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भारत सरकार में लंबित प्रकरणों पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने गुरूवार को सचिवालय में केन्द्र सरकार में लंबित मामलों के बारे में विभागीय सचिवों के साथ

बैठक की। बताया गया कि लखवाड़ की 300 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना की सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इंवेस्टमेंट क्लियरेंस के लिए अटकी है। इसी तरह नंदप्रयाग बावला की 300 मेगावाट की परियोजना केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिलने की वजह से लंबित है। 560 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना 05 राज्यों को फायदा पहुंचाने वाली किसाऊ बांध राष्ट्रीय परियोजना भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना का 106 करोड़ रूपये भी केन्द्र सरकार पर बकाया है।
गृह विभाग के लंबित मुद्दों के बारे में बताया गया कि इंडियन रिजर्व बटालियन(आईआरबी) प्रथम के गठन के लिए 13 करोड़ रूपये भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये थे। इसमें से 11 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है। आइआरबी द्वितीय का भी गठन किया जाना है। जीआरपी(गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) बल का गठन राज्य में हो गया है। इसके व्यय का 50 प्रतिशत रेलवे मंत्रालय को वहन करना है। अल्प संख्यक कल्याण के तहत मदरसों में विज्ञान, गणित पढ़ाने वाले अध्यापकों का वेतन, आईटीआई, पाॅलिटेक्निक और हास्टल निर्माण की धनराशि भी भारत सरकार से अवमुक्त होनी है। आयुष विभाग के तहत युनानी कालेज की स्थापना और आयुष मिशन लंबित है। आईटी में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के लिए 14.50 करोड़ रूपये और राष्ट्रीय खेल 2018 के लिए 970 करोड़ रूपये की धनराशि लंबित है।
बैठक में बताया गया कि 324 करोड़ रूपये से बन रहे डोबरा चांटी पुल का 50 प्रतिशत भुगतान टीएचडीसी को करना है। शहरी विकास में सफाई कर्मियों का बीमा, सिंचाई में स्वीकृत धनराशि का जारी न होना, श्रम में तीन ईएसआई अस्पतालों की स्थापना, परिवहन चालक प्रशिक्षण संस्थान के लिए धनराशि स्वास्थ्य में उपकेन्द्र की स्थापना लंबित है। मेडिकल शिक्षा में अल्मोड़ा, रूद्रपुर और देहरादून में मेडिकल कालेज की स्थापना होनी थी। अल्मोड़ा का 188 करोड़ और रूद्रपुर का 189 करोड़ रूपये अभी तक मंजूर नहीं हुआ है। इसके अलावा 5 नर्सिंग कालेज के लिए स्वीकृत 100 करोड़ रूपये में से 17 करोड़ रूपये ही मिले है। विद्यालयी शिक्षा में रमसा के तहत निर्माण कार्य के लिए 106 करोड़ और वेतन मद में 19 करोड़ रूपये लंबित है। एसएसए में 232 करोड़ निर्माण कार्यके लिए और 91 करोड़ रूपये आरटीई के लंबित है।
गौरतलब है कि भारत सरकार में लंबित राज्य सरकार के मामलों के समाधान के लिए नीति आयोग द्वारा एक मंच के तौर पर भूमिका निभाने की पहल की गई है। इस बारे में मुख्य सचिव ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने विभाग से सम्बंधित लंबित प्रकरणों की सूचना नियोजन विभाग को दे दें। उत्तराखंड के लंबित प्रकरणों पर नीति आयोग में होने वाली बैठक में इन्हें पुरजोर ढंग से रखा जायेगा।

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