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मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए।

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि लम्बित विवेचनाओं का निस्तारण समयबद्ध एवं

गुणवत्ता के साथ कराने हेतु अभियान चलाकर निस्तारण की कार्यवाही पारदर्शिता के साथ संपादित करायी जाये। उन्होंने कहा कि तहसील दिवसों में आने वाले भूमि विवाद आदि सम्बन्धी प्रकरणों के प्रार्थना पत्र का निस्तारण शीघ्रता से कराने हेतु आगामी 07 फरवरी से दो माह का अभियान चलाया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि साम्प्रदायिक घटना का अंदेशा होने पर समय से आवश्यक कार्यवाही न करने पर सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी एवं परगना अधिकारियों सहित थानाध्यक्षों की जिम्मेदारी नियत कर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक घटनायें घटित होने पर तत्काल प्रभावी नियंत्रण करने के साथ ही दर्ज एफ0आई0आर0 की विवेचना कर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाये, ताकि साम्प्रदायिक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम को रोकने हेतु साइबर लैब की स्थापना के साथ-साथ लखनऊ एवं नोएडा में साइबर थाना की स्थापना करायी जाये। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिकायतों को दर्ज कराने में उनकी सहायता हेतु सभी थानों में कम से कम 02 महिला कांस्टेबिल अवश्य तैनात की जायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त थानों के कार्यों की निगरानी हेतु सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाये कि प्रदेश के कम से कम 272 थानों में प्रथम चरण में सी0सी0टी0वी0 कैमरे अवश्य यथाशीघ्र स्थापित हो जायें। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को भी आम नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करने हेतु प्रशिक्षण दिलाया जाये।
श्री रंजन ने कड़े निर्देश दिये कि अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) तथा जनपदीय पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत की जाये कि अपराध में लिप्त अपराधियों के विरुद्ध नियमानुसार गैंगेस्टर आदि की कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये, ताकि किसी भी क्षेत्र में कोई भी अप्रिय घटना घटित न होने पाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में होने वाले छात्रसंघ चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपादित कराने हेतु सम्बन्धित पुलिस अधिकारी समय से आवश्यक व्यवस्थायें अवश्य सुनिश्चित करा लें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि घटित घटनाओं में लाइसेंससुदा शस्त्र उपयोग होने पर सम्बन्धित शस्त्र को निरस्त्रीकरण करने की कार्यवाही कराने के साथ-साथ शस्त्र दुकानों का भी औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाये कि दुकानों से बिक्री होने वाले कारतूस के एवज में खाली कारतूस जमा हो रहे हैं अथवा नहीं। उन्होंने प्रदेश की जेलों से सम्भावित अपराध की रोकथाम हेतु समस्त कारागारों में जैमर तथा सी0सी0टी0वी0 शीघ्र लगाये जाने हेतु कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश के समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को अपने अधीनस्थ थानों का निरीक्षण नियमित रूप से कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करानी होगी। उन्होंने प्रदेश के 09 जनपदों बिजनौर, मुरादाबाद, कासगंज, कानपुर नगर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, फैजाबाद, कुशीनगर के जिलाधिकारियों द्वारा थानों का कोई निरीक्षण न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये सम्बन्धित जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कारागारों में कैदियों से मिलने वाले मुलाकातियों पर कड़ी नजर रखने हेतु सी0सी0टी0वी0 कैमरे कारागारों में भी लगवायें जायें, ताकि कैदियों द्वारा कोई भी संदिग्ध व्यक्ति मिलकर अराजक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित न कर सके। उन्होंने कहा कि ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिये क्रियान्वित हेल्पलाइन 1512 का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाये, ताकि यात्री आवश्यकतानुसार हेल्पलाइन का उपयोग कर अराजक तत्वों के विरुद्ध अपनी शिकायत तत्काल दर्ज करा सकें।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा, पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद, सचिव गृह श्री कमल सक्सेना सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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