पटना: अपने ‘खीर’ वाले बयान पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने न तो आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से दूध मांगा है और न ही बीजेपी से चीनी मांगी है। मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी 2019 में नरेंद्र मोदी को फिर से सत्ता में लाने के लिए समाज के हर वर्ग से वोट जुटाने की कोशिश कर रही है।
मोदी सरकार में स्टेट ह्यूमन रिसोर्स मिनिस्टर कुशवाहा ने रविवार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की 100वीं सालगिरह के मौके पर कहा था कि अच्छी खीर यादवों के दूध से और कुशवाहा समाज के लोगों द्वारा उपजाए गए चावल से ही बन सकती है। कुशवाहा के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति गर्मा गई है।
हालांकि, अपने बयान पर सफाई देते हुए कुशवाहा ने कहा, ‘मेरी बयान को सही से समझना चाहिए। मैंने किसी भी पार्टी या समुदाय विशेष के लिए यह बात नहीं बोली थी। मैंने जो कहा उसको सही तरीके से नहीं बताया गया।’ कुशवाहा से मीडिया ने जब पूछा ‘खीर’ के लिए अगर आरजेडी दूध देने को तैयार हो गई तो वे क्या करेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि उन्होंने न तो आरजेडी से दूध मांगा है और न ही बीजेपी से चीनी। उन्होंने कहा कि जब मैंने किसी भी पार्टी का नाम ही नहीं लिया तो इसमें आरजेडी कहां से आ गई।
कुशवाहा के इस बयान के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने भी ट्वीट कर कहा, ‘नि:संदेह उपेंद्रजी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है पंचमेवा के स्वास्थ्यवर्धक गुण न केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी ऊर्जा देते हैं। प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है।’ source: oneindia