28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दी प्रदेशवासियों को नववर्ष की शुभकामना।

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2020 की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों के सुख, शांति व समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा  कि उनके द्वारा मन, वचन एवं कर्म से प्रदेश की सेवा का धर्म निभाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2019 में हमने प्रदेश के समग्र विकास व आम आदमी तक जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विकास की दृष्टि से उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो इसके लिये राज्यहित में अनेक नीतिगत निर्णय लिये गये हैं। हमारा प्रयास योजनाओं के धरातलीय क्रियान्वयन का है। समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित हो, इसके लिये समेकित प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों के स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने और सरकारी मशीनरी को सुदृढ़ करने के लिये ट्रान्सफर एक्ट बनाया गया है। पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरों टालरेंस नीति अपनाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के साथ ही सीमान्त क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना, मुख्यमंत्री किसान कृषि विकास योजना के साथ ही इनोवेशन के क्षेत्र में कार्य करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन हेतु इनोवेशन फण्ड की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम की व्यवस्था से चार धामों की अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यह आर्थिकी के विकास का भी मजबूत आधार बनेगा। इसके लिये अलग फंड की भी व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का लाभ दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने व पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने पर हमारा ध्यान है। हमारी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित कर रही है। 82 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से अगले पांच वर्षों में खेती-किसानी का कायाकल्प करने की पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं। रोजगार के अवसर उत्पन्न करने, पलायन को रोकने व किसानों की आय को दोगुना करने के लिए जल्द ही राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना शुरू होने जा रही है। इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा 3,340 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। ‘‘खेत से बाजार तक’’ की रणनीति के तहत बनाई गई योजना की गतिविधियों से सीधे या परोक्ष तौर पर प्रदेश के 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। जबकि 55 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए पर्यटन महत्वपूर्ण क्षेत्र है। पर्यटन के जरिये हमने प्रदेश की तस्वीर बदलने का प्रयास किया है। राज्य के 13 जिलों में 13 नये पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में नेचर, एडवेंचर, योग-आध्यात्म और वाईल्ड लाइफ टूरिज्म पर विशेष फोकस किया जा रहा है। ग्रामीण पर्यटन को संवारने के लिए 5 हजार नये होम स्टे बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड ने अपनी खास पहचान बनाई है। राज्य हित में जो महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए और इनका ठोस क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया गया, उससे राज्य में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। पिछले ढाई वर्षों में तमाम क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रयासों को सराहा गया है। हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल किया गया है। 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उत्तराखंड को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले। मार्च 2019 में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन श्रेणी-2 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। नदियों के पुनर्जनन, विकास व संरक्षण में पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 मिला। कोसी नदी पुनर्जनन अभियान के लिए अल्मोड़ा को उत्तर जोन के तहत सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में चयनित किया गया। पर्वतीय राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड को वर्ष 2017-18 में 1500 किमी लम्बाई के सापेक्ष राज्य में 1839 किमी सड़कों का निर्माण किए जाने पर देश में प्रथम एवं 172 बसावटों के संयोजन  के लक्ष्य के सापेक्ष 207 बसावटों को संयोजित करने पर देश में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रशस्ती पत्र व पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी पहल पर मसूरी में आयोजित हिमालयन कान्क्लेव में 11 हिमालयी राज्यों द्वारा पर्यावरण व जैव विविधता के संरक्षण के साथ देश की समृद्धि में योगदान के लिए ‘मसूरी संकल्प’ पारित किया गया। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग पर काम प्रारम्भ कर दिया गया है। देवबंद-रूड़की रेलमार्ग, इस राज्य के विकास को एक नई गति प्रदान करेंगे। राज्य में 13 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। दशकों से लटकी पङी जमरानी बांध परियोजना को हकीकत बनाने के लिए हमारी सरकार ने गम्भीरता से कोशिश की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बड़ी संख्या में पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती की है। पहले की तुलना में इनकी संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। संस्थागत प्रसव, मातृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बालिका लिंगानुपात, टीकाकरण आदि तमाम हेल्थ इंडेक्स में बहुत सुधार हुआ है। स्वास्थ्य उप केंद्रों को हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के समस्त परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More