39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

एक्सपों में मुख्यमंत्री द्वारा चार को उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार मिला

उत्तराखंड

देहरादून: विकास आयुक्त (हथकरघा), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित ‘‘नैशनल हैण्डलूम एक्सपो’’ का आयोजन उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून द्वारा देश के बुनकरों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु किया जा रहा है। यह एक्सपो 21 दिसंबर से शुरू हो गया है जो 9 जनवरी तक चलेगा।

नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार व श्री खजान दास माननीय विधायक राजपुर द्वारा उद्घाटन किया गया। नेशनल हैण्डलूम प्रदर्शनी में माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत उत्तराखण्ड सरकार ने हैण्डलूम में बने तीनों स्टॉल गंगा, यमुना, सरस्वती का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। जिसमें ढोल सागर द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। एक्सपों में मुख्यमंत्री द्वारा श्री मूर्ति मिस्त्री, टिहरी गढ़वाल, श्री दिनेश लाल, ऊखीमठ रूद्रप्रयाग, श्री रघुबीर सिंह खाती, ग्राम भीमतला, चमोली व कु0 मधु गुप्ता, देहरादून को उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार वर्ष-2017 दिया गया।

श्री मूर्ति मिस्त्री जी पैतृक शिल्पी हैं, इनके द्वारा 1950 से शिल्पी का कार्य किया जा रहा है। श्री मूर्ति मिस्त्री द्वारा पहाड़ी तिवारी, मन्दिर, गुलम्वर, तिवारी शिरा आदि पर काम किया जा रहा है। पिछले कुछ समय से श्री मूर्ति मिस्त्री जी द्वारा पहाड़ी संस्कृति धरोहरों के छोटे-छोटे कलात्मक मॉडल बनाये गये हैं, जिसकी मा0 सांसदों, मंत्रियों एवं मा0विधायकों द्वारा इनकी शिल्पकला को सराहा गया है।

श्री दिनेश लाल द्वारा काष्ट कला पर काम करते हैं इनके द्वारा केदारनाथ, बद्रीनाथ एवं लकड़ी की अन्य कलाकृतियां तैयार किये जाने के साथ-साथ नवयुवकों को प्रशिक्षण भी देते हैं। इनके द्वारा तैयार की गयी कलाकृतियां मा0 राष्ट्रपति, मा0 प्रधानमंत्री, मा0 राज्यपाल, मा0 मुख्यमंत्री व अन्य विशिष्ट महानुभावों को प्रदान की गयी हैं। दिनेश लाल हस्तशिल्प क्षेत्र मे जनपद स्तर में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

श्री रघुबीर सिंह खाती जन्म से ही मूक एवं वधिर दिव्यांग होते हुए भी पाषाण कला के अनूठे एवं सिद्धहस्त शिल्पी हैं। भीमतला में विभागीय कार्यशाला स्थापित होने के कारण इनका जिला उद्योग केन्द्र से निरन्तर सम्पर्क बना रहा है। श्री खाती सॉफ्ट स्टोन से विभिन्न मन्दिरों, देवी-देवताओं की मूर्ति के साथ-साथ राष्ट्रीय धरोहर की प्रतिकृति का निर्माण भी करते हैं।

कु0 मधु गुप्ता मोतीवर्क में झूमर, तोरण, कार्टन, जैम्बो, कण्डील, बैंक, पर्स आदि डेकोरेटिव आईटम तैयार करती हैं। इनके द्वारा तैयार किये गये एक इंच से लेकर पांच फीट तक की डॉल्स, किचन डॉल्स, पपेट्स की काफी मांग है।

देश के बुनकरो एवं प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियों द्वारा जो उच्च स्तरीय हथकरघा उत्पादों का उत्पादन करते हैं, के द्वारा एक्सपो में प्रतिभाग किया जा रहा है। गत वर्षों से देहरादून का नैशनल हैण्डलूम एक्सपो देश में अपनी एक विशिष्ट छाप छोड़ने में सफल रहा है।

इस वर्ष इस आयोजन में उत्तराखण्ड राज्य के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, नई दिल्ली, पंजाब, गुजरात, ओड़ीसा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल,राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडु आदि कुल 15 राज्यों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। एक्सपो में देहरादून सहित राज्य के विभिन्न भागों के लोगों द्वारा यहां सम्पूर्ण भारत वर्ष से आये हुये विशिष्ट हथकरघा उत्पादों को बड़ी उत्सुक्ता से क्रय किया जाता है। क्यांकि एक्सपो में हथकरघा उत्पादों की बहुत बड़ी रेंज उपलब्ध होती है, देहरादून के लोग प्रतिवर्ष बड़ी उत्सुक्ता से इस आयोजन की प्रतीक्षा करते हैं।

एक्सपों में इस वर्ष भी विभिन्न राज्यों के शॉल, जयपुरी रजाई, कांजीवरम सिल्क, बनारसी साड़ियां, बेडशीट, बेडकवर, ऊनी पश्मीना शॉल, टोपी कालीन, शॉल आदि देहरादूनवासियों के लिए उपलब्ध हैं। दर्शकों के लिये जयपुर की रजाईयां एवं चादर, जम्मू कश्मीर के पश्मीना शॉल, पश्चिम बंगाल की जमदानी बालचौरी साड़ियां, उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ियां, कर्नाटक की चिन्तामणि एवं कांजीवरम साड़ियां, ओड़िसा की इक्कत, समबलपुरी बोकाई साड़ियां, बिहार की टसर साड़ियां, मध्य प्रदेश की चन्देरी एवं महेश्वरी सांड़िया, हिमाचल की कूल्लु शॉल एवं हिमाचली टोपी, पंजाब की फुलकारी उत्पाद, असोम का पटोला ड्रेस मैटिरियल, बिहार की टसर साड़ियां एवं भागलपुरी ड्रेस मैटिरियल, तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क साड़ियां विपणन हेतु उपलब्ध हैं।

प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल एवं हरिद्वार के बुनकरों द्वारा उत्पादित ऊनी उत्पाद अंगोरा एवं ऊनी शॉल, थूलमा, चुटका,टवीड, पंखी, टोपी, मफलर आदि उत्पाद भी विपणन हेतु उपलब्ध हैं। इस वर्ष उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के जनपद स्तरीय उत्पादन केन्द्रों द्वारा भी एक्सपो मे प्रतिभाग किया जा रहा है। नाबार्ड के माध्यम से भी उत्तराखण्ड सहित विभिन्न राज्यों के हथकरघा इकाईयों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। ट्राइफेड के माध्यम से सम्पूर्ण देश के जनजातीय क्षेत्रों के हथकरघा बुनकरों द्वारा तैयार किये गये हथकरघा उत्पाद भी एक्सपो में विपणन हेतु उपलब्ध हैं।

इस वर्ष नैशनल हैण्डलूम एक्सपो में लगभग 200 स्टॉल लगाये गये हैं, जिसके अन्तर्गत लगभग 45 स्टॉल उत्तराखण्ड राज्य के बुनकरों के लिये आरक्षित किये गये हैं।

उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद, जो राज्य में हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों के समृद्ध विकास के लिये गठित शीर्ष संस्था है, द्वारा राज्य के विशिष्ट उत्पादों को हिमाद्रि ब्राण्ड नेम के अन्तर्गत प्रोत्साहित किया जा रहा है। नैशनल हैण्डलूम एक्सपो में हिमाद्रि मण्डप में हथकरघा उत्पादों के साथ-साथ हस्तशिल्पियों को भी विपणन के लिये स्थान उपलब्ध कराया गया है।

हिमाद्रि मण्डप में एकीकृत हस्तशिल्प विकास एवं प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्रतिष्ठित डिजाइन संस्थाओं के डिजाइनरों के माध्यम से राज्य के 15 विकासखण्डों में विकसित किये गये नवीन उत्पादों को भी प्रदर्शन/विपणन हेतु प्रस्तुत किया किया गया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More